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गोपलगंज में बाढ़ से 6 पंचायतों के 21 गांव डूबे, 1000 लोगों किया गया रेस्क्यू - नेपाल के तराई में बारिश

बाल्मीकि नगर बराज से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गोपालगंज जिले के सदर प्रखंड के 6 पंचायतों के 21 गांद पानी में डूब गए हैं. यहां से 1000 लोगों को रेस्क्यू करके निकाला गया है..

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नाव पर जिंदगी की नैया
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Published : Jun 18, 2021, 10:24 PM IST

गोपालगंजः मानसून (Monsoon In Bihar) के आने के साथ ही बिहार एक बार फिर से जलमग्न है. बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. खास तौर पर नेपाल से सटे हिस्सों में लोग पलायन करने की स्थिति में आ गए हैं. गोपालगंज के सदर प्रखंड (Gopalganj Sadar Block) का भी यही हाल है. यहां के 6 पंचायतों के 21 गांव बाढ़ के पानी (Flood Water) में डूबे हैं. इलाके से अभी तक एक हजार लोगों को रेस्क्यू (Rescue) कर बाहर निकाला गया है.

इसे भी पढ़ेंः Flood In Bagaha: नैनाहा गांव में टूटा एप्रोच पथ, ग्रामीण नाव से कर रहे पलायन

क्यों बने बाढ़ के हालात?
दरअसल बिहार में मानसून के आने के बाद से लगातार बारिश हुई है. वहीं नेपाल के तराई (Terai of Nepal) वाले इलाके में भी लगातार बारिश हो रही है. इधर लगातार बारिश के कारण बाल्मीकि नगर बराज (Valmiki Nagar Barrage) से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी (Cusec water) छोड़ा गया है.

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नाव के जरिए गांव जाते ग्रामीण से बात करते ईटीवी भारत के रिपोर्टर

इसके कारण बेतिया और गोपालगंज से होकर गुजरने वाली गंडक का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. गंडक में जलस्तर बढ़ने के कारण उसका पानी आसपास के गांवों में घुस गया है. जिसके कारण बाढ़ जैसे हालात (Situation like Flood) बने है.

6 पंचायत के 21गांव पानी में डूबे
गंडक के जलस्तर में हुई अचानक वृद्धि के कारण दियरा इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. जिले के सदर प्रखंड के 6 पंचायत के 21 गांव गंड़क के पानी में डूब गए हैं. इस बीच रेस्क्यू का काम भी जारी है. निचले इलाके में रहने वाले 1 हजार लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है. बताया जाता है कि इन गांवों के 7 से 8 सौ घर में बाढ़ का पानी घुस गया था और 5 सौ घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं.

देखें वीडियो

नाव ही एक सहारा है?
गोपालगंज सदर प्रखंड के 21 गांवों में गंडक का पानी घुसा है. जिसके कारण यहां के लोगों को पानी के बीच ही जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. आवागमन के सारे रास्ते बंद हो गए हैं, ऐसे में अब नाव ही एक मात्र सहारा है. लेकिन लोगों के विपदा की घड़ी में सरकारी नाव भी नहीं मिल रही है. दियरा इलाके के बाढ़ पीड़ित लोगों को अपने पैसे खर्च करके आवगमन करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ेंः Flood Situation in Bettiah: हर साल बाढ़ आते ही टापू बन जाता है ये गांव, जानें वजह..

क्या कहते हैं ग्रामीण?
नाव से घर जा रहे मोहम्मद साकिब कहते हैं कि सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली है. वे कहते हैं कि घर में पानी लगा है उसी में रह रहे हैं, नाव के सहारे खाने-पीने का सामान घर तक लेकर जा रहे हैं. वहीं सगीर अंसारी कहते हैं कि घर में पानी घुस आया है और खाने पीने की दिक्कते हो रही हैं. वहीं नाव से गांव की ओर जा रही महिला ने बताया कि उनके घर में पानी नहीं घुसा है. लेकिन आस-पास के इलाके पानी से भरे. बिजली से लेकर खाने-पीने तक पर आफत आ रही है.

क्या कहता है प्रशासन?
इस संदर्भ में सदर सीओ विजय कुमार ने बताया की बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 5 स्थानों पर शरणस्थली बनाई गई है. वहीं कम्युनिटी किचेन चालू करने को लेकर बात चल रही है.

जल्द ही कम्यूनिटी किचेन चालू की जाएगी क्योंकि अधिकांश लोग अपने-अपने रिश्तेदारों या फिर खुद के बनाये घरों में रह रहे हैं. जो आश्रयहीन हैं, उन्हें जल्द ही आश्रय दिया जाएगा.

5 पंचायतों के 20 गांवों में घपसा है पानी

क्रम. सं. पंचायतों के नाम गांवों के नाम
1ख़्वाजेपुर डोमाहाताकटघरवा, खाप मकसूदपुर, मंझरिया,
2कटघरवा डोमाहाता, कटघरवा, खाप मकसूदपुर, मंझवरिया
3जगीरी टोला जगीरी टोला, मौजे, बुंदेला चौधरी का टोला, मलाही टोला, कमल चौधरी का टोला, मंगुरहा, रामनगर
4यादोपुर दुःख हरणमेहन्दीया, हिरापकड
5बरइपट्टीनिरंजना, गम्हरिया
5रामपुर टेनग्राहीरामपुर टेनग्राही, सेमराही, राजवाहि, भसही

बाढ़ पीड़ितों के लिए शरणस्थली
सदर प्रखंड के गांवों के बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन ने 6 जगहों पर शरणस्थली बनाई है. ये शरणस्थलियां 1. म.वि मंगुरहा, 2. म.वि राजोखर, 3. म.वि सतुआहा, 4. म.वि मलाही टोला विशुनपुर, 5. रामनगर कामेश्वर सिंह के घर के पास और खैरटिया में स्थित हैं.

गोपालगंजः मानसून (Monsoon In Bihar) के आने के साथ ही बिहार एक बार फिर से जलमग्न है. बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं. खास तौर पर नेपाल से सटे हिस्सों में लोग पलायन करने की स्थिति में आ गए हैं. गोपालगंज के सदर प्रखंड (Gopalganj Sadar Block) का भी यही हाल है. यहां के 6 पंचायतों के 21 गांव बाढ़ के पानी (Flood Water) में डूबे हैं. इलाके से अभी तक एक हजार लोगों को रेस्क्यू (Rescue) कर बाहर निकाला गया है.

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क्यों बने बाढ़ के हालात?
दरअसल बिहार में मानसून के आने के बाद से लगातार बारिश हुई है. वहीं नेपाल के तराई (Terai of Nepal) वाले इलाके में भी लगातार बारिश हो रही है. इधर लगातार बारिश के कारण बाल्मीकि नगर बराज (Valmiki Nagar Barrage) से 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी (Cusec water) छोड़ा गया है.

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नाव के जरिए गांव जाते ग्रामीण से बात करते ईटीवी भारत के रिपोर्टर

इसके कारण बेतिया और गोपालगंज से होकर गुजरने वाली गंडक का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है. गंडक में जलस्तर बढ़ने के कारण उसका पानी आसपास के गांवों में घुस गया है. जिसके कारण बाढ़ जैसे हालात (Situation like Flood) बने है.

6 पंचायत के 21गांव पानी में डूबे
गंडक के जलस्तर में हुई अचानक वृद्धि के कारण दियरा इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. जिले के सदर प्रखंड के 6 पंचायत के 21 गांव गंड़क के पानी में डूब गए हैं. इस बीच रेस्क्यू का काम भी जारी है. निचले इलाके में रहने वाले 1 हजार लोगों को रेस्क्यू करके बाहर निकाला गया है. बताया जाता है कि इन गांवों के 7 से 8 सौ घर में बाढ़ का पानी घुस गया था और 5 सौ घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं.

देखें वीडियो

नाव ही एक सहारा है?
गोपालगंज सदर प्रखंड के 21 गांवों में गंडक का पानी घुसा है. जिसके कारण यहां के लोगों को पानी के बीच ही जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. आवागमन के सारे रास्ते बंद हो गए हैं, ऐसे में अब नाव ही एक मात्र सहारा है. लेकिन लोगों के विपदा की घड़ी में सरकारी नाव भी नहीं मिल रही है. दियरा इलाके के बाढ़ पीड़ित लोगों को अपने पैसे खर्च करके आवगमन करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ेंः Flood Situation in Bettiah: हर साल बाढ़ आते ही टापू बन जाता है ये गांव, जानें वजह..

क्या कहते हैं ग्रामीण?
नाव से घर जा रहे मोहम्मद साकिब कहते हैं कि सरकार की ओर से कोई सुविधा नहीं मिली है. वे कहते हैं कि घर में पानी लगा है उसी में रह रहे हैं, नाव के सहारे खाने-पीने का सामान घर तक लेकर जा रहे हैं. वहीं सगीर अंसारी कहते हैं कि घर में पानी घुस आया है और खाने पीने की दिक्कते हो रही हैं. वहीं नाव से गांव की ओर जा रही महिला ने बताया कि उनके घर में पानी नहीं घुसा है. लेकिन आस-पास के इलाके पानी से भरे. बिजली से लेकर खाने-पीने तक पर आफत आ रही है.

क्या कहता है प्रशासन?
इस संदर्भ में सदर सीओ विजय कुमार ने बताया की बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 5 स्थानों पर शरणस्थली बनाई गई है. वहीं कम्युनिटी किचेन चालू करने को लेकर बात चल रही है.

जल्द ही कम्यूनिटी किचेन चालू की जाएगी क्योंकि अधिकांश लोग अपने-अपने रिश्तेदारों या फिर खुद के बनाये घरों में रह रहे हैं. जो आश्रयहीन हैं, उन्हें जल्द ही आश्रय दिया जाएगा.

5 पंचायतों के 20 गांवों में घपसा है पानी

क्रम. सं. पंचायतों के नाम गांवों के नाम
1ख़्वाजेपुर डोमाहाताकटघरवा, खाप मकसूदपुर, मंझरिया,
2कटघरवा डोमाहाता, कटघरवा, खाप मकसूदपुर, मंझवरिया
3जगीरी टोला जगीरी टोला, मौजे, बुंदेला चौधरी का टोला, मलाही टोला, कमल चौधरी का टोला, मंगुरहा, रामनगर
4यादोपुर दुःख हरणमेहन्दीया, हिरापकड
5बरइपट्टीनिरंजना, गम्हरिया
5रामपुर टेनग्राहीरामपुर टेनग्राही, सेमराही, राजवाहि, भसही

बाढ़ पीड़ितों के लिए शरणस्थली
सदर प्रखंड के गांवों के बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन ने 6 जगहों पर शरणस्थली बनाई है. ये शरणस्थलियां 1. म.वि मंगुरहा, 2. म.वि राजोखर, 3. म.वि सतुआहा, 4. म.वि मलाही टोला विशुनपुर, 5. रामनगर कामेश्वर सिंह के घर के पास और खैरटिया में स्थित हैं.

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