गोपालगंज: सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे तो करती है. लेकिन जिले के एक अनुमंडल अस्पताल सरकार के दावे को खोखला साबित कर रहा है. ये अस्पताल डॉक्टरों का भारी कमी से जूझ रहा है. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मामला जिले के हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल का है. इस अस्पताल में एक सौ बेड की व्यवस्था है. लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों का भारी कमी है. इस अस्पताल में डॉक्टरों के लिए कुल 18 पद स्वीकृत है. लेकिन यहां महज 3 ही डॉक्टर हैं. इन डॉक्टरों में दो डॉक्टर आयुष और एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं. यहां एक भी महिला डॉक्टर नहीं होने से महिला मरीजों को काफी परेशानी होती है.
एक भी नहीं है महिला डॉक्टर
हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में महिला डॉक्टरों के नहीं होने से महिलाओं का इलाज ठीक से नहीं हो पाता है. इस अस्पताल की एएनएम ही महिलाओं के प्रसव समस्या को देखती हैं. ज्यादा महिलाओं को प्राइवेट अस्पताल का ही सहारा लेना पड़ता है. वहीं, मरीजों का कहना है कि डॉक्टरों की कमी से इलाज उचित ढंग से नहीं हो पाता है. प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता है.
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'कई बार लिखा गया पत्र'
डॉ. संतोष कुमार यादव ने बताया कि 18 डॉक्टर के बदले यहां 3 डॉक्टर ही यहां काम कर रहे हैं. तीन डॉक्टर ही 24 घंटे ड्यूटी करते हैं. इससे काफी समस्या हो रही है. यहां महिला चिकित्सक पिछले एक साल से नहीं है. हम लोग को ही महिलाओं का भी इलाज करना पड़ता है. डॉक्टरों की पर्याप्त संख्या होती, तो मरीजों को बेहतर सुविधा मिलती. डॉक्टरों की बहाल के लिए कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.