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गोपालगंज: लगातार हो रही बारिश से तटबंधों पर पड़ा रेनकट, दहशत में लोग

लगातार बारिश से तटबंध पर कई जगह रेनकट होने लगा है. तटबंध पर कई जगह दरारें के कारण लोगों में दहशत का माहौल है.

तटबंध पर रेनकट
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Published : Jul 13, 2019, 5:31 PM IST

गोपालगंज: एक ओर जहां भीषण गर्मी और सुखाड़ की समस्या से लोग परेशान थे, वहीं अब लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. अत्यधिक बारिश होने के कारण कई पेड़-पौधे गिर रहे हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. तटबंधों पर कई जगह रेनकट हो गई हैं. जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.

लगातार बारिश से तटबंध पर रेनकट
गोपालगंज जिले में हो रही लगातार बारिश से तटबंध पर कई जगह रेनकट होने लगा है. बांध में दरारें आने लगी है. ऐसे में अगर गंडक नदी में पानी का दबाव बढ़ता है तो जिले के मुख्य बांध को बचाना मुश्किल हो जाएगा. सदर प्रखंड के कई इलाकों में दोबारा बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ सकती है.

gopalganj
तटबंध पर रेनकट

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
सदर प्रखंड के सारण तटबंध पर कई जगह दरारें होने के कारण लोग दहशत में है. हालांकि प्रशासन द्वारा कुछ जगहों को मिट्टी से भरा जा रहा है. लेकिन स्थानीय लोग प्रशासनिक कार्यवाई से सन्तुष्ट नहीं हैं. उनका मानना है कि प्रशासन पूरे बांध पर नजर नहीं रख रही है. अधिकारी आधा अधूरा निरीक्षण कर वापस चले जाते हैं जिस कारण बांध के कई हिस्से रेनकट से क्षतिग्रस्त हो गए.

gopalganj
नदी का बढ़ा जलस्तर

प्रभावित क्षेत्र के लोगों को किया गया अलर्ट
ज्ञात हो कि बाल्मीकि नगर गंडक बराज से 90,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से संभावित बाढ़ के खतरे से लोग भयभीत हैं. सारण तटबंध के निचले इलाके में गंडक नदी में उफान की स्थिति बनने लगी है. ग्रामीणों का कहना है कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदी के जलस्तर में और वृद्धि हुई है. हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. प्रशासन की तरफ से बांधों का जायजा लिया जा रहा है.

पेश है रिपोर्ट

तटबंध की बढ़ाई गई सुरक्षा
प्रशासन के हाई अलर्ट जारी करने के बाद तटबंध की निगरानी और सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संवेदनशील स्थानों पर कैंप किया जा रहा है. बिशनपुर गांव के पास रेनकट दिखाते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां हमेशा से ही बाढ़ की समस्या बनी रहती है. इस बार लगातार बारिश होने से रेनकट हो गया है जिससे हमेशा डर बना रहता है.

बांध की मरम्मती के लिए 12 अरब रुपये किये गये खर्च
जानकारी के मुताबिक बांध की मरम्मती के लिए 12 अरब रुपये खर्च किये गए हैं. बावजूद इसके बांध की सुरक्षा पूर्ण रूप से नहीं की जा रही है. पतहरा बांध के नीचे जल स्तर को मापने के लिए यंत्र लगाया गया है ताकि पानी की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके.

प्रशासन अलर्ट
इस संदर्भ में सदर प्रखंड के बीडीओ पंकज शक्तिधर ने कहा कि लगातार हो रही बारिश को देखते हुए तटबंध का निरीक्षण किया जा रहा है. एक-एक किलोमीटर पर होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है. इंजीनियर्स को भी तैनात किया गया है ताकि तटबंध क्षतिग्रस्त होने पर समय रहते दुरुस्त किया जा सके.

गोपालगंज: एक ओर जहां भीषण गर्मी और सुखाड़ की समस्या से लोग परेशान थे, वहीं अब लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. अत्यधिक बारिश होने के कारण कई पेड़-पौधे गिर रहे हैं. नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. तटबंधों पर कई जगह रेनकट हो गई हैं. जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.

लगातार बारिश से तटबंध पर रेनकट
गोपालगंज जिले में हो रही लगातार बारिश से तटबंध पर कई जगह रेनकट होने लगा है. बांध में दरारें आने लगी है. ऐसे में अगर गंडक नदी में पानी का दबाव बढ़ता है तो जिले के मुख्य बांध को बचाना मुश्किल हो जाएगा. सदर प्रखंड के कई इलाकों में दोबारा बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ सकती है.

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तटबंध पर रेनकट

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
सदर प्रखंड के सारण तटबंध पर कई जगह दरारें होने के कारण लोग दहशत में है. हालांकि प्रशासन द्वारा कुछ जगहों को मिट्टी से भरा जा रहा है. लेकिन स्थानीय लोग प्रशासनिक कार्यवाई से सन्तुष्ट नहीं हैं. उनका मानना है कि प्रशासन पूरे बांध पर नजर नहीं रख रही है. अधिकारी आधा अधूरा निरीक्षण कर वापस चले जाते हैं जिस कारण बांध के कई हिस्से रेनकट से क्षतिग्रस्त हो गए.

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नदी का बढ़ा जलस्तर

प्रभावित क्षेत्र के लोगों को किया गया अलर्ट
ज्ञात हो कि बाल्मीकि नगर गंडक बराज से 90,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से संभावित बाढ़ के खतरे से लोग भयभीत हैं. सारण तटबंध के निचले इलाके में गंडक नदी में उफान की स्थिति बनने लगी है. ग्रामीणों का कहना है कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से नदी के जलस्तर में और वृद्धि हुई है. हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. प्रशासन की तरफ से बांधों का जायजा लिया जा रहा है.

पेश है रिपोर्ट

तटबंध की बढ़ाई गई सुरक्षा
प्रशासन के हाई अलर्ट जारी करने के बाद तटबंध की निगरानी और सुरक्षा बढ़ा दी गई है. संवेदनशील स्थानों पर कैंप किया जा रहा है. बिशनपुर गांव के पास रेनकट दिखाते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां हमेशा से ही बाढ़ की समस्या बनी रहती है. इस बार लगातार बारिश होने से रेनकट हो गया है जिससे हमेशा डर बना रहता है.

बांध की मरम्मती के लिए 12 अरब रुपये किये गये खर्च
जानकारी के मुताबिक बांध की मरम्मती के लिए 12 अरब रुपये खर्च किये गए हैं. बावजूद इसके बांध की सुरक्षा पूर्ण रूप से नहीं की जा रही है. पतहरा बांध के नीचे जल स्तर को मापने के लिए यंत्र लगाया गया है ताकि पानी की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके.

प्रशासन अलर्ट
इस संदर्भ में सदर प्रखंड के बीडीओ पंकज शक्तिधर ने कहा कि लगातार हो रही बारिश को देखते हुए तटबंध का निरीक्षण किया जा रहा है. एक-एक किलोमीटर पर होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है. इंजीनियर्स को भी तैनात किया गया है ताकि तटबंध क्षतिग्रस्त होने पर समय रहते दुरुस्त किया जा सके.

Intro:एक ओर जहां भीषण गर्मी से निजात दिलाने व सुखाड़ की स्थिति देखते हुए लोग काफि परेशान थे। चारो ओर वर्षा नही होने के कारण हाहाकार मचा था लेकिन लगातार तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश भी लोगो को बेचैन कर रही है।।अत्यधिक बारिश होने के कारण कई पेड़ पौधे गिर रहे है वही सारण तटबंध में जगह जगह रेन कट हो गई है जिसके कारण बांध के नीचे बसने वाले लोग दहशत में है।


Body:गोपालगंज जिले में हो रही लगातार बारिश से तटबंध में कई जगह रेनकट होने लगा है। तटबन्ध में जगह जगह रेन कट होने से बांध में दरारें आ गई है। लगातार दरार होने से उनकी मजबूती भी कम हुई इसके साथ ही अगर गंडक में पानी का दबाव बढ़ता है तब सारण मुख्य बांध को बचाना मुश्किल हो जाएगा और फिर सदर प्रखंड के कई इलाकों में दोबारा बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ सकती है। सदर प्रखंड के सारण तटबंध पर कई जगह दरारें होने के कारण लोग दहशत में है हालांकि प्रशासन द्वारा कुछ जगहों पर बोरियों में भरकर मिट्टी की भराई की जा रही है। लेकिन स्थानीय लोग प्रशासनिक कार्यवाई से सन्तुष्ट नही है। उनका मानना है कि प्रशासन पूरे बांध पर नजर नहीं रख रहे कुछ ही जगह पर निरीक्षण कर वापस चले जा रहे है। जिसके कारण बांध के कई हिस्से रेनकट से क्षतिग्रस्त हो गए। ज्ञात हो कि बाल्मीकि नगर गंडक बराज से 90000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से संभावित बाढ़ के खतरे से लोग भयभीत हैं। सारण तटबंध के निचले इलाके में गंडक नदी में उफान की स्थिति बनने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। इसके साथ ही 3 दिन से हो रही बारिश से नदी का जलस्तर में और वृद्धि हुई है। ऐसे हालात को देखते हुए निचले हिस्से में रहने वाले लोगो को अलर्ट कर दिया गया है प्रशासन की तरफ से बांधों का जायजा लिया जा रहा है प्रशासन के हाई एलर्ट जारी करने के बाद तटबंध की निगरानी और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। संवेदनशील स्थानों पर कैंप किया जा रहा हैं। बिशनपुर गांव के पास रेनकोट को दिखाते हुए राजाराम यादव ने बताया कि यहां हमेशा से ही बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है। इस बार लगातार बारिश होने से रेन कट हो गया है। जिससे हमेशा डर बना हुआ रहता है। जिला प्रशासन वे अधिकारी कुछ जगह ही जायजा लेकर चल जाते है। बताया जाता है कि बांध के मरमती को लेकर 12 अरब रुपये खर्च किये गए है बावजूद बांध की सुरक्षा पूर्ण रूप से नही हो रही है। पतहरा बांध के नीचे जल स्तर के लिए मापी यंत्र लगाया गया है। ताकि पानी की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके। इस संदर्भ में सदर प्रखंड के बीडीओ पंकज शक्तिधर ने कहा कि लगातार हो रही बारिश को देखते हुए तटबंध का निरीक्षण किया गया ताकि तटबन्ध को क्षतिग्रस्त होने पर समय रहते दुरुस्त किया जा सके।





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