गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के कुचायकोट थाना क्षेत्र (Kuchaykot Police Statio) के बघौच गांव के पास उत्पाद विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक एंबुलेंस से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब (Liquor recovered From ambulance In Gopalganj) बरामद की. इस दौरान विभाग की टीम ने एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया. गिरफ्तार तस्कर के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया. बताया जाता है कि वो इस शराब को यूपी से मोतिहारी के अरेराज लेकर जा रहा था. इसी बीच उत्पाद विभाग की टीम ने तस्कर के मंसूबों पर पानी फेर दिया.
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73 पेटी अंग्रेजी शराब बरामदः उत्पाद विभाग के अधीक्षक को सूचना मिली थी कि एंबुलेंस के द्वारा शराब की बड़ी खेप यूपी से बिहार आ रही है. प्राप्त सूचना के आधार पर उत्पाद विभाग की टीम ने कुचायकोट थाना क्षेत्र के बघौच गांव के पास वाहन जांच अभियान शुरू किया. जांच के दौरान पहुंची एंबुलेंस को रोककर उसकी तलाशी ली गई, तो एंबुलेंस में बने तहखाने से भारी मात्रा में 73 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की गई. साथ ही एंबुलेंस चालक को उत्पाद विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर लिया, जो पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर का रहने वाला है.
"गुप्त सूचना मिली थी की एंबुलेंस से शराब की बड़ी खेप यूपी से बिहार आ रही है. इसी सूचना के आधार पर यूपी सीमा से आने वाले सभी वाहनों की तलाशी ली गई तो पता चला कि एंबुलेंस में तहखाना बना कर शराब कर तस्करी की जा रही है. इसमें लगभग 73 कॉर्टन शराब रखी गयी थी. जिसकी कीमत करीब साढ़े 7 लाख रुपये आंकी गयी है. एंबुलेंस के साथ चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. चालक की पहचान पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर निवासी आदित्य कुमार के रूप में की गई है"- राकेश कुमार, उत्पाद अधीक्षक
2016 से ही पूर्ण शराबबंदी कानून लागूः दरअसल सूबे में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) कानून लागू है. इसके बावजूद शराब कारोबारियों पर शराबबंदी कानून का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा. आए दिन शराब तस्करों द्वारा शराब के बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती है. इतना ही नहीं शराब तस्करी के लिए नए-नए तरीके इजाद कर शराब तस्कर शराब की तस्करी कर रहे हैं. आए दिन गिरफ्तारी भी होती है, लेकिन सिर्फ पीने वाले गरीब लोग और चालक ही पकड़े जाते हैं, बड़े शराब तस्कर अभी भी आजाद घूम रहे हैं. बता दें कि 25 फरवरी 2022, को बिहार के शराबबंदी कानून के चलते अदालतों में बढ़ते मुकदमों की संख्या पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाया था. कोर्ट ने सरकार से कहा था कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू करने के पहले राज्य सरकार में कोई अध्ययन किया या इसके लिए किसी तरह की तैयारी की?
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