गोपालगंज : जिले के कविलासपुर गांव में बसे बाढ़ कटाव पीड़ित लॉकडाउन की वजह से खाने के मोहताज हो गए थे. इन गरीबों की कोई मदद करने नही पहुंच रहा था. लेकिन ईटीवी भारत ने इन गरीबों की दर्द को खबरों के माध्यम से प्रकाशित किया. जिसके बाद गोपालगंज पुलिस ने दरियादिली दिखाते हुए खाद्य सामग्री वितरण कर मायूस चेहरों पर खुशियां लौटा दिया है.
पुलिस ने 45 परिवारों को मुहैया कराई खाद्य सामग्री
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित किया गया है, जिसके बाद कई गरीब परिवारों के बीच खाने की मुशीबत खड़ी हो गई है. ईटीवी भारत लगातार जरूरतमंदों के बीच पहुंच कर उनके दुख दर्द को अपने खबरों के मध्यम से लोगो का ध्यान आकृष्ट कराने की कोशिश करता रहा है. जिसका बड़ा असर हुआ है, और गोपालगंज पुलिस के माध्यम से करीब 45 परिवारों को खाद्य सामग्री मुहैया कराई गई है.
अब हम लोग खुश हैं - मजदूर
जहां कल तक इन महिला के आंखों की आंसू नहीं सुख नहीं रही थी. इनके बच्चे भूख से बिलबिला रहे थे. लेकिन खाद्य सामग्री प्राप्त करते ही इनके चेहरे पर खुशियां झलकने लगी है और तुरंत अपने चूल्हे को जलाकर खाना बनाना भी शुरू कर दिया. इन गरीबों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि खबर दिखाने के बाद हम लोगों को अब सुविधा मिल रही है. पहले कोई देखने नहीं आता था. खाने के मोहताज थे. अब हम लोग खुश है. वहीं, एसडीपीओ नरेश पासवान ने कहा कि ईटीवी भारत द्वारा प्रसारित खबर देखने के बाद तुरंत करवाई करते हुए एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा उन गरीबों की मदद करने के लिए खाद्य सामग्री प्रदान की गई है.
ये भी पढ़े - 'लॉकडाउन में खाने के बिना मर रहे हैं साहेब'
ईटीवी भारत की खबर
ज्ञातव्य हो जिले के मांझा प्रखण्ड के कविलासपुर नहर के बांध पर बसे कटाव पीड़ित है. करीब 45 घर वर्षो से झोपड़ी बनाकर रह रहे है, जो रोज कमा कर खाते है. लेकिन लॉकडाउन के बाद इनके सामने खाने की समस्या उतपन्न हो गई. बाहर निकलने पर पुलिस इन्हें डंडे से मारती है. मजबूरन ये लोग किसी तरह घर में भूखे रहते थे. लेकिन इसकी जानकारी जैसे ही हमारे संवाददाता को हुई. वैसे ही मौके पर पहुंच कर उनके दर्द को 'खाने के बिना मर रहे है साहेब' शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया गया था. जिस पर अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी नरेश पासवन ने खबर को पढ़ कर तुरंत जरूरतमंदों को मदद करने के लिए अपनी हाथ बढ़ाई और सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार से गरीबों के बीच खाद्य सामग्री वितरण करने को कही, जिसके बाद उन गरीबो को सुविधा मिलने लगी.