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25 दिन में सुनवाई पूरी, 5 महीने में दुष्कर्म और हत्या के दोषी को फांसी की सजा - गोपालगंज कोर्ट

गोपालगंज के सिधवलिया थाना क्षेत्र की 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी जय किशोर साह को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 25 दिन में सुनवाई पूरी की. घटना के पांच माह के अंदर दोषी को सजा सुना दी गई.

gopalganj civil court
गोपालगंज न्यायालय
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Published : Feb 20, 2021, 9:02 PM IST

गोपालगंज: जिले के सिधवलिया थाना क्षेत्र की 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. गोपालगंज व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालेन्दु शुक्ला की अदालत में 25 दिन में सुनवाई पूरी हुई और दोषी को अधिकतम सजा दी गई.

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गौरतलब है कि सिधवलिया थाना क्षेत्र की बच्ची के साथ जय किशोर साह ने दुष्कर्म किया था. इसके बाद उसने बच्ची की हत्या कर दी थी और शव को छिपा दिया था. मृतक बच्ची के पिता ने सिधवलिया थाना में केस दर्ज कराया था. जय किशोर साह पर आईपीसी की धारा 302, 201, 376 ऐ ,बी धारा 6 और 10 पास्को एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

इस मामले में कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल चलाया. घटना के पांच महीने के अंदर दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही कोर्ट ने 1.2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से वकील दारोगा सिंह और बचाव पक्ष की ओर से वकील आबू समीम अंसारी ने पक्ष रखा. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि पीड़ित परिजन को 6 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए.

गोपालगंज: जिले के सिधवलिया थाना क्षेत्र की 9 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. गोपालगंज व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बालेन्दु शुक्ला की अदालत में 25 दिन में सुनवाई पूरी हुई और दोषी को अधिकतम सजा दी गई.

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गौरतलब है कि सिधवलिया थाना क्षेत्र की बच्ची के साथ जय किशोर साह ने दुष्कर्म किया था. इसके बाद उसने बच्ची की हत्या कर दी थी और शव को छिपा दिया था. मृतक बच्ची के पिता ने सिधवलिया थाना में केस दर्ज कराया था. जय किशोर साह पर आईपीसी की धारा 302, 201, 376 ऐ ,बी धारा 6 और 10 पास्को एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी.

इस मामले में कोर्ट ने स्पीडी ट्रायल चलाया. घटना के पांच महीने के अंदर दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही कोर्ट ने 1.2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से वकील दारोगा सिंह और बचाव पक्ष की ओर से वकील आबू समीम अंसारी ने पक्ष रखा. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि पीड़ित परिजन को 6 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए.

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