गोपालगंज: जिले के पांच प्रखण्ड बाढ़ की चपेट में है. वहीं, जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर बरौली प्रखण्ड के सुरवल गांव की स्थिति बद से बदत्तर है. बाढ़ से घिर चुके इन पीड़ित परिवार के लोगों को अब तक प्रशासनिक सुविधाएं नहीं मिली है. ये सभी लोग घुटने भर पानी में रहने को विवश हैं. इससे लोगों में काफी गुस्सा है.
23 जुलाई की रात बाल्मीकि नगर बराज से छोड़े गए साढ़े 4 लाख क्यूसेक पानी के कारण ये तबाही मची है. इसी वजह से कई गांव के लोग मुश्किल में आ गए हैं. लोगों के घरों में पानी घुस जाने के कारण वो छत पर प्लास्टिक लगाकर रह रहे हैं या फिर जिनको छत नही था, वो घर छोड़कर पलायन कर चुके हैं. यहां के लोगों का आवागमन का एक मात्र सहारा नाव ही है.
'रहने के साथ खाने की भी समस्या उत्पन्न'
इस गांव के लोगों ने ईटीवी भारत को बताया कि हम सभी के सामने रहने के साथ-साथ खाने की भी समस्या उत्पन्न हो गई है. प्रशासन की ओर से मात्र दस दिनों तक ही कम्यूनिटी किचेन चलाई गई. इसके बाद इसे बंद कर दिया गया. वो सभी ग्रामीण सामाजिक संगठन या फिर मदद करने वालों पर ही निर्भर हैं. वहीं, प्राइवेट नाव वाले आवागमन के लिए मजबूरी में मनमाने पैसे ले रहे हैं.
'कोई भी अधिकारी नहीं किया क्षेत्र का दौरा'
ईटीवी भारत संवाददाता जब इन सभी लोगों का हाल-चाल जानने पहुंचा तो लोगों ने कहा कि आप पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो हमारा दुख जानने पहुंचे हैं. आज तक किसी ने भी हमारी परेशानी जानने की कोशिश नहीं की. कोई भी सरकारी अधिकारी कभी भी इस क्षेत्र का दौरा नहीं किया. हम सभी गांव वालों के सामने खाने की काफी समस्या हो गई है, लेकिन सरकारी स्तर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है.