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गोपालगंज में स्लीपर सेल की गिरफ्तारी के बाद फर्जी ID वाले सिम कार्ड पर नकेल, 106 लोगों के खिलाफ FIR - etv news

गोपालगंज में एनआईए ने लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े स्लीपर सेल की गिरफ्तारी के बाद उनसे फर्जी दस्तावेजों पर जारी कई सिम कार्ड बरामद किए (NIA arrested suspect linked with Lashkar e Taiba in Gopalganj) गए थे. जिसके बाद गोपालगंज में पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. गोपालगंज में पुलिस ने फर्जी दस्तावेज पर सिमकार्ड लेने वाले 106 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पढ़ें पूरी खबर..

फर्जी ID वाले सिम कार्ड पर नकेल
फर्जी ID वाले सिम कार्ड पर नकेल
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Published : May 21, 2022, 9:20 PM IST

गोपालगंज: लश्कर के स्लीपर सेल पकड़ाने और उनके पास से फर्जी दस्तावेजों पर जारी कई सिम कार्ड बरामद होने के बाद से बिहार पुलिस एक्शन मोड में है. गोपालगंज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड लेने वाले 106 लोगों के खिलाफ अलग-अलग थानों में 12 एफआईआर दर्ज की गई (FIR filed against 106 people for taking sim on fake documents) हैं. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार के निर्देश पर खुफिया विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार की गई है. दर्ज एफआईआर में मोबाइल सिम कार्ड कंपनियों के रिटेलर और ग्राहक शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पंजाब पुलिस ने मधुबनी के मोहम्मद शमशाद को दबोचा, ISI को भेजते थे सेना की खुफिया जानकारी

गोपालगंज में 106 लोगों पर एफआईआर: गोपालगंज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है. कटेया थाने में 20 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि बैकुंठपुर थाने में 7, मांझागढ़ और थावे थाना समेत अलग-अलग थानों में कुल 106 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

''गोपालगंज में विभिन्न रिटेलरों के द्वारा फर्जी कागजातों पर जो सिम बांटे गए थे. उसको लेकर करीब 12 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उसमें से करीब 106 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है. सभी दर्ज किए गए कांडों में अनुसंधान जारी है. इनमें किन व्यक्तियों के द्वारा गलत दस्तावेजों के आधार पर सिम जारी किए गए और किन-किन लोगों के द्वारा गलत पेपर देकर सिम प्राप्त किए गए हैं और उन सिम को प्राप्त करने की क्या मंशा थी. इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है.''- आनंद कुमार, एसपी, गोपालगंज

NIA की कार्रवाई के बाद एक्शन में पुलिस: बता दें कि हाल के दिनों में एनआईए ने कई बड़ी कार्रवाई की थी. लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े मांझागढ़ थाने के पथरा गांव निवासी जफर अब्बास और शेख अब्दुल नईम समेत कई स्लीपर सेल के सदस्यों को गिरफ्तार कर ले गई थी. इनके पास से फर्जी दस्तावेजों पर जारी हुए कई सिम कार्ड भी मिले थे. इस कार्रवाई के बाद खुफिया विभाग ने जांच शुरू की. जांच में फर्जी दस्तावेजों पर 106 लोगों के नाम से सिम कार्ड जारी करने का खुलासा हुआ था.

सिम धारकों और रिटेलरों पर कार्रवाई: एसटीएफ ने जांच कर सिम धारकों और रिटेलरों पर कार्रवाई शुरू की है. इसके अलावा साइबर क्राइम, पेशेवर अपराधी भी फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो बिहार से बाहर रहते हैं. बहरहाल, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड लेने वाले की मंशा क्या है? सिम कार्ड जिन लोगों ने लिया है वो कहां इस्तेमाल करते हैं? क्या देश विरोधी गतिविधियों में सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है? इन तमाम बिंदुओं पर एसटीएफ जांच कर रही है. पुलिस कप्तान ने जांच के बाद खुलासा करने की बात कही है.


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गोपालगंज: लश्कर के स्लीपर सेल पकड़ाने और उनके पास से फर्जी दस्तावेजों पर जारी कई सिम कार्ड बरामद होने के बाद से बिहार पुलिस एक्शन मोड में है. गोपालगंज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड लेने वाले 106 लोगों के खिलाफ अलग-अलग थानों में 12 एफआईआर दर्ज की गई (FIR filed against 106 people for taking sim on fake documents) हैं. यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार के निर्देश पर खुफिया विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार की गई है. दर्ज एफआईआर में मोबाइल सिम कार्ड कंपनियों के रिटेलर और ग्राहक शामिल हैं.

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गोपालगंज में 106 लोगों पर एफआईआर: गोपालगंज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड जारी करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है. कटेया थाने में 20 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि बैकुंठपुर थाने में 7, मांझागढ़ और थावे थाना समेत अलग-अलग थानों में कुल 106 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

''गोपालगंज में विभिन्न रिटेलरों के द्वारा फर्जी कागजातों पर जो सिम बांटे गए थे. उसको लेकर करीब 12 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उसमें से करीब 106 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है. सभी दर्ज किए गए कांडों में अनुसंधान जारी है. इनमें किन व्यक्तियों के द्वारा गलत दस्तावेजों के आधार पर सिम जारी किए गए और किन-किन लोगों के द्वारा गलत पेपर देकर सिम प्राप्त किए गए हैं और उन सिम को प्राप्त करने की क्या मंशा थी. इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है.''- आनंद कुमार, एसपी, गोपालगंज

NIA की कार्रवाई के बाद एक्शन में पुलिस: बता दें कि हाल के दिनों में एनआईए ने कई बड़ी कार्रवाई की थी. लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े मांझागढ़ थाने के पथरा गांव निवासी जफर अब्बास और शेख अब्दुल नईम समेत कई स्लीपर सेल के सदस्यों को गिरफ्तार कर ले गई थी. इनके पास से फर्जी दस्तावेजों पर जारी हुए कई सिम कार्ड भी मिले थे. इस कार्रवाई के बाद खुफिया विभाग ने जांच शुरू की. जांच में फर्जी दस्तावेजों पर 106 लोगों के नाम से सिम कार्ड जारी करने का खुलासा हुआ था.

सिम धारकों और रिटेलरों पर कार्रवाई: एसटीएफ ने जांच कर सिम धारकों और रिटेलरों पर कार्रवाई शुरू की है. इसके अलावा साइबर क्राइम, पेशेवर अपराधी भी फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो बिहार से बाहर रहते हैं. बहरहाल, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड लेने वाले की मंशा क्या है? सिम कार्ड जिन लोगों ने लिया है वो कहां इस्तेमाल करते हैं? क्या देश विरोधी गतिविधियों में सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है? इन तमाम बिंदुओं पर एसटीएफ जांच कर रही है. पुलिस कप्तान ने जांच के बाद खुलासा करने की बात कही है.


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