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गोपालगंज में बाढ़ पीड़ितों के लिए बने कम्युनिटी किचेन जाकर DM ने चखा खाना - Flood in Gopalganj

गोपालगंज में गंडक नदी से आने वाली संभावित बाढ़ को देखते हुये जिले के सदर प्रखंड में दो कम्युनिटी किचेन शुरू किये गये हैं. डीएम और एसपी ने यहां पहुंचकर कम्युनिटी किचेन का जायजा लिया. साथ ही यहां लोगों के लिये बने भोजन का स्वाद भी लिया.

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गोपालगंज
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Published : Jul 14, 2020, 5:50 PM IST

गोपालगंज: जिले के मुंगरहा में जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाये गये कम्युनिटी किचन का निरीक्षण करने डीएम और एसपी पहुंचे. इस दौरान बाढ़ पीड़ितों के लिए बने भोजन का स्वाद लेकर डीएम अरशद अजीज ने भोजन की गुणवत्ता की जांच की.

दरअसल, नेपाल के तराई इलाके में हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है. वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दियारा इलाके के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. 2 दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इस कारण से लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने लगे हैं. पलायन कियें लोगों को ठहरने और उनके भोजन की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की तरफ से फिलहाल सदर प्रखंड में दो कम्युनिटी किचन शुरू किया गया है.

देखें रिपोर्ट

अभी नहीं है बाढ़ का खतरा
जिलाधिकारी अरशद अजीज ने कहा कि वर्तमान में गंडक नदी खतरे के निशान से करीब 38 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जिले में अभी बाढ़ से कोई खतरा नहीं है. यहां के सभी तटबंध अभी सुरक्षित हैं. गंडक के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुये गंडक के निचले इलाके में बसे लोगों को बाहर निकालने की कवायद शुरू कर दी गई है. अभी तक सिर्फ 136 परिवार ही तटबंध के अन्दर से राहत शिविर में आ सके हैं.

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डीएम अरशद अजीज

लोगों के लिये राहत शिविर
डीएम ने कहा कि लोगों को बाढ़ से घिरे इलाके से बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी दो जगहों पर बाढ़ राहत शिविर शुरू किया गया है. यहां मेनू के अनुसार बाढ़ प्रभावित लोगों को खाना खिलाया जायेगा. इसके साथ ही जो लोग तटबंध के अन्दर बसे हुए हैं और वे नदी में घिरे हुए होने के बावजूद बाढ़ राहत शिविर में आना नहीं चाहते हैं तो उन्हें खाने का पैकेट तैयार कर उनके घर तक पहुंचाया जायेगा.

गोपालगंज: जिले के मुंगरहा में जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए बनाये गये कम्युनिटी किचन का निरीक्षण करने डीएम और एसपी पहुंचे. इस दौरान बाढ़ पीड़ितों के लिए बने भोजन का स्वाद लेकर डीएम अरशद अजीज ने भोजन की गुणवत्ता की जांच की.

दरअसल, नेपाल के तराई इलाके में हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक नदी उफान पर है. वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दियारा इलाके के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. 2 दर्जन से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इस कारण से लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने लगे हैं. पलायन कियें लोगों को ठहरने और उनके भोजन की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन की तरफ से फिलहाल सदर प्रखंड में दो कम्युनिटी किचन शुरू किया गया है.

देखें रिपोर्ट

अभी नहीं है बाढ़ का खतरा
जिलाधिकारी अरशद अजीज ने कहा कि वर्तमान में गंडक नदी खतरे के निशान से करीब 38 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जिले में अभी बाढ़ से कोई खतरा नहीं है. यहां के सभी तटबंध अभी सुरक्षित हैं. गंडक के लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुये गंडक के निचले इलाके में बसे लोगों को बाहर निकालने की कवायद शुरू कर दी गई है. अभी तक सिर्फ 136 परिवार ही तटबंध के अन्दर से राहत शिविर में आ सके हैं.

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डीएम अरशद अजीज

लोगों के लिये राहत शिविर
डीएम ने कहा कि लोगों को बाढ़ से घिरे इलाके से बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है. उन्होंने कहा कि अभी दो जगहों पर बाढ़ राहत शिविर शुरू किया गया है. यहां मेनू के अनुसार बाढ़ प्रभावित लोगों को खाना खिलाया जायेगा. इसके साथ ही जो लोग तटबंध के अन्दर बसे हुए हैं और वे नदी में घिरे हुए होने के बावजूद बाढ़ राहत शिविर में आना नहीं चाहते हैं तो उन्हें खाने का पैकेट तैयार कर उनके घर तक पहुंचाया जायेगा.

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