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जीतन राम मांझी की बढ़ी मुश्किलें: पंडितों पर टिप्पणी को लेकर बिहार के कई जिलों में परिवाद दायर

जीतन राम मांझी के ब्राह्मणों को लेकर दिये गए विवादित बयान के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पटना, गोपालगंज सिविल कोर्ट और बेतिया न्यायालय में मांझी के खिलाफ परिवाद (Complaint Filed Against Jitan Ram Manjhi) दायर किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Dec 20, 2021, 7:30 PM IST

गोपालगंज: ब्राह्मणों को लेकर दिए बयान के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी की मुश्किलें बढ़ गई है. पूर्व सीएम के खिलाफ बिहार के कई जिलों में शिकायत दर्ज करायी गई है. राजधानी पटना के अलावा गोपालगंज सिविल कोर्ट (Complaint Filed Against Manjhi In Gopalganj Court ) और बेतिया व्यवहार न्यायालय (Complaint Filed Against Manjhi In Bettiah Court) में भी परिवाद दायर किया है. दायर परिवाद में कहा गया है कि, 'जीतन राम मांझी का बयान (Manjhi Controversial Statement On Brahmins) अमर्यादित है और सनातन धर्म पर कुठाराघात है. ब्राह्मण समाज को गाली देना कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.'

यह भी पढ़ें- बीजेपी ने जीतन राम मांझी के बयान की निंदा की, कहा- 'बड़े हैं तो बड़प्पन दिखाएं, समाज का ध्यान रखें'

दरअसल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा खुले मंच से ब्राह्मणों व सत्यनारायण पूजा के खिलाफ दिए गए अमर्यादित टिप्पणी के कारण ब्राह्मणों के बीच आक्रोश व्याप्त है. साथ ही विभिन्न थानों में मांझी के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं. वहीं गोपालगंज जिले के सिविल कोर्ट में बरौली निवासी राम त्रिपाठी के पुत्र विजय किशोर मणि त्रिपाठी ने मांझी के खिलाफ परिवाद दायर किया है.

ये भी पढ़ें: बोले कांग्रेस MLC- 'मांझी ने खुले मंच से ब्राह्मणों को दी है गाली, CM तुरंत करें कार्रवाई'

इस दौरान विजय किशोर मणि त्रिपाठी ने बताया कि, जीतन राम मांझी द्वारा सार्वजनिक स्थल पर जहां हजारों लोग उपस्थित थे, सनातन धर्म के इष्ट देवता सत्यनारायण भगवान और ब्राह्मण समुदाय को सार्वजनिक रूप से गाली दी गई है. ऐसा करने से सनातन धर्मावलंबियों, ब्राह्मणों की भावना न सिर्फ आहत हुई है बल्कि, धार्मिक उन्माद भी फैलाने की साजिश है. शिकायतकर्ता ने अभियुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उचित दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है.

मांझी के खिलाफ परिवाद दायर

ये भी पढ़ें: मांझी के पंडितों को अपशब्द कहने पर भड़के BJP सांसद दुबे, कहा- 'पागलखाना भेजना चाहिए', गठबंधन तोड़ने पर हो विचार

"वोट के समय ब्राह्मण का वोट लिया जाता है. मांझी के घर में भी शादी विवाह में सत्यनारायण भगवान की पूजा हुई होगी, कहते हैं हम नहीं जानते. अच्छी बात है, दूसरे धर्म में चले जाएं, हमें कोई आपत्ति नहीं होगी. लेकिन ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना गलत है. हमने इसे लेकर थाना प्रभारी को आवेदन दिया, उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया. कोर्ट में मैंने परिवाद दायर कर दिया है. अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम आंदोलन करेंगे. मांझी के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. परिवार की राजनीति मांझी करते हैं, उनके बेटे को मंत्री पद से फौरन हटाना चाहिए."- विजय किशोर मणि त्रिपाठी,याचिकाकर्ता

ये भी पढ़ें: बेगूसराय में ब्राह्मणों ने की जीतनराम मांझी के बयान की निंदा, सद्बुद्धि के लिए किया हवन

दरअसल, मांझी एक वीडियो में सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि "आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे, लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्य नारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों का कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."

हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मांझी ने माफी मांग ली है. उन्होंने कहा, "हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."

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गोपालगंज: ब्राह्मणों को लेकर दिए बयान के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी की मुश्किलें बढ़ गई है. पूर्व सीएम के खिलाफ बिहार के कई जिलों में शिकायत दर्ज करायी गई है. राजधानी पटना के अलावा गोपालगंज सिविल कोर्ट (Complaint Filed Against Manjhi In Gopalganj Court ) और बेतिया व्यवहार न्यायालय (Complaint Filed Against Manjhi In Bettiah Court) में भी परिवाद दायर किया है. दायर परिवाद में कहा गया है कि, 'जीतन राम मांझी का बयान (Manjhi Controversial Statement On Brahmins) अमर्यादित है और सनातन धर्म पर कुठाराघात है. ब्राह्मण समाज को गाली देना कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.'

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दरअसल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी द्वारा खुले मंच से ब्राह्मणों व सत्यनारायण पूजा के खिलाफ दिए गए अमर्यादित टिप्पणी के कारण ब्राह्मणों के बीच आक्रोश व्याप्त है. साथ ही विभिन्न थानों में मांझी के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं. वहीं गोपालगंज जिले के सिविल कोर्ट में बरौली निवासी राम त्रिपाठी के पुत्र विजय किशोर मणि त्रिपाठी ने मांझी के खिलाफ परिवाद दायर किया है.

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इस दौरान विजय किशोर मणि त्रिपाठी ने बताया कि, जीतन राम मांझी द्वारा सार्वजनिक स्थल पर जहां हजारों लोग उपस्थित थे, सनातन धर्म के इष्ट देवता सत्यनारायण भगवान और ब्राह्मण समुदाय को सार्वजनिक रूप से गाली दी गई है. ऐसा करने से सनातन धर्मावलंबियों, ब्राह्मणों की भावना न सिर्फ आहत हुई है बल्कि, धार्मिक उन्माद भी फैलाने की साजिश है. शिकायतकर्ता ने अभियुक्त के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उचित दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है.

मांझी के खिलाफ परिवाद दायर

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"वोट के समय ब्राह्मण का वोट लिया जाता है. मांझी के घर में भी शादी विवाह में सत्यनारायण भगवान की पूजा हुई होगी, कहते हैं हम नहीं जानते. अच्छी बात है, दूसरे धर्म में चले जाएं, हमें कोई आपत्ति नहीं होगी. लेकिन ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना गलत है. हमने इसे लेकर थाना प्रभारी को आवेदन दिया, उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया. कोर्ट में मैंने परिवाद दायर कर दिया है. अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम आंदोलन करेंगे. मांझी के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. परिवार की राजनीति मांझी करते हैं, उनके बेटे को मंत्री पद से फौरन हटाना चाहिए."- विजय किशोर मणि त्रिपाठी,याचिकाकर्ता

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दरअसल, मांझी एक वीडियो में सभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि "आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्य नारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे, लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्य नारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों का कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."

हालांकि विवाद बढ़ने के बाद मांझी ने माफी मांग ली है. उन्होंने कहा, "हम अपने समाज के लिए 'हरामी' शब्द का इस्तेमाल किया था. पंडित जी के लिए नहीं किया था. अगर इसमें कहीं गलतफहमी हो गई हो तो हम इसके लिए माफी चाहते हैं. लेकिन हम अपने समाज के लिए कहा था कि ऐसे आप लोग हो गए हैं कि अपने देवता को छोड़कर दूसरे का पूजा कराते हैं. उसमें भी शर्म आना चाहिए कि आपके यहां जो नहीं खाने वाले हैं, उनसे आपलोग पूजा कराते हैं."

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