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गोपालगंज में कैसे बुझेगी आग, यहां सुविधाओं के अभाव में जल रहे हैं फायर ब्रिगेड के कर्मचारी

एक फोन कॉल में आगजनी की घटना पर पहुंचने वाले फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं तो दूर रहने के लिए खुद का भवन भी नहीं मिल पा रहा है.

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Published : May 3, 2019, 11:05 PM IST

bad status of Fire brigade station in gopalganj

गोपालगंज: गर्मियों के दिन हैं. ऐसे में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती है. वहीं, जिले में आग पर काबू पाने वाले फायर ब्रिगेड विभाग की हालत खस्ताहाल है. यहां जिला मुख्यालय के हजियापुर में बना फायर स्टेशन किराये के मकान पर चल रहा है. वहीं भीषण गर्मी में फायर ब्रिगेड कर्मचारी टीन शेड में रहने को मजबूर हैं.

हालात इतने खराब है कि यहां बिस्कोमान भवन से संचालित हो रहे फायर विभाग में कर्मचारियों का भी घोर अभाव है. यहां का किराया 5890 रुपये खर्च किया जा रहा है. बता दें कि पंपिंग स्टेशन नहीं है. गाड़ी में पानी लोड करने के लिए कर्मचारियों को मिंज स्टेडियम जाना पड़ता है.

इतने कर्मचारियों पर चल रहा विभाग
आगजनी की घटना के दौरान एक सिपाही और एक ड्राइवर ही पूरा मोर्चा संभालते हैं. इसके पीछे का कारण कर्मचारियों का अभाव है. यहां 9 विभागीय कर्मी. जबकि 4 ही ड्राइवर हैं. जबकि प्रत्येक गाड़ी पर ड्राइवर, हवलदार, सिपाही होने चाहिए.

bad status of Fire brigade station in gopalganj
फायर स्टेशन की दशा

कर्मचारी ने सुनाई दास्तां
फायर ब्रिगेड की बदहाल स्थिति को देख, जब कर्मियों से बात की गई. तो उन्होंने कहा कि ये समस्याएं बहुत पहले से ही बनी हुई हैं. किसी तरह जीवन गुजरने को बाध्य होते है. यहां रहने के लिए भवन जर्जर है. बरसात में भवन टपकता है. शौचालय ना होने की वजह से मजबूरन खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.

फायर स्टेशन के हाल

क्या कहते है अधिकारी
इस संदर्भ में अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि लंबे समय से फायर ब्रिगेड के लिए जमीन की तलाश की जा रही है. जैसे ही जमीन उपलब्ध होगी. वैसे ही उसका भवन बनाकर शिफ्ट कर दिया जाएगा. अभी फिलहाल किराये के भवन पर ही काम चल रहा है. अपना भवन होते ही कोई समस्या नहीं होगी.

गोपालगंज: गर्मियों के दिन हैं. ऐसे में आग लगने की घटनाएं ज्यादा होती है. वहीं, जिले में आग पर काबू पाने वाले फायर ब्रिगेड विभाग की हालत खस्ताहाल है. यहां जिला मुख्यालय के हजियापुर में बना फायर स्टेशन किराये के मकान पर चल रहा है. वहीं भीषण गर्मी में फायर ब्रिगेड कर्मचारी टीन शेड में रहने को मजबूर हैं.

हालात इतने खराब है कि यहां बिस्कोमान भवन से संचालित हो रहे फायर विभाग में कर्मचारियों का भी घोर अभाव है. यहां का किराया 5890 रुपये खर्च किया जा रहा है. बता दें कि पंपिंग स्टेशन नहीं है. गाड़ी में पानी लोड करने के लिए कर्मचारियों को मिंज स्टेडियम जाना पड़ता है.

इतने कर्मचारियों पर चल रहा विभाग
आगजनी की घटना के दौरान एक सिपाही और एक ड्राइवर ही पूरा मोर्चा संभालते हैं. इसके पीछे का कारण कर्मचारियों का अभाव है. यहां 9 विभागीय कर्मी. जबकि 4 ही ड्राइवर हैं. जबकि प्रत्येक गाड़ी पर ड्राइवर, हवलदार, सिपाही होने चाहिए.

bad status of Fire brigade station in gopalganj
फायर स्टेशन की दशा

कर्मचारी ने सुनाई दास्तां
फायर ब्रिगेड की बदहाल स्थिति को देख, जब कर्मियों से बात की गई. तो उन्होंने कहा कि ये समस्याएं बहुत पहले से ही बनी हुई हैं. किसी तरह जीवन गुजरने को बाध्य होते है. यहां रहने के लिए भवन जर्जर है. बरसात में भवन टपकता है. शौचालय ना होने की वजह से मजबूरन खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.

फायर स्टेशन के हाल

क्या कहते है अधिकारी
इस संदर्भ में अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि लंबे समय से फायर ब्रिगेड के लिए जमीन की तलाश की जा रही है. जैसे ही जमीन उपलब्ध होगी. वैसे ही उसका भवन बनाकर शिफ्ट कर दिया जाएगा. अभी फिलहाल किराये के भवन पर ही काम चल रहा है. अपना भवन होते ही कोई समस्या नहीं होगी.

Intro:खुद जान की परवाह किए बिना लोगों की जिंदगी आग पर काबू पाने वाले फायर ब्रिगेड कर्मियों की बदहाल जिंदगी देख कोई भी आश्चर्यचकित हो जाएगा यह कर्मी ना दिन की परवाह न रात की फिक्र किए बगैर एक फोन पर आग बुझाने पहुंच जाते हैं। लेकिन इन कर्मियों के लिए मूलभूत सुविधा आज तक नसीब नहीं हो पा रही है। यह कर्मी अपनी बदहाली की गाथा गा कर सिर्फ ड्यूटी करने को बाध्य होते हैं। वर्षो पूर्व जिला मुख्यालय के हजियापुर में बना फायर स्टेशन का अपना जमीन आज तक नहीं हो सका जिसके कारण यह स्टेशन विस्कोमान भवन में किराए पर चल रहे हैं । प्रतिमाह किराए के रूप में ₹5890 खर्च होते है।

कर्मियों का है घोर अभाव

विस्कोमान भवन में संचालित हो रहे फायरविग्रेड में कर्मियों का भी घोर अभाव है। अगर कही आग लग जाये तो फिर एक सिपाही व एक ड्राइवर को ही जाना पड़ता है कभी कभी सिर्फ ड्राइवर ही आग बुझाने चल जाता है। वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 9 विभागीय कर्मी जबकि 4 पर्यटक चालक है जबकि प्रत्येक गाड़ी पर
1.ड्राइवर,1.हवलदार, 4. सिपाही होनी चाहिए

पानी लोड करने में होती है मुश्किल

अग्निशमन की गाड़ियों में पानी लोड करने में काफी समस्याए होती है क्योंकि इस स्टेशन पर खुद का पानी लोड करने के लइये बोरिग ही नही है जिसके कारण ये या तो शहर के मिंज स्टेडियम या 16 किलोमीटर दूर कुचायकोट पानी भरने जाते है।

क्या कहते है कर्मी

फायरविग्रेड के बदहाल स्थिति को देख जब कर्मियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये समस्याएं बहुत पहले से ही बनी हुई है। किसी तरह जीवन गुजरने को बाध्य होते है यहां रहने के लिए नाही कोई सही भवन है और नाही शौच जाने के लिए शौचालय।मजबूरन खुले में शौच जाना पड़ता है। भवन में बरसात के दिनों में पानी टपकता है। साथ ही साँप बिछु भी निकलते है, कर्मियों ने बताया कि यहां पानी लोड करने के लिए कोई व्यवस्था नही है जिसके कारण हम लोग या तो मिंज स्टेडियम से पानी भरते है या उसमे पानी नही रहने के कारण यहां से 16 किलो मीटर दूर जाकर पानी भरते है और फिर आग बुझाया जाता है तब तक सब कुछ जल चुका होता है। वही जब मौके पर पहुंचते है तो लोगो के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है।

क्या कहते है अधिकारी
इस संदर्भ में अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लंबे समय से फायरविग्रेड के लिए जमीन की तलाश की जा रही है जैसे है जमीन उपलब्ध होगी वैसे ही उसका भवन बनाकर शिफ़्ट कर दिया जाएगा अभी फिलहाल किराये पर विस्कोमान में चल रहे है। अपना भवन बननेके बाद कोई समस्या नही होगी।

बाइट-विजय कुमार सिंह, अंचलाधिकारी
बाइट-कर्मी
बाइट-अनिल तिवारी(अग्निशमन पदाधिकारी)






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