गोपालगंज: सरकार स्वच्छता अभियान पर पानी की तरह पैसा बहा रही है. लेकिन धरातल पर इन योजनाओं को लागू नहीं किया जा रहा है. जिले के सदर अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. यह अस्पताल सफाई के मामले में फिसड्डी है.
जिले के सदर अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. लेकिन सफाई के मामले में यह अस्पताल खुद ही बीमार है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मेडिकल वेस्ट को परिसर में ही खुले में डंप किया जा रहा है. इससे मरीजों को बरसात में यहां कई बीमारियों को डर सता रहा है.
दुर्गंध से मरीज परेशान
इस अस्पताल में सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं. यहां साफ-सफाई के लिए आउटसोर्सिंग की व्यवस्था है. इसके बाद भी यहां के मेडिकल वेस्ट को अस्पताल स्थित दवा वितरण केंद्र के पीछे डंप किया जा रहा है. इसके दुर्गंध से मरीजों को काफी परेशानी होती है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.
'जल्द होगा निदान'
इसको लेकर सिविल सर्जन नंदकिशोर सिंह का कहना था कि हम साफ- सफाई पर काफी ध्यान देते हैं. बरसात के दिनों में गंदगी को लेकर काफी ध्यान दिया जाता है. मेडिकल कचड़ा हटाने के लिए प्रबंधक और उपाधीक्षक को निर्देश दिया गया है. इसका निदान जल्द ही हो जाएगा.
मेडिकल वेस्ट को लेकर बना है कानून
बता दें कि मेडिकल वेस्ट को 48 घंटे के अंदर मानक के अनुसार नष्ट किया जाना चाहिए. इसे नष्ट नहीं किए जाने पर संक्रमण बीमारियों के फैलने का डर रहता है. वहीं, प्रदेश में 20 जुलाई 1986 से 'बिहार जीव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 1986' लागू है. इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर 5 वर्ष का कारावास और एक लाख तक का जुर्माना अथवा दोनों की सजा का प्रावधान है.