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गोपालगंजः राष्ट्रीय बालिका दिवस पर निकाली गई साइकिल रैली

राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 में की थी. जिसका मुख्य उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना और लड़कियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण देने के लिए हर संभव प्रयास करना है.

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Published : Jan 25, 2020, 8:47 AM IST

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गोपालगंजः पूरे देश में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. इसके तहत जिले में महिला परियोजना विभाग ने जागरुकता साइकिल रैली का आयोजन किया. कार्यक्रम में शहर की कई महिला अधिकारियों, बच्चियों और परियोजना पदाधिकारी सहित महिला थाना के थाना अध्यक्ष ने भाग लिया. इसमें लिंग भेद, लड़कियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने के लिए लोगों को जागरूक किया गया.

2008 में हुई थी शुरुआत
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 में की थी. जिसका मुख्य उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना और लड़कियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण देने के लिए हर संभव प्रयास करना है.

निकाली गई जागरुकता साइकिल रैली

नारी शक्ति का प्रतीक
बता दें कि राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में मनाया जाता है. इसी दिन इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी. इस दिन को नारी शक्ति का प्रतीक मानकर राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.

'भ्रूण हत्या खत्म करने की जरूरत'
वहीं नंदी ग्रेस स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. एलोरा नंदी ने बताया कि लोगों को अब लड़कियों और महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी पड़ेगी क्योंकि बेटियां बोझ नहीं हैं. बेटियां अब कंधे से कंधा मिलाकर हर जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं. लिंग भेदभाव से ऊपर उठकर लोगों को अब भ्रूण हत्या जैसे चीज को इस देश से खत्म करना होगा.

गोपालगंजः पूरे देश में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है. इसके तहत जिले में महिला परियोजना विभाग ने जागरुकता साइकिल रैली का आयोजन किया. कार्यक्रम में शहर की कई महिला अधिकारियों, बच्चियों और परियोजना पदाधिकारी सहित महिला थाना के थाना अध्यक्ष ने भाग लिया. इसमें लिंग भेद, लड़कियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने के लिए लोगों को जागरूक किया गया.

2008 में हुई थी शुरुआत
राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने साल 2008 में की थी. जिसका मुख्य उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना और लड़कियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण देने के लिए हर संभव प्रयास करना है.

निकाली गई जागरुकता साइकिल रैली

नारी शक्ति का प्रतीक
बता दें कि राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में मनाया जाता है. इसी दिन इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी. इस दिन को नारी शक्ति का प्रतीक मानकर राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है.

'भ्रूण हत्या खत्म करने की जरूरत'
वहीं नंदी ग्रेस स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. एलोरा नंदी ने बताया कि लोगों को अब लड़कियों और महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी पड़ेगी क्योंकि बेटियां बोझ नहीं हैं. बेटियां अब कंधे से कंधा मिलाकर हर जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं. लिंग भेदभाव से ऊपर उठकर लोगों को अब भ्रूण हत्या जैसे चीज को इस देश से खत्म करना होगा.

Intro:भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आज गोपालगंज जिले में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें लिंग भेद के प्रति एवं बालिकाओं के लिए स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण मुहैया कराने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता रैली निकाली गई।Body:भारत में हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है । महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इसकी शुरुआत सन 2008 में की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना एवं लड़कियों को स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण देने के लिए हर संभव प्रयास करना है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय बालिका दिवस भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद में मनाया जाता है इसी दिन इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठी थी । इस दिन को नारी शक्ति का प्रतीक मानकर राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन देशभर में कई कार्यक्रम होते हैं इसी के तहत गोपालगंज में भी जागरूकता साइकिल रैली निकाली गई महिला परियोजना विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के कई महिला अधिकारियों एवं बच्चियों ने भाग लिया तथा परियोजना पदाधिकारी सहित महिला थाना के थाना अध्यक्ष ने भी भाग लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी गोपालगंज कार्यक्रम में मौजूद रहे । वहीं डॉ एलोरा नंदी ने बताया कि लोगों को अब बच्चियों एवं महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी पड़ेगी क्योंकि अब हम चांद पर जा चुके हैं अब बेटियां बोझ नहीं है । कंधे से कंधा मिलाकर हर जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं तथा अब लिंग भेदभाव से लोगों को ऊपर उठकर भ्रूण हत्या जैसे चीज को इस देश से भगाना होगा।

बाईट -- डॉ एलोरा नंदी , प्रिंसिपल नंदी ग्रेस स्कूल गोपालगंज।Conclusion:NA
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