गोपालगंज: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) को लेकर तैयारियां जोर शोर से की जा रही है. इसी बीच गोपालगंज की एक महिला उम्मीदवार की चर्चा हर किसी की जुबान पर है. पानमती देवी के जज्बे को उम्र की सीमा भी रोक नहीं सकी. 80 साल की ये बुजुर्ग महिला अपने विधायक पति की इच्छा पूरी करने के लिए चुनावी मैदान में उतर गई हैं. 80 वर्ष की ये महिला, पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य पद के लिए ताल ठोंक रही हैं.
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विजयीपुर प्रखंड के पंगरा पंचायत से वार्ड सदस्य पद के लिए 80 वर्षीय पानमती देवी अपनी किस्मत आजमाएंगी. विजयीपुर प्रखंड के सहडियरी गांव निवासी 80 वर्षीय पानमती देवी पंगरा पंचायत के वार्ड नंबर तीन से वार्ड सदस्य के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर अपने पति की अंतिम इच्छा को पूरा करने की कोशिश कर रही है.
"पंगरा पंचायत में आजतक कोई विकास नहीं हो पाया है. इस वजह से हमने अपनी दादी को चुनावी मैदान में उतारा है. अनुसूचित जाति की सीट थी और कोई उस पात्र का यहां है नहीं कि विकास करा सके. मेरे दादा भी चाहते थे कि उनकी पत्नी भी राजनीति में आए. उनका ही ये सपना था."- राकेश कुमार, पानमती देवी के पोता
किसी जमाने में इस बुजुर्ग महिला के पति की राजनीति के क्षेत्र में तूती बोलती थी. लेकिन समय का चक्र ऐसा चला कि दो बार विधायक रह चुके अपने पति के विधानसभा क्षेत्र में इस बुजुर्ग महिला को पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य पद पर चुनावी मैदान में उतरना पड़ा, वह भी 80 साल की उम्र में. भोरे विधानसभा क्षेत्र से इनके पति बद्री राम दो बार विधायक रह चुके हैं.
"मेरी सास चुनाव लड़ रही है बहुत अच्छा लग रहा है. मेरे ससुर भी यही चाहते थे कि मेरी सास चुनाव लड़े इसलिए उनको चुनाव में खड़ किया गया है."- बिंदु देवी, पानमती की बहू
80 साल की उम्र में वार्ड सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र भरने की जानकारी जैसे ही लोगों को मिली सभी आश्चर्यचकित रह गए. लोगोंं के बीच पूर्व विधायक की पत्नी का 80 साल की उम्र में, वह भी वार्ड सदस्य पद के लिए पर्चा भरने की चर्चा जोरों पर है. ईटीवी भारत की टीम ने भी जानना चाहा कि आखिर उम्र के इस पड़ाव में बुजुर्ग महिला क्या सोचकर चुनावी मैदान में दो दो हाथ करने को तैयार है.
जब पूर्व विधायक स्व बद्रीराम के घर ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो उनके परिजनों ने बताया कि बद्रीराम की यही इच्छा थी. पानमती देवी अपने पति की इच्छा पूरा करने के लिए चुनावी मैदान में उतरीं हैं.
"पिताजी ने कहा था कि एक बार अपनी मां को चुनाव लड़ाकर इलाके का विकास करके दिखाओ. लोगों का पूरा सहयोग भी मां को मिल रहा है."- सुभाष राम, पानमती के बेटे
पानमती देवी के परिजनों ने बताया कि स्व. पूर्व विधायक बद्रीराम चाहते थे कि उनकी पत्नी जनप्रतिनिधि बने, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पद बड़ा है या छोटा. परिजनों का कहना है कि वर्तमान में यह मौका मिला है.
बता दें कि पानमती देवी के पति बद्री राम साल 1962 तथा 1967 में भोरे विधानसभा क्षेत्र से दो बार प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए थे. ये दो बार विधायक रहे. दो साल पहले पूर्व विधायक बद्री राम का निधन हो गया. इनके तीन पुत्र थे. तीन साल पहले एक पुत्र का बीमारी से निधन हो गया. एक पुत्र घर पर रहकर खेतीबाड़ी करते हैं जबकि तीसरा बाहर रह कर नौकरी करता है.
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