गया: लॉकडाउन के बीच पीडीएसी दुकानों में राशन कार्ड वाले अनाज देने का आदेश सरकार की तरफ से है. लेकिन जिले में कई ऐसे पीडीएस दुकान हैं जो अधिकारियों के मिलीभगत से गरीबों का अनाज हड़प रहे हैं. बीते तीन दिनों से वजीरगंज प्रखंड क्षेत्र में जन वितरण प्रणाली के दुकानदार से 30 हजार रिश्वत मांगने का भी ऑडियो वायरल हो रहा है. इस ऑडियो से पूरे प्रखंड क्षेत्र में सनसनी का माहौल हो गया है.
ऑडियो में दुकानदार और एक अन्य व्यक्ति के बीच करीब पंद्रह मिनट तक बात होती है. डीलर को कंप्लेन से बचने के बदले 30 हजार रुपये की मांग की जाती है. मांगने वाले की भाषा से प्रतीत होता है कि वह अपने किसी वरिष्ठ की तरफ से प्रतिनिधि के रूप में मांग कर रहा है. वह साफ कहता है कि तुम्हारा वितरण कार्य सही नहीं पाया गया है, तो कार्रवाई के लिए लेटर टाइप हो चुका है. उसे रोकवाना है तो 30 हजार उनको देना होगा. जबकि डीलर उस व्यक्ति से आग्रह करते हुए कहता है कि हम अपने क्षेत्र में अनाज का नियमित वितरण करते हैं, तो फिर कहां से देंगे. वह कभी-कभी आवेश में आकर यह भी बोलता है कि कहिए तो आप ही लोग को दे देते हैं और जनता का अनाज गायब कर देंगे. साथ में उस व्यक्ति को पहले कुछ महीने तक हर महीने में एक बोरा अनाज रिश्वत के रूप में देने की बात भी डीलर कह रहा है. जिसे उसके ओर से स्वीकार भी किया जा रहा है.
बिरने गांव की है घटना
ऑडियो की पड़ताल करने पर उसमें दुकानदार के रूप में महूगाईन पंचायत अन्तर्गत बिरने गांव में कार्यरत डीलर चंद्रकिरण भारती के पति सुधीर कुमार हैं. जब सुधीर से बात की गई तो उसने बताया कि 1 अप्रैल को प्रखंड प्रमुख फुलवा देवी अपने सहयोगियों के साथ उनके दुकान पर निरीक्षण करने आई थीं. वे निरीक्षण कर चली गईं. फिर कुछ दिन बाद पंचायत समिति सदस्या (जो बिरने गांव के ही हैं) के पति राजेंद्र पंडित उनको डॉक्टर साहब के नाम से संबोधित करते हैं, वे आए और हमसे प्रमुख के नाम पर 30 हजार की मांग किए, जिसका हमने अपने मोबाइल से ऑडियो बना लिया.
निष्पक्ष जांच की उठी मांग
इस संबंध में प्रमुख के पति अर्जुन प्रसाद से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हमें इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. यह सब किसने किया कोई जानकारी नहीं है. जबकि संबंधित व्यक्ति राजेंद्र पंडित से उनका पक्ष जानने के लिए घर जाकर बात करने का प्रयास किया, तो वे कुछ भी बोलने और मिलने से इंकार कर गए. इस वायरल ऑडियो को पंचायत समिति के विपक्षी सदस्यों ने गंभीरता से लिया है और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच कर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई की मांग की है.
नोट: इस वायरल ऑडियो की पुष्टि ईटीवी भारत नहीं करता है.