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पहली बार टीकाकरण टीम पहुंची छकरबंधा गांव, 140 लोगों को दी गई पहली डोज

बिहार के गया के छकरबंधा पंचायत के लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया था. लेकिन गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर स्वास्थ्य कर्मी जंगल,पहाड़ और कीचड़ को लांघते हुए इस गांव में पहुंचे और लगभग 140 लोगों को वैक्सीनेशन की पहली डोज दी गई. पढ़ें पूरी खबर

Chhakarbandha of Gaya
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Published : Oct 4, 2021, 7:07 PM IST

गया: कोरोनो महामारी से बचाव को लेकर एक मात्र उपाय कोविड टीकाकरण है. सरकार सभी नागरिक को कोविड टीका देने की दावा करती है. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का मेगा अभियान आयोजित किया गया. इसी कड़ी में गया के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छकरबंधा पंचायत (Chhakarbandha Panchayat) में कोविड टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे और सलैया गांव में 140 लोगों ने कोविड का टीका लिया है.

यह भी पढ़ें- गांधी जयंती पर बिहार में रिकॉर्ड टीकाकरण, देशभर में टॉप पर रहा पटना

दरअसल गया जिले के 24 प्रखण्ड में से 13 प्रखण्ड आज भी अति नक्सल प्रभावित हैं. जिले के जंगल और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों का आज भी बोलबाला है, जिसके कारण बुनियादी विकास से लेकर सरकार की कोई भी योजना इन क्षेत्रों में धरातल पर नहीं पहुंचती है.

ताजा उदाहरण जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया प्रखंड की छकरबन्धा पंचायत के गांव सलैया का है. इस गांव में जाने के लिए डुमरिया प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर जंगल व पहाड़ों से होते हुए पैदल तय करनी पड़ती है. जिसके कारण दो अक्टूबर के पहले तक सलैया गांव के ग्रामीणों का कोविड टीकाकरण नहीं हुआ था. दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर मेगा वैक्सीनेशन पर सलैया गांव में कोविड टीका लेकर स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे.

यह भी पढ़ें- 'एक अधूरा.. दो से पूरा', इसी मंत्र से जीत सकेंगे कोरोना से जंग: स्वास्थ्य मंत्री

ग्रमीणों ने बताया कि जंगल क्षेत्र होने के कारण आज भी सड़क नहीं बन सकी है. डुमरिया ब्लॉक और स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए 20 किलोमीटर तय का सफर पैदल तय करना पड़ता है. जिसमे छह किलोमीटर कीचड़, पानी और जंगल से होकर गुजरना पड़ता है.पैदल चलने के कारण गांव में कोविड टीकाकरण के लिए कोई नहीं आया था. ऐसे में गांधी जयंती के मौके पर गांव के अधिकांश लोगों ने कोविड का टीका लिया.

बता दें कि जिले के डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल की 4 सदस्यीय टीम ने इस गांव में पहुंचकर करीब 140 लोगों को काेराेना टीके की पहली डोज लगाई है. अब दूसरे डोज के लिए भी गांव तक आना होगा. जो स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. लेकिन ग्रामीणों को उम्मीद है कि सही समय पर उन्हें वैक्सीनेशन की दूसरी डोज भी दे दी जाएगी.

यह भी पढ़ें- पटना में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन, सिविल सर्जन ने कहा- 'वैक्सीन लेकर बुजुर्ग भी निभा रहे अपनी भागीदारी'

बता दें कि गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का मेगा अभियान आयोजित किया गया. ऐसे में इस दिन 1 दिन में वैक्सीनेशन में बिहार देशभर में टॉप पर रहा और वैक्सीनेशन के मामले में देश भर में टॉप 10 जिलों में बिहार के 9 जिले शामिल रहे. पटना जिले में 1,87,580 लोगों को टीका दिया गया.

गया: कोरोनो महामारी से बचाव को लेकर एक मात्र उपाय कोविड टीकाकरण है. सरकार सभी नागरिक को कोविड टीका देने की दावा करती है. गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का मेगा अभियान आयोजित किया गया. इसी कड़ी में गया के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र छकरबंधा पंचायत (Chhakarbandha Panchayat) में कोविड टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे और सलैया गांव में 140 लोगों ने कोविड का टीका लिया है.

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दरअसल गया जिले के 24 प्रखण्ड में से 13 प्रखण्ड आज भी अति नक्सल प्रभावित हैं. जिले के जंगल और पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों का आज भी बोलबाला है, जिसके कारण बुनियादी विकास से लेकर सरकार की कोई भी योजना इन क्षेत्रों में धरातल पर नहीं पहुंचती है.

ताजा उदाहरण जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया प्रखंड की छकरबन्धा पंचायत के गांव सलैया का है. इस गांव में जाने के लिए डुमरिया प्रखंड मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी तय कर जंगल व पहाड़ों से होते हुए पैदल तय करनी पड़ती है. जिसके कारण दो अक्टूबर के पहले तक सलैया गांव के ग्रामीणों का कोविड टीकाकरण नहीं हुआ था. दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर मेगा वैक्सीनेशन पर सलैया गांव में कोविड टीका लेकर स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे.

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ग्रमीणों ने बताया कि जंगल क्षेत्र होने के कारण आज भी सड़क नहीं बन सकी है. डुमरिया ब्लॉक और स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए 20 किलोमीटर तय का सफर पैदल तय करना पड़ता है. जिसमे छह किलोमीटर कीचड़, पानी और जंगल से होकर गुजरना पड़ता है.पैदल चलने के कारण गांव में कोविड टीकाकरण के लिए कोई नहीं आया था. ऐसे में गांधी जयंती के मौके पर गांव के अधिकांश लोगों ने कोविड का टीका लिया.

बता दें कि जिले के डुमरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल की 4 सदस्यीय टीम ने इस गांव में पहुंचकर करीब 140 लोगों को काेराेना टीके की पहली डोज लगाई है. अब दूसरे डोज के लिए भी गांव तक आना होगा. जो स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. लेकिन ग्रामीणों को उम्मीद है कि सही समय पर उन्हें वैक्सीनेशन की दूसरी डोज भी दे दी जाएगी.

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बता दें कि गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के मौके पर प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का मेगा अभियान आयोजित किया गया. ऐसे में इस दिन 1 दिन में वैक्सीनेशन में बिहार देशभर में टॉप पर रहा और वैक्सीनेशन के मामले में देश भर में टॉप 10 जिलों में बिहार के 9 जिले शामिल रहे. पटना जिले में 1,87,580 लोगों को टीका दिया गया.

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