गया: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) लागू है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. प्रदेश में आए दिन जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबर आती रहती है. ताजा मामला गया जिले का है. जहां जहरीली शराब पीने से तीन युवक की मौत हो गई है. वहीं करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती है, जिनकी हालत गंभीर है. घटना जिले के आमस थाना क्षेत्र की है. थानाध्यक्ष का कहना है कि अभी मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है. मामले में छानबीन शुरू कर दी गई है.
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जहरीली शराब से मौत! : दोनों मृतक की पहचान आमस थाना क्षेत्र के पथरा गांव निवासी अर्जुन पासवान (45वर्ष) और अमर पासवान (25) के रूप में की गई है. दोनों रिश्ते में दोनों चाचा-भतीजा बताए जा रहे हैं. परिजनों के मुताबिक गांव के लोगों ने पथरा गांव में शराब पी थी. इन लोगों ने देसी शराब का सेवन किया था. रात में घर लौटने के बाद दोनों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. इसके बाद दोनों को अस्पताल लेकर जाया गया. जहां रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई. जानकारी के अनुसार गंभीर स्थिति में गांव के करीब आधा दर्जन लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
परिजनों ने कहा- 'शराब पी थी' : इस बीच, परिवार का कहना है कि सभी ने सोमवार शाम शराब पी थी, जिसके बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी. सोमवार रात दो लोगों की मौत हो गई. जहरीली शराब पीने से ही उनकी मौत हुई है. दोनों चाचा-भतीजा हैं। मगध मेडिकल कॉलेज में अजय पासवान और सुमन पासवान का इलाज चल रहा है. वहीं मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक के परिजन ने बताया कि पापा रात में शराब पीकर घर आए थे, अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसके बाद पास के सरकारी अस्पताल ले गए. अस्पताल में डॉक्टर साहब ने कहा कि शराब पीने से तबीयत बिगड़ी है. उसके बाद मगध मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया.
"शराब पीने से अभी तक दो लोगों की मौत हुई है. मेरा छोटा भाई है और मेरा लड़का है. दोनों ने सुबह में शराब का सेवन किया था. दोनों की तबीयत बारह बजे के बाद से गड़बड़ाया है. इलाज के लिए दोनों को अस्पताल ले गए. कितने लोगों ने शराब का सेवन किया, यह मुझे नहीं पता, हम तो अपने में उलझ गये." - रघुवीर पासवान, मृतक अमर पासवान के पिता
'दो की मौत हुई है और कई लोग बीमार चल रहे हैं. मौत किस वजह से हुई है ये स्पष्ट नहीं हो सका है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. परिजन जहरीली शराब को कारण बता रहे हैं. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है और कारणों का पता लगाया जा रहा है.'-अरविंद किशोर, आमस थानाध्यक्ष
बिहार में 2016 में की गई थी शराबबंदी : बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था। कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.
अब जुर्माना देकर छूट जाएंगे शराबी : हालांकि, 6 साल बाद शराबबंदी कानून में बड़ा बदलाव (Changes In The Prohibition Law) किया गया है. जिसके बाद यदि को व्यक्ति पहली बार शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसे जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन बार-बार पकड़ें जाने पर जेल और जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है. पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने वालों को कार्यकारी मजिस्ट्रेट के निर्णय के अनुसार 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना लेकर रिहा किया जाएगा. यदि पहली बार अपराध करने वाला व्यक्ति जुर्माना अदा करने में विफल रहता है तो उसे एक माह की कैद हो सकती है. अगर आप दूसरी बार शराब पीते पकड़े गए तो अनिवार्य रूप से एक वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.
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