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Gaya News: मेंटेनेंस के अभाव में शहर के स्ट्रीट लाइट हुए बेकार, शाम ढलते ही मोहल्लों में छा जाता है घूप अंधेरा

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Published : Apr 21, 2023, 5:06 PM IST

गया शहर में मेंटेनेंस के अभाव में शहर के कई मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट बेकार हो गये हैं. शाम ढलते ही मोहल्लों में घूप अंधेरा छा जाता है. यहां लोगों की जिंदगी रात के समय में मोबाइल फोन के टॉर्च के सहारे चलती है. स्थानीय लोग कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उसका कोई असर नहीं दिखा है.

गया शहर में स्ट्रीट लाइट मेंटेंनेंस
गया शहर में स्ट्रीट लाइट मेंटेंनेंस
गया शहर के कई मोहल्लों में लगे स्ट्रीट लाइट हुए बेकार

गया: बिहार के गया शहर में स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस (Street Light Maintenance) के अभाव में बेकार हो रहे हैं. शाम होते ही शहर के कई मोहल्ले अंधेरे के आगोश में चले जाते हैं. हालात यह है कि शहर के कई मोहल्ले के लोगों को मोबाइल टॉर्च की रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा है. स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस (Street Lights of City Became Useless) करने वाली कंपनी ईईएसएल ने बकाया रुपए का भुगतान नहीं होने के कारण यह नौबत आने की बात कही है और लाइट मेंटेनेस के कार्य से हाथ खड़े कर लिए हैं.

ये भी पढ़ें- नगर निगम की घोर लापरवाही से अंधेरे में डूबा पटना, बंद पड़े हैं राजधानी के 10 हजार स्ट्रीट लाइट्स

वेंडर नहीं कर रहा काम: हालांकि, ईईएसएल कंपनी के एक अधिकारी बताते हैं, कि रुपए नहीं मिलने के कारण वेंडर काम नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. फिलहाल विभागीय लापरवाही के कारण शहरवासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

कई वार्डों में स्थिति खराब: गया शहर में 53 वार्ड हैं. जिसमें करीब 10 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी है, लेकिन कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट काम नहीं करने के कारण शाम होते ही घुप अंधेरा कायम हो जा रहा है. मेंटेनेंस के अभाव में स्ट्रीट लाइट बेकार पड़ी हुई है. वार्ड 34 और वार्ड 37 में स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है. यहां के वार्ड पार्षदों ने इसे लेकर नगर निगम आयुक्त समेत कई अधिकारियों को पत्र लिखा है.

रोशनी के सहारे रास्ता तय करते हैं लोग: स्ट्रीट लाइट मेंटेनेस नहीं होने के कारण अंधेरे के बीच लोगों को काफी दिक्कतें आ रही है. स्थिति यह है कि लोग अब मोबाइल की रोशनी के सहारे चलने को विवश हैं. रात होते ही मोहल्ले के लोग मोबाइल टॉर्च की रोशनी जलाकर रास्ता तय करते हैं. कई बार उबर खाबर रास्ते में गिर भी जाते हैं. वही लोगों का यह भी कहना है कि अंधेरा रहने के कारण छिनतई की घटनाएं भी बढ़ रही है. लोग कहते हैं कि लाइट की समस्या को लेकर त्वरित कदम उठाया जाए.

महीनों से नहीं हुआ है मेंटेनेंस का कार्य: वार्ड 34 की पार्षद शीला देवी बताती हैं कि कई महीनों से स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस का कार्य नहीं हुआ है. जिसके कारण ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें बेकार पड़ी हुई है. इससे मोहल्ले वासियों को काफी परेशानी हो रही है. वह मांग करती हैं कि जल्द से जल्द लाइट मेंटेनेंस का काम शुरू किया जाए, ताकि शहर के लोगों को अंधेरे की समस्या से निजात मिल सके.

"कई अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इसका मेंटेनेंस का काम करने वाली कंपनी ईईएसएल से जब बात की गई तो उनके अधिकारी का कहना है कि नगर निगम आयुक्त के द्वारा उनके बकाए 6.5 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके कारण वह इस काम को नहीं कर सकते हैं. रूपए का भुगतान होने पर ही काम शुरू किया जाएगा. एक वार्ड में औसतन 200 से अधिक स्ट्रीट लाइटें होती है. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में आधे से अधिक खराब हुए हैं."- ओम यादव, शहरवासी

"स्ट्रीट लाइट मोहल्ले में बेकार पड़े हुए हैं. अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब हैं. जिससे अंधेरे के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इसे लेकर अधिकारियों को फोन करते-करते परेशान हो गई, किंतु कोई निदान नहीं निकाला जा रहा. कई महीनों से यही स्थिति उत्पन्न हुई है. लाइट मेंटेनेंस का कार्य संबंधित कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है. अधिकारी भी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं."- सारिका वर्मा, पार्षद, वार्ड 37

"स्ट्रीट लाइटों के बेकार होने की समस्या बढ़ती जा रही है. शहर के 53 वार्डों में से करीब-करीब सभी वार्डों से फोन आते हैं कि स्ट्रीट लाइट खराब है. इस संबंध में जानकारी मिल रही है कि रुपए के बकाया को लेकर संबंधित कंपनी के द्वारा काम नहीं किया जा रहा है, जबकि सरकारी नियमानुसार कंपनी को रूपए दिए जा रहे हैं. यदि इस तरह की समस्याएं व्याप्त रहती है, तो आने वाले दिनों में इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का काम किया जाएगा."- गणेश पासवान, मेयर, नगर निगम, गया

गया शहर के कई मोहल्लों में लगे स्ट्रीट लाइट हुए बेकार

गया: बिहार के गया शहर में स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस (Street Light Maintenance) के अभाव में बेकार हो रहे हैं. शाम होते ही शहर के कई मोहल्ले अंधेरे के आगोश में चले जाते हैं. हालात यह है कि शहर के कई मोहल्ले के लोगों को मोबाइल टॉर्च की रोशनी का सहारा लेना पड़ रहा है. स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस (Street Lights of City Became Useless) करने वाली कंपनी ईईएसएल ने बकाया रुपए का भुगतान नहीं होने के कारण यह नौबत आने की बात कही है और लाइट मेंटेनेस के कार्य से हाथ खड़े कर लिए हैं.

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वेंडर नहीं कर रहा काम: हालांकि, ईईएसएल कंपनी के एक अधिकारी बताते हैं, कि रुपए नहीं मिलने के कारण वेंडर काम नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. फिलहाल विभागीय लापरवाही के कारण शहरवासियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

कई वार्डों में स्थिति खराब: गया शहर में 53 वार्ड हैं. जिसमें करीब 10 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी है, लेकिन कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट काम नहीं करने के कारण शाम होते ही घुप अंधेरा कायम हो जा रहा है. मेंटेनेंस के अभाव में स्ट्रीट लाइट बेकार पड़ी हुई है. वार्ड 34 और वार्ड 37 में स्थिति कुछ ज्यादा ही खराब है. यहां के वार्ड पार्षदों ने इसे लेकर नगर निगम आयुक्त समेत कई अधिकारियों को पत्र लिखा है.

रोशनी के सहारे रास्ता तय करते हैं लोग: स्ट्रीट लाइट मेंटेनेस नहीं होने के कारण अंधेरे के बीच लोगों को काफी दिक्कतें आ रही है. स्थिति यह है कि लोग अब मोबाइल की रोशनी के सहारे चलने को विवश हैं. रात होते ही मोहल्ले के लोग मोबाइल टॉर्च की रोशनी जलाकर रास्ता तय करते हैं. कई बार उबर खाबर रास्ते में गिर भी जाते हैं. वही लोगों का यह भी कहना है कि अंधेरा रहने के कारण छिनतई की घटनाएं भी बढ़ रही है. लोग कहते हैं कि लाइट की समस्या को लेकर त्वरित कदम उठाया जाए.

महीनों से नहीं हुआ है मेंटेनेंस का कार्य: वार्ड 34 की पार्षद शीला देवी बताती हैं कि कई महीनों से स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस का कार्य नहीं हुआ है. जिसके कारण ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें बेकार पड़ी हुई है. इससे मोहल्ले वासियों को काफी परेशानी हो रही है. वह मांग करती हैं कि जल्द से जल्द लाइट मेंटेनेंस का काम शुरू किया जाए, ताकि शहर के लोगों को अंधेरे की समस्या से निजात मिल सके.

"कई अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इसका मेंटेनेंस का काम करने वाली कंपनी ईईएसएल से जब बात की गई तो उनके अधिकारी का कहना है कि नगर निगम आयुक्त के द्वारा उनके बकाए 6.5 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके कारण वह इस काम को नहीं कर सकते हैं. रूपए का भुगतान होने पर ही काम शुरू किया जाएगा. एक वार्ड में औसतन 200 से अधिक स्ट्रीट लाइटें होती है. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में आधे से अधिक खराब हुए हैं."- ओम यादव, शहरवासी

"स्ट्रीट लाइट मोहल्ले में बेकार पड़े हुए हैं. अधिकांश स्ट्रीट लाइट खराब हैं. जिससे अंधेरे के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इसे लेकर अधिकारियों को फोन करते-करते परेशान हो गई, किंतु कोई निदान नहीं निकाला जा रहा. कई महीनों से यही स्थिति उत्पन्न हुई है. लाइट मेंटेनेंस का कार्य संबंधित कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है. अधिकारी भी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं."- सारिका वर्मा, पार्षद, वार्ड 37

"स्ट्रीट लाइटों के बेकार होने की समस्या बढ़ती जा रही है. शहर के 53 वार्डों में से करीब-करीब सभी वार्डों से फोन आते हैं कि स्ट्रीट लाइट खराब है. इस संबंध में जानकारी मिल रही है कि रुपए के बकाया को लेकर संबंधित कंपनी के द्वारा काम नहीं किया जा रहा है, जबकि सरकारी नियमानुसार कंपनी को रूपए दिए जा रहे हैं. यदि इस तरह की समस्याएं व्याप्त रहती है, तो आने वाले दिनों में इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का काम किया जाएगा."- गणेश पासवान, मेयर, नगर निगम, गया

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