ETV Bharat / state

गया: महाबोधि मंदिर में 'बुद्धम शरणम् गच्छामि' के साथ-साथ गूंजता है बोल बम का नारा

महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ शिवलिंग स्थापित है. सावन महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा होती है. बुद्धम शरणम गच्छामि के साथ बोल बम के नारे भी गूंजते हैं.

महाबोधि मंदिर
author img

By

Published : Aug 8, 2019, 1:43 PM IST

गयाः जिले का महाबोधि मंदिर शांति, सौहार्द और भाईचारे की मिसाल है. सावन महीने में इसका प्रमाण भी दिख जाता है. मंदिर में एक तरफ बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध की आराधना करते हैं. वहीं, दूसरी ओर मंदिर के गर्भगृह में शिव भक्त शिवलिंग का दर्शन कर मन्नत मांगते हैं. सौहार्द का यह दृश्य देखकर हर कोई रोमांचित हो जाता है.

गया
महाबोधि मंदिर

सावन में कांवरियों की भीड़
महाबोधि मंदिर में यूं तो चीवर धारण किये और सफेद कपड़ों में बौद्ध अनुयायी दिखते हैं. लेकिन सावन महीने में नजारा बदला हुआ है. सावन में मंदिर में कांवरियों की भीड़ लगी रहती है. कांवरिया देवघर में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में विराजमान शिवलिंग का दर्शन करने आते हैं.

गया
महाबोधि मंदिर में कांवरिये

बुद्धम शरणम गच्छामि के साथ बोलबम की गूंज
महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ शिवलिंग भी स्थापित है. सावन महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा होती है. बुद्धम शरणम गच्छामि के साथ बोल बम के नारे भी गूंजते हैं. मंदिर में बौद्ध पुजारी और हिंदू पुजारी साथ-साथ रहते हैं.

पूरी रिपोर्ट

पूरी होती है मन्नत
झारखंड से आई एक 85 वर्षीय श्रद्धालु ने बताया कि मैं पहली बार महाबोधि मंदिर आयी हूं. भगवान बुद्ध के साथ-साथ शिवलिंग के भी दर्शन हो गये. उन्होंने कहा कि हमलोग भगवान बुद्ध को विष्णु का अवतार मानते हैं. वहीं, एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि मैं बाबा धाम से जल चढ़ाकर बासुकीनाथ, तारापीठ में भोले नाथ का दर्शन करते हुए महाबोधि मंदिर पहुंचा हूं, सुना है कि यहां हर मन्नत पूरी होती है.

गयाः जिले का महाबोधि मंदिर शांति, सौहार्द और भाईचारे की मिसाल है. सावन महीने में इसका प्रमाण भी दिख जाता है. मंदिर में एक तरफ बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध की आराधना करते हैं. वहीं, दूसरी ओर मंदिर के गर्भगृह में शिव भक्त शिवलिंग का दर्शन कर मन्नत मांगते हैं. सौहार्द का यह दृश्य देखकर हर कोई रोमांचित हो जाता है.

गया
महाबोधि मंदिर

सावन में कांवरियों की भीड़
महाबोधि मंदिर में यूं तो चीवर धारण किये और सफेद कपड़ों में बौद्ध अनुयायी दिखते हैं. लेकिन सावन महीने में नजारा बदला हुआ है. सावन में मंदिर में कांवरियों की भीड़ लगी रहती है. कांवरिया देवघर में शिवलिंग पर जल चढ़ाकर महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में विराजमान शिवलिंग का दर्शन करने आते हैं.

गया
महाबोधि मंदिर में कांवरिये

बुद्धम शरणम गच्छामि के साथ बोलबम की गूंज
महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ शिवलिंग भी स्थापित है. सावन महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा होती है. बुद्धम शरणम गच्छामि के साथ बोल बम के नारे भी गूंजते हैं. मंदिर में बौद्ध पुजारी और हिंदू पुजारी साथ-साथ रहते हैं.

पूरी रिपोर्ट

पूरी होती है मन्नत
झारखंड से आई एक 85 वर्षीय श्रद्धालु ने बताया कि मैं पहली बार महाबोधि मंदिर आयी हूं. भगवान बुद्ध के साथ-साथ शिवलिंग के भी दर्शन हो गये. उन्होंने कहा कि हमलोग भगवान बुद्ध को विष्णु का अवतार मानते हैं. वहीं, एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि मैं बाबा धाम से जल चढ़ाकर बासुकीनाथ, तारापीठ में भोले नाथ का दर्शन करते हुए महाबोधि मंदिर पहुंचा हूं, सुना है कि यहां हर मन्नत पूरी होती है.

Intro:शांति और सौहार्द का संदेश देता महाबोधि मंदिर, सावन माह में इसका प्रमाण भी मिल जाता हैं। महाबोधि मंदिर में एक तरफ बौद्ध अनुयायी भगवान बुद्ध का आराधना करते हैं दूसरे तरफ मंदिर के गर्भगृह में शिव भक्त शिवलिंग का दर्शन कर मन्नत मांगते हैं। सौहार्द का ये दृश्य देख हर कोई रोमांचित रहता है।


Body:यू तो महाबोधि मंदिर में चीवर धारण किये और सफेद कपड़ा में बौद्ध अनुयायी ज्यादातर दिखते है। लेकिन सावन माह में नजारा बदला हुआ है। महाबोधि मंदिर में कांवरियों का भीड़ लगा हुआ है। कांवरिया बाबा धाम से शिवलिंग पर जल चढ़ाकर महाबोधि मंदिर के गर्भगृह विराजमान शिवलिंग का दर्शन करने आते हैं।

महाबोधि मंदिर में गर्भ गृह में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ शिवलिंग स्थापित है यहां बौद्ध पुजारी के साथ हिंदू पुजारी भी रहते हैं जो रोज शिवलिंग की पूजा पाठ करते हैं। सावन माह में शिवलिंग का विशेष पूजा भी होता हैं। बुद्धम शरणम गच्छामि के साथ बोल बम के नारा से महाबोधि मंदिर गूंज रहा है।

झारखंड से आई 85 वर्षीय चंद्रवती देवी ने बताया पहली बार महाबोधि मंदिर में आयी हूं, भगवान बुद्ध के साथ शिवलिंग का दर्शन हो गया। हमलोग भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं भगवान बुद्ध को । एक स्थान पर दोनो भगवान का दर्शन हो गया। परिवार के सुख शांति का कामना की हूं।

झारखंड से आये धनंजय गुप्ता ने बताया मेरा यहाँ आस्था हैं यहां सारी मन्नत पूरी हो जाती हैं। बाबा धाम से जल चढ़ाकर बासुकीनाथ , तारापीठ का दर्शन करते हुए महाबोधि मंदिर पहुँचे हैं।

बिक्रमगंज से आये शिव भक्त मंटू गुप्ता ने बताया मन्दिर के गर्भगृह में शिवलिंग हैं। शिवलिंग का दर्शन ,पूजा पाठ कर अपने घर की ओर प्रस्थान करेगे।

औरंगाबाद से आये राकेश पासवान ने बताया सपरिवार महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान शिवलिंग का दर्शन करने आये हैं। यहां का मान्यता हैं देवघर जाने से पहले या देवघर में बाबा को जल चढ़ाने के बाद यहां आकर पूजा-पाठ अहमद ना करना होता है।


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.