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Gaya News: 'मेक इन गया' के 50 प्रोडक्ट Amazon पर उपलब्ध, टिकारी एग्रो को मिला बिहार का बेस्ट FPO का पुरस्कार - Sale of 50 products on Amazon

'मेक इन गया' के माध्यम से सामानों के बेचने के लिए 50 सामानों को लिस्ट कराया गया है. इन सामानों में पत्ते पर बनी बुद्ध की कलाकृति, ईयर रिंग, मशरूम और बेबी कॉर्न शामिल हैं. एमडी सुरभि ने बताया कि केवाल ब्रांड का नाम रखा गया है. टिकारी एग्रो को बिहार का बेस्ट एफपीओ का पुरस्कार भी मिल चुका है. पढ़ें पूरी खबर...

गया से अमेजॉन पर देशभर में सामानों की बिक्री
गया से अमेजॉन पर देशभर में सामानों की बिक्री
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Published : May 7, 2023, 1:07 PM IST

मेक इन गया का प्रोडक्ट अमेजन पर बिक्री

गया: स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच देने के लिए बिहार के गया में बेहतरीन कोशिश हो रही है. जिसके तहत 'मेक इन गया' के 50 प्रोडक्ट की अमेजॉन के माध्यम से बिक्री हो रही है. गया के इस एफपीओ को बिहार में बेस्ट अवार्ड मिल चुका है. 'मेक इन गया' के 50 से अधिक उत्पाद की अब अमेजॉन के माध्यम से देश भर में बिक्री की जा रही है. बिहार के गया में फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानि किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) के तहत टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बनाया गया है. इससे करीब 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. किसानों के स्वामित्व वाली इस कंपनी का ब्रांड नाम 'केवाल' दिया गया है. इस एफपीओ के 50 उत्पाद केवाल ब्रांड के माध्यम से अमेजॉन पर अब ऑनलाइन देशभर में बेचे जा रहे हैं.

ये भी पढे़ं- अमेजन कर रहा है लाइव ऑडियो फीचर लाने की तैयारी : रिपोर्ट

टिकारी के ब्रांड को बढ़ावा: केंद्र सरकार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानि किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) को बढ़ावा दे रही है. इसी तरह का एक एफपीओ गया के टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भी है. इससे करीब 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. किसानों के स्वामित्व वाली टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का ब्रांड नाम केवाल दिया गया है. जिसके माध्यम से किसानों के उत्पाद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बेचे जा रहे हैं.

50 तरीके के सामान अब ऑनलाइन: अब दो महीना पहले अमेजॉन के माध्यम से ऑनलाइन देशभर में गया जिले के किसानों के उत्पाद टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के द्वारा केवाल ब्रांड नाम से बेचा जा रहा है. इस तरह 'मेक इन गया' के 50 से अधिक सामग्री अब ऑनलाइन तरीके से अमेजॉन के माध्यम से बेचे जा रहे हैं. एफपीओ के तहत संचालित टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का ब्रांड नाम केवल दिया गया है. गया की मिट्टी काली और बलुआही है. ऐसे में काली मिट्टी के नाम पर इसका ब्रांड नाम केवाल दिया गया है. इसके माध्यम से करीब 50 उत्पादन अमेजॉन के माध्यम से बिक्री हो रहे हैं.

एमडी का दावा- बिहार का पहला एफपीओ: कंपनी की डायरेक्टर सुरभि कुमारी का दावा है कि इतना ज्यादा प्रोडक्ट वाला बिहार का यह पहला एफपीओ है. वहीं देश का पहला ऐसा एफपीओ होने की संभावना से इंकार नहीं है. फिलहाल दो माह पहले अमेजॉन के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री शुरू की गई है. इसमें 50 से अधिक प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं. इन प्रोडक्ट में हनी, सहजन, लेमन ग्रास, मोरिंगा पाउडर, कड़कनाथ एग, पीपल के पत्ते पर बनी बुद्ध की कलाकृति, ईयर रिंग, मशरूम, बेबी कॉर्न आदि हैं. खास बात यह है, कि इसमें खाद्य सामग्री के अलावे खासकर महिला किसानों को ट्रेनिंग देकर विभिन्न आर्टिक्ट सामानों की भी बिक्री की जा रही है.

"टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीओ है. इससे 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. वहीं पुरुष ही नहीं बल्कि महिला किसानों द्वारा प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. किसान सालों भर कृषि में इंगेज नहीं रहते. ऐसे में आर्टिक्ट सामग्री बनाने के लिए खासकर महिला किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है".- सुरभि कुमारी, एमडी, टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड

नाबार्ड से मिला है पुरस्कार: बताया जाता है कि टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को बिहार का बेस्ट एफपीओ का पुरस्कार नाबार्ड द्वारा दिया गया है. एमडी सुरभि के मुताबिक महिला किसानों को प्रोत्साहित करने की बड़ी पहल भी की जा रही है. एमडी सुरभि ने इस संबंध में कहा कि टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीओ है. इससे 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. वहीं पुरुष ही नहीं बल्कि महिला किसानों द्वारा प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. किसान सालों भर कृषि में इंगेज नहीं रहते. ऐसे में आर्टिक्ट सामग्री बनाने के लिए खासकर महिला किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है.

इन सामग्रियों की होती है बिक्री: एमडी सुरभि कुमारी ने बताया कि करीब दो महीने पहले से हमने सभी प्रोडक्ट को अमेजॉन पर लिस्ट कराया है. इसके माध्यम से हनी, बेबी कॉर्न, कैंडल, मशरूम, ईयर रिंग, मोरिंगा पाउडर कड़कनाथ एग, वेस्ट नारियल के सामान, लेमन ग्रास समेत 50 से अधिक उत्पाद बेचे जा रहे हैं. 50 से अधिक उत्पाद को अमेजॉन पर लिस्ट किया गया है और सेल करवाने का प्रयास कर रहे हैं. इसे केवाल ब्रांड नाम दिया गया है. बताया कि बिहार में यह ऐसा एफपीओ है, जो सबसे ज्यादा आइटम लिस्ट कर रखा है.

मेक इन गया का प्रोडक्ट अमेजन पर बिक्री

गया: स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच देने के लिए बिहार के गया में बेहतरीन कोशिश हो रही है. जिसके तहत 'मेक इन गया' के 50 प्रोडक्ट की अमेजॉन के माध्यम से बिक्री हो रही है. गया के इस एफपीओ को बिहार में बेस्ट अवार्ड मिल चुका है. 'मेक इन गया' के 50 से अधिक उत्पाद की अब अमेजॉन के माध्यम से देश भर में बिक्री की जा रही है. बिहार के गया में फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानि किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) के तहत टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड बनाया गया है. इससे करीब 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. किसानों के स्वामित्व वाली इस कंपनी का ब्रांड नाम 'केवाल' दिया गया है. इस एफपीओ के 50 उत्पाद केवाल ब्रांड के माध्यम से अमेजॉन पर अब ऑनलाइन देशभर में बेचे जा रहे हैं.

ये भी पढे़ं- अमेजन कर रहा है लाइव ऑडियो फीचर लाने की तैयारी : रिपोर्ट

टिकारी के ब्रांड को बढ़ावा: केंद्र सरकार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानि किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) को बढ़ावा दे रही है. इसी तरह का एक एफपीओ गया के टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भी है. इससे करीब 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. किसानों के स्वामित्व वाली टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का ब्रांड नाम केवाल दिया गया है. जिसके माध्यम से किसानों के उत्पाद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बेचे जा रहे हैं.

50 तरीके के सामान अब ऑनलाइन: अब दो महीना पहले अमेजॉन के माध्यम से ऑनलाइन देशभर में गया जिले के किसानों के उत्पाद टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के द्वारा केवाल ब्रांड नाम से बेचा जा रहा है. इस तरह 'मेक इन गया' के 50 से अधिक सामग्री अब ऑनलाइन तरीके से अमेजॉन के माध्यम से बेचे जा रहे हैं. एफपीओ के तहत संचालित टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का ब्रांड नाम केवल दिया गया है. गया की मिट्टी काली और बलुआही है. ऐसे में काली मिट्टी के नाम पर इसका ब्रांड नाम केवाल दिया गया है. इसके माध्यम से करीब 50 उत्पादन अमेजॉन के माध्यम से बिक्री हो रहे हैं.

एमडी का दावा- बिहार का पहला एफपीओ: कंपनी की डायरेक्टर सुरभि कुमारी का दावा है कि इतना ज्यादा प्रोडक्ट वाला बिहार का यह पहला एफपीओ है. वहीं देश का पहला ऐसा एफपीओ होने की संभावना से इंकार नहीं है. फिलहाल दो माह पहले अमेजॉन के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री शुरू की गई है. इसमें 50 से अधिक प्रोडक्ट बेचे जा रहे हैं. इन प्रोडक्ट में हनी, सहजन, लेमन ग्रास, मोरिंगा पाउडर, कड़कनाथ एग, पीपल के पत्ते पर बनी बुद्ध की कलाकृति, ईयर रिंग, मशरूम, बेबी कॉर्न आदि हैं. खास बात यह है, कि इसमें खाद्य सामग्री के अलावे खासकर महिला किसानों को ट्रेनिंग देकर विभिन्न आर्टिक्ट सामानों की भी बिक्री की जा रही है.

"टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीओ है. इससे 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. वहीं पुरुष ही नहीं बल्कि महिला किसानों द्वारा प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. किसान सालों भर कृषि में इंगेज नहीं रहते. ऐसे में आर्टिक्ट सामग्री बनाने के लिए खासकर महिला किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है".- सुरभि कुमारी, एमडी, टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड

नाबार्ड से मिला है पुरस्कार: बताया जाता है कि टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को बिहार का बेस्ट एफपीओ का पुरस्कार नाबार्ड द्वारा दिया गया है. एमडी सुरभि के मुताबिक महिला किसानों को प्रोत्साहित करने की बड़ी पहल भी की जा रही है. एमडी सुरभि ने इस संबंध में कहा कि टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीओ है. इससे 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं. वहीं पुरुष ही नहीं बल्कि महिला किसानों द्वारा प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं. किसान सालों भर कृषि में इंगेज नहीं रहते. ऐसे में आर्टिक्ट सामग्री बनाने के लिए खासकर महिला किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है.

इन सामग्रियों की होती है बिक्री: एमडी सुरभि कुमारी ने बताया कि करीब दो महीने पहले से हमने सभी प्रोडक्ट को अमेजॉन पर लिस्ट कराया है. इसके माध्यम से हनी, बेबी कॉर्न, कैंडल, मशरूम, ईयर रिंग, मोरिंगा पाउडर कड़कनाथ एग, वेस्ट नारियल के सामान, लेमन ग्रास समेत 50 से अधिक उत्पाद बेचे जा रहे हैं. 50 से अधिक उत्पाद को अमेजॉन पर लिस्ट किया गया है और सेल करवाने का प्रयास कर रहे हैं. इसे केवाल ब्रांड नाम दिया गया है. बताया कि बिहार में यह ऐसा एफपीओ है, जो सबसे ज्यादा आइटम लिस्ट कर रखा है.

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