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NDA प्रत्याशी को झेलना पड़ा कड़ा विरोध, ग्रामीणों ने पूर्व सांसद हरि मांझी से मांगा हिसाब

एनडीए प्रत्याशी हरि मांझी को झुरांग गांव में स्थानीय लोगें का विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने हरि मांझी से 10 वर्षों का हिसाब किताब मांगा.

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Published : Oct 14, 2020, 5:41 PM IST

गया: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के प्रत्याशियों का नामांकन हो गया है. इसके बाद प्रत्याशी क्षेत्रो में घूम रहे हैं. गया के पूर्व सांसद सह बोधगया विधानसभा के एनडीए प्रत्याशी हरि मांझी को झुरांग गांव में जनसंपर्क के लिए गए थे. इसी दौरान ग्रामीणों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा. इस घटन का वीडियों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

एनडीए प्रत्याशी का ग्रामीणों ने किया विरोध
वीडियो में देखा जा रहा है कि जब हरि मांझी अपने कार्यकर्ताओं के साथ फतेहपुर प्रखंड के नौडीहा झुरांग गांव पहुंचे. तो ग्रामीणों ने सबसे पहले हरि मांझी को चेयर पर बैठाया. चेयर पर बैठने के बाद ग्रामीणों ने उनसे किए गए कार्यों की जानकारी मांगा. चुकी हरि मांझी पिछले दस साल से गया जिला के सांसद रह चुके हैं और दो बार सांसद रहने के बावजूद भी फतेहपुर प्रखंड के कई गांव में खासकर नोडिहा झुरांग गांव में सरकार व केंद्र सरकार के द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया है. इसी को लेकर ग्रामीणों ने उनसे 10 वर्षों का हिसाब किताब मांगा.

वायरल वीडियो

वहीं, ग्रामीणों का विरोध करने के बाद हरि मांझी चेयर छोड़कर वहां से निकल गए. इस दौरान कार्यकर्ता और ग्रमीण के बीच नोंक-झोंक हुई. बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार और औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह को स्थानीय लोगों का विरोध का सामना करना पड़ा था.

गया: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के प्रत्याशियों का नामांकन हो गया है. इसके बाद प्रत्याशी क्षेत्रो में घूम रहे हैं. गया के पूर्व सांसद सह बोधगया विधानसभा के एनडीए प्रत्याशी हरि मांझी को झुरांग गांव में जनसंपर्क के लिए गए थे. इसी दौरान ग्रामीणों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा. इस घटन का वीडियों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

एनडीए प्रत्याशी का ग्रामीणों ने किया विरोध
वीडियो में देखा जा रहा है कि जब हरि मांझी अपने कार्यकर्ताओं के साथ फतेहपुर प्रखंड के नौडीहा झुरांग गांव पहुंचे. तो ग्रामीणों ने सबसे पहले हरि मांझी को चेयर पर बैठाया. चेयर पर बैठने के बाद ग्रामीणों ने उनसे किए गए कार्यों की जानकारी मांगा. चुकी हरि मांझी पिछले दस साल से गया जिला के सांसद रह चुके हैं और दो बार सांसद रहने के बावजूद भी फतेहपुर प्रखंड के कई गांव में खासकर नोडिहा झुरांग गांव में सरकार व केंद्र सरकार के द्वारा कोई भी कार्य नहीं किया गया है. इसी को लेकर ग्रामीणों ने उनसे 10 वर्षों का हिसाब किताब मांगा.

वायरल वीडियो

वहीं, ग्रामीणों का विरोध करने के बाद हरि मांझी चेयर छोड़कर वहां से निकल गए. इस दौरान कार्यकर्ता और ग्रमीण के बीच नोंक-झोंक हुई. बता दें कि इससे पहले बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार और औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह को स्थानीय लोगों का विरोध का सामना करना पड़ा था.

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