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गया: कोरोना काल में मरने वाले लोगों के लिए किया गया पिंडदान

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Published : Sep 18, 2020, 4:03 PM IST

कोरोना के दौरान पूरे विश्व में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में इन सभी लोगों की आत्मा की मुक्ति के लिए गया के एक समाजसेवी ने पिंड दान अभियान कार्यक्रम चलाया.

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गया: कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में अब तक लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं, प्रकृतिक आपदा में भी लाखों लोग मारे जा चुके हैं. इसको लेकर स्थानीय समाज सेवी चंदन कुमार सिंह ने फल्गु नदी के तट पर स्थित विष्णुपद मंदिर के पास गदाधर घाट पर मृत्यु को प्राप्त लोगों का तर्पण और पिंडदान कर्मकांड किया. स्थानीय पंडा के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड की प्रक्रिया को विधि विधान के साथ पूरी की गई.

6 साल से करते आ रहे हैं पिंडदान

इसको लेकर समाजसेवी चंदन कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर पूरे विश्व में लाखों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, प्रकृतिक आपदा में भी कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हमने वैसे लोगों का पिंडदान किया है जो कोरोना काल में मारे गए हैं और जिनकी प्राकृतिक आपदा में असमय मृत्यु हो गई है.

पिता ने ही शुरू किया था अभियान

चंदन ने बताया कि उनके स्वर्गीय पिता सुरेश नारायण सिंह ने 20 साल तक प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान किया था. चंदन ने आगे बताया कि अपनी पिता कि मृत्यु के बाद वे अब बीते 6 सक से अपने पिता की परंपरा को निभा रहे हैं और असामयिक मौत के गाल में समा चुके लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण करते आ रहे हैं.

जारी रहेगा अभियान

समाजसेवी चंदन ने कहा कि जब तक उनका जीवन रहेगा वे असामयिक मौत के गाल में समाए लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जिनकी मृत्यु के 1 वर्ष पूरा नहीं हुआ है, उनके लिए तर्पण किया जाता है और जिनकी मृत्यु को 1 वर्ष से ज्यादा हो जाता हैं, वैसे लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया जाता है. ऐसे में हमने दोनों कर्मकांड को पूरा किया है. उन्होंने बताया कि वैसे लोग जो प्राकृतिक आपदा में मारे जा चुके हैं और जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है, उन लोगों के लिए हम पुत्र बनकर उनकी आत्मा आत्मा की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान किए हैं.

गया: कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में अब तक लोगों की मौत हो चुकी है.वहीं, प्रकृतिक आपदा में भी लाखों लोग मारे जा चुके हैं. इसको लेकर स्थानीय समाज सेवी चंदन कुमार सिंह ने फल्गु नदी के तट पर स्थित विष्णुपद मंदिर के पास गदाधर घाट पर मृत्यु को प्राप्त लोगों का तर्पण और पिंडदान कर्मकांड किया. स्थानीय पंडा के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ कर्मकांड की प्रक्रिया को विधि विधान के साथ पूरी की गई.

6 साल से करते आ रहे हैं पिंडदान

इसको लेकर समाजसेवी चंदन कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर पूरे विश्व में लाखों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, प्रकृतिक आपदा में भी कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हमने वैसे लोगों का पिंडदान किया है जो कोरोना काल में मारे गए हैं और जिनकी प्राकृतिक आपदा में असमय मृत्यु हो गई है.

पिता ने ही शुरू किया था अभियान

चंदन ने बताया कि उनके स्वर्गीय पिता सुरेश नारायण सिंह ने 20 साल तक प्राकृतिक आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंड दान किया था. चंदन ने आगे बताया कि अपनी पिता कि मृत्यु के बाद वे अब बीते 6 सक से अपने पिता की परंपरा को निभा रहे हैं और असामयिक मौत के गाल में समा चुके लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान व तर्पण करते आ रहे हैं.

जारी रहेगा अभियान

समाजसेवी चंदन ने कहा कि जब तक उनका जीवन रहेगा वे असामयिक मौत के गाल में समाए लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जिनकी मृत्यु के 1 वर्ष पूरा नहीं हुआ है, उनके लिए तर्पण किया जाता है और जिनकी मृत्यु को 1 वर्ष से ज्यादा हो जाता हैं, वैसे लोगों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया जाता है. ऐसे में हमने दोनों कर्मकांड को पूरा किया है. उन्होंने बताया कि वैसे लोग जो प्राकृतिक आपदा में मारे जा चुके हैं और जिनका इस दुनिया में कोई नहीं है, उन लोगों के लिए हम पुत्र बनकर उनकी आत्मा आत्मा की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पिंडदान किए हैं.

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