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पूर्व नक्सली कमांडर की पत्नी ने मुखिया पद के लिए किया नामांकन

गया जिले के गुरारू प्रखण्ड के डिहा पंचायत के मुखिया पद के लिए पूर्व नक्सली कमांडर विनोद मरांडी की पत्नी सुनीता देवी ने नामांकन दर्ज कराया है. वह वर्तमान में भी डिहा पंचायत की मुखिया हैं. पढ़ें पूरी खबर...

sunita devi
सुनीता देवी
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Published : Sep 12, 2021, 8:12 AM IST

गया: बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में एक तरफ पुलिस नक्सलियों से निपटने के लिए तैयारी कर रही है. वहीं, नक्सली भी चुनाव में अपने या अपने चहेते को मैदान में उतार रहे हैं. गया जिले के गुरारू प्रखण्ड (Guraru Block) के डिहा पंचायत के मुखिया पद के लिए पूर्व नक्सली कमांडर विनोद मरांडी की पत्नी सुनीता देवी ने नामांकन दर्ज कराया है. वह वर्तमान में भी डिहा पंचायत की मुखिया हैं.

यह भी पढ़ें- कन्हैया कुमार को नए आशियाने की तलाश, थामेंगे राहुल गांधी का 'हाथ'?

दरअसल, पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का नामांकन गया जिले के टिकारी और गुरारू प्रखंड में चल रहा है. दोनों प्रखंडों में हर दिन सैकड़ों लोग नामांकन कर रहे हैं. इसी नामांकन के बीच ऐसे प्रत्याशी पहुंच रहे हैं, जिनकी चर्चा काफी हो रही है. शनिवार को डिहा पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन करने पूर्व नक्सली कमांडर विनोद मरांडी की पत्नी सुनीता देवी गुरारू प्रखंड स्थित नामांकन स्थल पहुंची.

देखें वीडियो

इस दौरान नामांकन कर्मी, पुलिसकर्मी और आम अवाम के बीच पूर्व नक्सली के कारनामों से लेकर उनकी पत्नी के पांच साल के कार्यकाल की खूब चर्चा हुई. डिहा पंचायत से मुखिया पद की प्रत्याशी सुनीता देवी ने कहा, 'मैंने मुखिया पद के लिए दूसरी बार नामांकन किया है. पिछले पांच साल पूरे पंचायत में काम किया. डिहा पंचायत के कुछ गांव में नली और गली का काम बच गया है उसे पूरा कर दूंगी. आगे सरकार की जो भी योजना आएगी उसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा दूंगी.'

"मेरे पति का संबंध पहले नक्सली संगठन से था. पिछली बार मैं मुखिया बनी तो उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए समझाया. वह मुख्यधारा में लौट गए हैं. आज वह मेरे साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं."- सुनीता देवी, मुखिया प्रत्याशी, डिहा पंचायत

बता दें कि हार्डकोर नक्सली रहे विनोद मरांडी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. विनोद पर 25 आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन साक्ष्य की कमी की वजह से तीन बार गिरफ्तारी होने के बाद भी उन्हें बेल मिल गया. विनोद मरांडी को पिछले विधानसभा चुनाव के पूर्व पप्पू यादव ने जाप पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया था.

उन्होंने गया जिले के गुरुआ विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे. विनोद ने 1997 में नक्सली संगठन एमसीसी ज्वाइन किया था. इस संगठन में वह कमांडर के पद पर थे. इसके बाद 2005 में इन्होंने नक्सल संगठन आरसीसी बनाया था. यह संगठन टिकारी के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा के घर पर पार्सल बम ब्लास्ट होने पर चर्चा में आया था.

यह भी पढ़ें- चौथी शादी करने के लिए तीसरी पत्नी को मारना चाहता है पति.... मायके पहुंची बीवी ने किया बड़ा खुलासा

गया: बिहार पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में एक तरफ पुलिस नक्सलियों से निपटने के लिए तैयारी कर रही है. वहीं, नक्सली भी चुनाव में अपने या अपने चहेते को मैदान में उतार रहे हैं. गया जिले के गुरारू प्रखण्ड (Guraru Block) के डिहा पंचायत के मुखिया पद के लिए पूर्व नक्सली कमांडर विनोद मरांडी की पत्नी सुनीता देवी ने नामांकन दर्ज कराया है. वह वर्तमान में भी डिहा पंचायत की मुखिया हैं.

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दरअसल, पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का नामांकन गया जिले के टिकारी और गुरारू प्रखंड में चल रहा है. दोनों प्रखंडों में हर दिन सैकड़ों लोग नामांकन कर रहे हैं. इसी नामांकन के बीच ऐसे प्रत्याशी पहुंच रहे हैं, जिनकी चर्चा काफी हो रही है. शनिवार को डिहा पंचायत से मुखिया पद के लिए नामांकन करने पूर्व नक्सली कमांडर विनोद मरांडी की पत्नी सुनीता देवी गुरारू प्रखंड स्थित नामांकन स्थल पहुंची.

देखें वीडियो

इस दौरान नामांकन कर्मी, पुलिसकर्मी और आम अवाम के बीच पूर्व नक्सली के कारनामों से लेकर उनकी पत्नी के पांच साल के कार्यकाल की खूब चर्चा हुई. डिहा पंचायत से मुखिया पद की प्रत्याशी सुनीता देवी ने कहा, 'मैंने मुखिया पद के लिए दूसरी बार नामांकन किया है. पिछले पांच साल पूरे पंचायत में काम किया. डिहा पंचायत के कुछ गांव में नली और गली का काम बच गया है उसे पूरा कर दूंगी. आगे सरकार की जो भी योजना आएगी उसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा दूंगी.'

"मेरे पति का संबंध पहले नक्सली संगठन से था. पिछली बार मैं मुखिया बनी तो उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए समझाया. वह मुख्यधारा में लौट गए हैं. आज वह मेरे साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं."- सुनीता देवी, मुखिया प्रत्याशी, डिहा पंचायत

बता दें कि हार्डकोर नक्सली रहे विनोद मरांडी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. विनोद पर 25 आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन साक्ष्य की कमी की वजह से तीन बार गिरफ्तारी होने के बाद भी उन्हें बेल मिल गया. विनोद मरांडी को पिछले विधानसभा चुनाव के पूर्व पप्पू यादव ने जाप पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया था.

उन्होंने गया जिले के गुरुआ विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे. विनोद ने 1997 में नक्सली संगठन एमसीसी ज्वाइन किया था. इस संगठन में वह कमांडर के पद पर थे. इसके बाद 2005 में इन्होंने नक्सल संगठन आरसीसी बनाया था. यह संगठन टिकारी के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा के घर पर पार्सल बम ब्लास्ट होने पर चर्चा में आया था.

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