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गया: हर दिन निकलता है 250 टन कचरा, नगर निगम कचरा निष्पादन करने के बजाय करता है डंप

नगर निगम के बयानों की हकीकत स्थानीय लोग बयां करते हैं. ये वो लोग हैं जहां नगर निगम कचरे का डंपिंग ग्राउंड बना रखा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरा इलाका दुर्गंध और दमघोटू धुएं के चलते सांस नहीं ले पा रहा है.

more than 250 tan garbage out every day in Gaya
more than 250 tan garbage out every day in Gaya
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Published : Dec 19, 2020, 3:40 PM IST

गया: नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड आते है इन वार्डो से हर दिन 250 टन कचरा निकलता है. गया नगर निगम सैकड़ों टन कचरे का उठाव शहर से नियमित कर लेता है लेकिन इस कूड़ा को निष्पादन करने के बजाय डंप कर देता है. कूड़ा डंप होने से नैली पंचायत के आधा दर्जन गांव के हजारों लोग कूड़े के दुर्गध और धुंआ से परेशानी से जिंदगी जी रहे है.

दरअसल, बिहार के धर्मनगरी गया में पांच साल पूर्व तक हर चौक-चौराहा पर कूड़े का अंबार लगा रहता था. गया नगर निगम अपने कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए शहर के चौक-चौराहा से कूड़े का डंप को हटा देती है लेकिन शहर से हटाकर शहर के नजदीक डंप करने से हजारों लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

200 गाड़ियां करती है कचरा डंप
200 गाड़ियां करती है कचरा डंप

शहर में कचरे के नियमित उठाव के बावजूद स्वच्छता सर्वेक्षण में गया शहर फिसड्डी साबित होता है. इस संबंध में गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया दी.

कचरा से बनाया जा रहा है खाद
कचरा से बनाया जा रहा है खाद

'सर्वेक्षण में गया नगर निगम बेहतर करें उसी दिशा में काम कर रहे है. गया नगर निगम के कार्य के साथ ही आम लोगों को इसके लिए जागरूक होना चाहिए. मुझे उम्मीद है आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण में गया अव्वल आएग.' - मोहन श्रीवास्तव , डिप्टी मेयर

260 से 280 टन कचरा निकलता है कचरा
'गया नगर निगम के 53 वार्डो से 260 से 280 टन कचरा निकलता है. कचरा उठाव के हर वार्ड में दो गाड़ी इसके अलावा मुख्य मार्गो में गाड़िया है. जो कचरा को कलेक्ट करती है. ये सैकड़ों संख्या में कचड़ा नेली डंपिंग यार्ड में डंप किया जाता है. हमलोग कचरा उठा लेते है लेकिन कचरा का निष्पादन नहीं किया जाता है. कचरा निष्पादन के लिए विभाग स्तर पर टेंडर इसके लिए किया गया है.' - सावन कुमार,नगर आयुक्त

देखें पूरी रिपोर्ट
कचरा से बनाया जा रहा है खाद 'गया में कचरे निष्पादन के लिए मैन्युअल और ऑटोमेटिक तरीके से कचरा से कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है. मैन्युल तरीके से भज खाद बनाने शुरू कर दिया गया. वहीं, ऑटोमेटिक मशीन मन्दिर के पास तीन 500 टन का मशीन है. इसके अलावा सब्जी मंडी में भी ऑटोमेटिक मशीन लगाया जा रहा है.' - सावन कुमार,नगर आयुक्तकचरे का डंपिंगवहीं, कचरा निष्पादन नहीं करने से नैली पंचायत के गोपी बिगहा, आजाद बिगहा के बीच में 52 बिगहा खेतों में गया नगर निगम पिछले एक दशक से कचरे का डंपिंग कर रहा है. जिससे आसपास के लोग इसके दुर्गंध से और इसमें लगी आग से उठने वाला धुंआ से उनका दम घुटने लगता है.

200 गाड़ियां करती है कचरा डंप
'गया नगर निगम के कर्मचारी मिठाई मांझी ने बताया कि इस डंपिंग यार्ड में हर दिन 200 गाड़ियां कचरा डंप करती है। कई बार कचरे में आग लगा हुआ था जिससे यहां आग लग जाती है। आग बुझाने के लिए गया नगर निगम बोरिंग लगाया वो भी खराब हो गया है। बाल्टी से कचरे का आग बुझाना ना मुमकिन है.' - मिठाई मांझी, गया नगर निगम कर्मचारी

'यहां पिछले एक दशक से कचरे का डंप किया जा रहा है इस कचरे के दुर्गंध से और कचरे में लगी आग के धुंए से हम सभी लोग बीमार पड़ जाते हैं. कचरे के दुर्गंध के कारण बच्चे- बुजुर्ग बीमार पड़ते है. साथ ही रिश्तेदारी के लोग भी नहीं आते हैं रात के समय कचरे से निकलने वाली धुआं से हमलोग का दम घुटने लगता है.' - नीलम देवी, स्थानीय

गया: नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड आते है इन वार्डो से हर दिन 250 टन कचरा निकलता है. गया नगर निगम सैकड़ों टन कचरे का उठाव शहर से नियमित कर लेता है लेकिन इस कूड़ा को निष्पादन करने के बजाय डंप कर देता है. कूड़ा डंप होने से नैली पंचायत के आधा दर्जन गांव के हजारों लोग कूड़े के दुर्गध और धुंआ से परेशानी से जिंदगी जी रहे है.

दरअसल, बिहार के धर्मनगरी गया में पांच साल पूर्व तक हर चौक-चौराहा पर कूड़े का अंबार लगा रहता था. गया नगर निगम अपने कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए शहर के चौक-चौराहा से कूड़े का डंप को हटा देती है लेकिन शहर से हटाकर शहर के नजदीक डंप करने से हजारों लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

200 गाड़ियां करती है कचरा डंप
200 गाड़ियां करती है कचरा डंप

शहर में कचरे के नियमित उठाव के बावजूद स्वच्छता सर्वेक्षण में गया शहर फिसड्डी साबित होता है. इस संबंध में गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया दी.

कचरा से बनाया जा रहा है खाद
कचरा से बनाया जा रहा है खाद

'सर्वेक्षण में गया नगर निगम बेहतर करें उसी दिशा में काम कर रहे है. गया नगर निगम के कार्य के साथ ही आम लोगों को इसके लिए जागरूक होना चाहिए. मुझे उम्मीद है आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण में गया अव्वल आएग.' - मोहन श्रीवास्तव , डिप्टी मेयर

260 से 280 टन कचरा निकलता है कचरा
'गया नगर निगम के 53 वार्डो से 260 से 280 टन कचरा निकलता है. कचरा उठाव के हर वार्ड में दो गाड़ी इसके अलावा मुख्य मार्गो में गाड़िया है. जो कचरा को कलेक्ट करती है. ये सैकड़ों संख्या में कचड़ा नेली डंपिंग यार्ड में डंप किया जाता है. हमलोग कचरा उठा लेते है लेकिन कचरा का निष्पादन नहीं किया जाता है. कचरा निष्पादन के लिए विभाग स्तर पर टेंडर इसके लिए किया गया है.' - सावन कुमार,नगर आयुक्त

देखें पूरी रिपोर्ट
कचरा से बनाया जा रहा है खाद 'गया में कचरे निष्पादन के लिए मैन्युअल और ऑटोमेटिक तरीके से कचरा से कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है. मैन्युल तरीके से भज खाद बनाने शुरू कर दिया गया. वहीं, ऑटोमेटिक मशीन मन्दिर के पास तीन 500 टन का मशीन है. इसके अलावा सब्जी मंडी में भी ऑटोमेटिक मशीन लगाया जा रहा है.' - सावन कुमार,नगर आयुक्तकचरे का डंपिंगवहीं, कचरा निष्पादन नहीं करने से नैली पंचायत के गोपी बिगहा, आजाद बिगहा के बीच में 52 बिगहा खेतों में गया नगर निगम पिछले एक दशक से कचरे का डंपिंग कर रहा है. जिससे आसपास के लोग इसके दुर्गंध से और इसमें लगी आग से उठने वाला धुंआ से उनका दम घुटने लगता है.

200 गाड़ियां करती है कचरा डंप
'गया नगर निगम के कर्मचारी मिठाई मांझी ने बताया कि इस डंपिंग यार्ड में हर दिन 200 गाड़ियां कचरा डंप करती है। कई बार कचरे में आग लगा हुआ था जिससे यहां आग लग जाती है। आग बुझाने के लिए गया नगर निगम बोरिंग लगाया वो भी खराब हो गया है। बाल्टी से कचरे का आग बुझाना ना मुमकिन है.' - मिठाई मांझी, गया नगर निगम कर्मचारी

'यहां पिछले एक दशक से कचरे का डंप किया जा रहा है इस कचरे के दुर्गंध से और कचरे में लगी आग के धुंए से हम सभी लोग बीमार पड़ जाते हैं. कचरे के दुर्गंध के कारण बच्चे- बुजुर्ग बीमार पड़ते है. साथ ही रिश्तेदारी के लोग भी नहीं आते हैं रात के समय कचरे से निकलने वाली धुआं से हमलोग का दम घुटने लगता है.' - नीलम देवी, स्थानीय

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