गया: नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड आते है इन वार्डो से हर दिन 250 टन कचरा निकलता है. गया नगर निगम सैकड़ों टन कचरे का उठाव शहर से नियमित कर लेता है लेकिन इस कूड़ा को निष्पादन करने के बजाय डंप कर देता है. कूड़ा डंप होने से नैली पंचायत के आधा दर्जन गांव के हजारों लोग कूड़े के दुर्गध और धुंआ से परेशानी से जिंदगी जी रहे है.
दरअसल, बिहार के धर्मनगरी गया में पांच साल पूर्व तक हर चौक-चौराहा पर कूड़े का अंबार लगा रहता था. गया नगर निगम अपने कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए शहर के चौक-चौराहा से कूड़े का डंप को हटा देती है लेकिन शहर से हटाकर शहर के नजदीक डंप करने से हजारों लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
शहर में कचरे के नियमित उठाव के बावजूद स्वच्छता सर्वेक्षण में गया शहर फिसड्डी साबित होता है. इस संबंध में गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने प्रतिक्रिया दी.
'सर्वेक्षण में गया नगर निगम बेहतर करें उसी दिशा में काम कर रहे है. गया नगर निगम के कार्य के साथ ही आम लोगों को इसके लिए जागरूक होना चाहिए. मुझे उम्मीद है आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण में गया अव्वल आएग.' - मोहन श्रीवास्तव , डिप्टी मेयर
260 से 280 टन कचरा निकलता है कचरा
'गया नगर निगम के 53 वार्डो से 260 से 280 टन कचरा निकलता है. कचरा उठाव के हर वार्ड में दो गाड़ी इसके अलावा मुख्य मार्गो में गाड़िया है. जो कचरा को कलेक्ट करती है. ये सैकड़ों संख्या में कचड़ा नेली डंपिंग यार्ड में डंप किया जाता है. हमलोग कचरा उठा लेते है लेकिन कचरा का निष्पादन नहीं किया जाता है. कचरा निष्पादन के लिए विभाग स्तर पर टेंडर इसके लिए किया गया है.' - सावन कुमार,नगर आयुक्त
200 गाड़ियां करती है कचरा डंप
'गया नगर निगम के कर्मचारी मिठाई मांझी ने बताया कि इस डंपिंग यार्ड में हर दिन 200 गाड़ियां कचरा डंप करती है। कई बार कचरे में आग लगा हुआ था जिससे यहां आग लग जाती है। आग बुझाने के लिए गया नगर निगम बोरिंग लगाया वो भी खराब हो गया है। बाल्टी से कचरे का आग बुझाना ना मुमकिन है.' - मिठाई मांझी, गया नगर निगम कर्मचारी
'यहां पिछले एक दशक से कचरे का डंप किया जा रहा है इस कचरे के दुर्गंध से और कचरे में लगी आग के धुंए से हम सभी लोग बीमार पड़ जाते हैं. कचरे के दुर्गंध के कारण बच्चे- बुजुर्ग बीमार पड़ते है. साथ ही रिश्तेदारी के लोग भी नहीं आते हैं रात के समय कचरे से निकलने वाली धुआं से हमलोग का दम घुटने लगता है.' - नीलम देवी, स्थानीय