गया: बिहार में इन दिनों धान की फसल के लिए यूरिया की किल्लत (Shortage of Urea) हो गयी है. यूरिया दुकानों पर हर दिन मारपीट की नौबत बन जा रही है. गया पहुंचे बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Minister Amarendra Pratap Singh) ने बताया कि पूरे देश में यूरिया की किल्लत है. इस बार अच्छी बारिश होने की वजह से सभी किसानों ने फसल लगाई है, जिसकी वजह से यूरिया की किल्लत हो गई है.
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बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अभी पूरे देश के साथ-साथ बिहार में भी यूरिया की किल्लत है, लेकिन कमी के कारण किसानों के उत्पादन को प्रभावित नहीं होने दिया है. हम लोगों ने यूरिया आपूर्ति को सामान्य बनाने के लिए काफी प्रयास किए हैं. मेरे द्वारा प्रयास किया गया कि समय समय पर खाद की आपूर्ति होते रहे, जिससे किसानों को कठिनाई नहीं हो.
''यूरिया की कमी के दो कारण हैं, पहला यूरिया बनाने के लिए सामग्री विदेश से आता था, जिसमें 30 फीसदी कटौती की गई है. वहीं दूसरा कारण है कि इस बार अच्छी बारिश होने के कारण खेती का रकबा काफी बढ़ा है. बिहार में पहले की अपेक्षा ज्यादा धान की खेती की जा रही है, जिसकी वजह से यूरिया खाद की मांग बढ़ गयी है और किल्लत जैसी स्थिति बन गयी है.''- अमरेंद्र प्रताप सिंह, कृषि मंत्री, बिहार सरकार
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यूरिया की कालाबाजारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कालाबाजारी एक राजनीतिक बात है. किसानों को पहले पता नहीं था, उन्हें 50 किलोग्राम यूरिया 266 रुपए में मिलता है. एनडीए सरकार ने किसानों को बताया कि इतने दिनों तक किसानों को सही मूल्य नहीं बताना भी कालाबाजारी है.
बता दें कि कृषि मंत्री से भाजपा और जदयू के नेताओं ने मिलकर यूरिया गया जिले को अधिक देने की मांग की है. भाजपा नेताओं ने कृषि मंत्री से कहा कि गांव में जाने पर सिर्फ यूरिया की समस्या सामने आ रही है. कृषि मंत्री ने गया जिले को पहले की अपेक्षा अधिक यूरिया देने का आदेश कृषि विभाग को दिया है.