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गया: लॉकडाउन-4 में भी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी, ट्रकों से पहुंच रहे प्रवासी - मजदूरों का माइग्रेशन

टोल प्लाजा का दृश्य सरकारी इंतजामों की पोल भी खोल रहा है. बड़े-बड़े कंटेनर्स से आ रहे इन मजदूरों के लिये जिला प्रशासन की तरफ से पानी तक की व्यवस्था नहीं है.

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Published : May 18, 2020, 5:34 PM IST

Updated : May 19, 2020, 4:27 PM IST

गया: देश में चौथी बार लॉकडाउन लागू किया जा चुका है. लॉकडाउन के चौथे चरण में भी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. इस बाबत ईटीवी भारत संवददाता ने गया जिले के आमस टोल प्लाजा से ग्राउंड रिपोर्टिंग की और ट्रकों से जाने वाले मजदूरों की परिस्थितियों को समझा.

लॉकडाउन की शुरूआत 23 मार्च से हुई थी. 21 दिनों के इसके पहले चरण में मजदूरों का पलायन न के बराबर हुआ, लेकिन दूसरे चरण के लॉकडाउन की शुरूआत होते ही मजदूरों के आने का सिलसिला जो जारी हुआ वो लगातार अभी तक चल रहा है. बेबस मजदूर पैदल, साइकिल और ट्रकों से आ रहे हैं. जिले के आमस टोल प्लाजा से लगातार मजदूरों से भरे ट्रक गुजर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

मजदूरों का पलायन है जारी
टोल प्लाजा का दृश्य सरकारी इंतजामों की पोल भी खोल रहा है. बड़े-बड़े कंटेनर्स से आ रहे इन मजदूरों के लिये जिला प्रशासन की तरफ से पानी तक की व्यवस्था नहीं है. टोल प्लाजा कर्मी अमित ने बताया कि इस लॉकडाउन में जब से टोल प्लाजा खुला है हमलोग हर रोज ऐसा दृश्य देख रहे हैं. ट्रकों में बेतरतीब ठूंसे हुये मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं. दिन से ज्यादा रात में मजदूरों का सैलाब देखने को मिल रहा है. ऐसा दृश्य देख दुख होता है.

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ट्रकों से जा रहे मजदूर

मजदूर की हो गई थी मौत
बता दें कि ट्रक वाले मजदूरों को जिले के एंट्री प्वाइंट तक छोड़कर चले जाते हैं. भूखे मजदूर वहां से पैदल ही अपने घरों तक जाने के लिए मजबूर हैं. शनिवार की शाम को ऐसी ही एक घटना गया शहर में हुई. जब मुंबई से ट्रक में बैठकर आये मजदूरों को ट्रक चालक ने शहर के सिकड़िया मोड़ पर उतार दिया. सभी मजदूर कुछ दूर चले ही थे कि उनमें से एक की भूख और लू लगने से मौत हो गयी थी.

गया: देश में चौथी बार लॉकडाउन लागू किया जा चुका है. लॉकडाउन के चौथे चरण में भी मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है. इस बाबत ईटीवी भारत संवददाता ने गया जिले के आमस टोल प्लाजा से ग्राउंड रिपोर्टिंग की और ट्रकों से जाने वाले मजदूरों की परिस्थितियों को समझा.

लॉकडाउन की शुरूआत 23 मार्च से हुई थी. 21 दिनों के इसके पहले चरण में मजदूरों का पलायन न के बराबर हुआ, लेकिन दूसरे चरण के लॉकडाउन की शुरूआत होते ही मजदूरों के आने का सिलसिला जो जारी हुआ वो लगातार अभी तक चल रहा है. बेबस मजदूर पैदल, साइकिल और ट्रकों से आ रहे हैं. जिले के आमस टोल प्लाजा से लगातार मजदूरों से भरे ट्रक गुजर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

मजदूरों का पलायन है जारी
टोल प्लाजा का दृश्य सरकारी इंतजामों की पोल भी खोल रहा है. बड़े-बड़े कंटेनर्स से आ रहे इन मजदूरों के लिये जिला प्रशासन की तरफ से पानी तक की व्यवस्था नहीं है. टोल प्लाजा कर्मी अमित ने बताया कि इस लॉकडाउन में जब से टोल प्लाजा खुला है हमलोग हर रोज ऐसा दृश्य देख रहे हैं. ट्रकों में बेतरतीब ठूंसे हुये मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं. दिन से ज्यादा रात में मजदूरों का सैलाब देखने को मिल रहा है. ऐसा दृश्य देख दुख होता है.

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ट्रकों से जा रहे मजदूर

मजदूर की हो गई थी मौत
बता दें कि ट्रक वाले मजदूरों को जिले के एंट्री प्वाइंट तक छोड़कर चले जाते हैं. भूखे मजदूर वहां से पैदल ही अपने घरों तक जाने के लिए मजबूर हैं. शनिवार की शाम को ऐसी ही एक घटना गया शहर में हुई. जब मुंबई से ट्रक में बैठकर आये मजदूरों को ट्रक चालक ने शहर के सिकड़िया मोड़ पर उतार दिया. सभी मजदूर कुछ दूर चले ही थे कि उनमें से एक की भूख और लू लगने से मौत हो गयी थी.

Last Updated : May 19, 2020, 4:27 PM IST
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