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जीतन राम मांझी का ज्ञान- 'अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति भारत आए हैं, वहां रहते तो खून-खराबा होता' - पर्वत पुरूष दशरथ मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी भारत आए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Jitan Ram Manjhi
जीतन राम मांझी
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Published : Aug 17, 2021, 5:52 PM IST

गया: तालिबान लड़ाकों के राजधानी काबुल पहुंचते ही अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर भाग गए. अशरफ गनी ने किस देश में शरण ली है इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं है. पहले बताया जा रहा था कि वह ताजिकिस्तान पहुंचे हैं, लेकिन वहां पर उनकी फ्लाइट लैंड नहीं हो सकी. इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है.

यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान में कितने बिहारी फंसे हैं? CM नीतीश बोले- 'नहीं पता'

गया में पर्वत पुरूष दशरथ मांझी (Dashrath Manjhi) की 14वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे (Taliban Capture Afghanistan) के संबंध में सवाल पूछा गया तो जीतन राम मांझी ने कहा, 'आक्रमणकारी (तालिबान) को हमलोग अच्छा नहीं समझते हैं. वहां के राष्ट्रपति भारत आए हैं. उन्होंने एक ही बात कहा है कि हम अगर वहां रहते तो काफी खून-खराबा होता. इसे रोकने के लिए मैं यहां चला आया हूं.'

देखें वीडियो

"किसी भी देश पर आक्रमण कर कब्जा करना अच्छी बात नहीं है. किसी देश की भूमि पर कब्जा करना भारतीय राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है. भारत में आतंकी गतिविधियों में चीन भी शामिल है. पाकिस्तान बाहरी शक्तियों का इस्तेमाल कर रहा है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के प्रमुख

इसके साथ ही गया के आजाद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने कहा, 'दशरथ मांझी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है यह हमलोगों का सौभाग्य है. दशरथ मांझी जिस समाज से आते हैं उस समाज के लोगों की जब पुण्यतिथि मनाई जाती है तो हमलोग गौरवान्वित होते हैं. दशरथ मांझी ने इतना बड़ा काम किया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. भूखे, प्यासे रहकर 22 वर्ष 6 महीना में गेहलौर पहाड़ को काटकर चलने लायक रास्ता बना दिया.'

जीतन राम मांझी ने कहा, 'मेरे बेटे संतोष कुमार सुमन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि देने की मांग की है. हम आज उनकी पुण्यतिथि पर संकल्प लेते हैं कि जब तक बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि नहीं मिलती तब तक हम लोग चैन से नहीं बैठेंगे. जब मैं मुख्यमंत्री था तब बाबा दशरथ के नाम पर महोत्सव मनाने की शुरुआत की थी.'

बता दें कि दशरथ मांझी की 14वीं पुण्यतिथि पर जीतन राम मांझी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. शहर के आजाद पार्क से गाजे-बाजे के साथ रैली निकाली गई. रैली खिजरसराय होते हुए ​गेहलौर घाटी स्थित पवित्र समाधि स्थल तक पहुंची. इस मौके पर जीतन राम मांझी, वजीरगंज विधायक वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष नंदलाल मांझी, संतोष मांझी, लक्ष्मण मांझी, सरवन मांझी, दीना नाथ मांझी सहित मांझी विचार मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

यह भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर JDU में दो फाड़, नीतीश और RCP के अलग-अलग सुर!

गया: तालिबान लड़ाकों के राजधानी काबुल पहुंचते ही अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर भाग गए. अशरफ गनी ने किस देश में शरण ली है इसके बारे में अभी कुछ पता नहीं है. पहले बताया जा रहा था कि वह ताजिकिस्तान पहुंचे हैं, लेकिन वहां पर उनकी फ्लाइट लैंड नहीं हो सकी. इस बीच बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है.

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गया में पर्वत पुरूष दशरथ मांझी (Dashrath Manjhi) की 14वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे (Taliban Capture Afghanistan) के संबंध में सवाल पूछा गया तो जीतन राम मांझी ने कहा, 'आक्रमणकारी (तालिबान) को हमलोग अच्छा नहीं समझते हैं. वहां के राष्ट्रपति भारत आए हैं. उन्होंने एक ही बात कहा है कि हम अगर वहां रहते तो काफी खून-खराबा होता. इसे रोकने के लिए मैं यहां चला आया हूं.'

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"किसी भी देश पर आक्रमण कर कब्जा करना अच्छी बात नहीं है. किसी देश की भूमि पर कब्जा करना भारतीय राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है. भारत में आतंकी गतिविधियों में चीन भी शामिल है. पाकिस्तान बाहरी शक्तियों का इस्तेमाल कर रहा है."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के प्रमुख

इसके साथ ही गया के आजाद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में जीतन राम मांझी ने कहा, 'दशरथ मांझी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है यह हमलोगों का सौभाग्य है. दशरथ मांझी जिस समाज से आते हैं उस समाज के लोगों की जब पुण्यतिथि मनाई जाती है तो हमलोग गौरवान्वित होते हैं. दशरथ मांझी ने इतना बड़ा काम किया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. भूखे, प्यासे रहकर 22 वर्ष 6 महीना में गेहलौर पहाड़ को काटकर चलने लायक रास्ता बना दिया.'

जीतन राम मांझी ने कहा, 'मेरे बेटे संतोष कुमार सुमन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि देने की मांग की है. हम आज उनकी पुण्यतिथि पर संकल्प लेते हैं कि जब तक बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न की उपाधि नहीं मिलती तब तक हम लोग चैन से नहीं बैठेंगे. जब मैं मुख्यमंत्री था तब बाबा दशरथ के नाम पर महोत्सव मनाने की शुरुआत की थी.'

बता दें कि दशरथ मांझी की 14वीं पुण्यतिथि पर जीतन राम मांझी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया और श्रद्धांजलि रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. शहर के आजाद पार्क से गाजे-बाजे के साथ रैली निकाली गई. रैली खिजरसराय होते हुए ​गेहलौर घाटी स्थित पवित्र समाधि स्थल तक पहुंची. इस मौके पर जीतन राम मांझी, वजीरगंज विधायक वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष नंदलाल मांझी, संतोष मांझी, लक्ष्मण मांझी, सरवन मांझी, दीना नाथ मांझी सहित मांझी विचार मंच के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

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