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गया: सालाना बिक रही 7 करोड़ की दवा, जरूरतमंदों के लिए वरदान बना जन औषधि केंद्र

जन औषधि केंद्रों (Jan Aushadhi Kendra) पर दवाएं 90 फीसदी तक सस्ती मिलती हैं क्योंकि ये जेनेरिक दवाएं होती हैं. गया में 16 स्थानों मे केंद्र है जहां लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है.

gaya Jan Aushadhi Kendra
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Published : Apr 27, 2022, 5:30 PM IST

गया: इन दिनों महंगाई की मार से हर कोई त्रस्त है. ऐसे में बीमारों की क्या स्थिति होगी, यह समझा जा सकता है. खासकर मध्यम व निम्न वर्गीय लोगों को तो बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती है. इन सबके बीच प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (Pradhan Mantri Jan Aushadhi Yojana) गरीब और बीमार लाचारों के लिए आज वरदान बन गई है. यहां बाजारों में बिकने वाली दवाइयों के मुकाबले 90 प्रतिशत सस्ती दवाइयां उपलब्ध हैं.

पढ़ें- भभुआ सदर अस्पताल का जन औषधि केंद्र ETV भारत की पड़ताल में फेल

जन औषधि केंद्र पर बढ़ा लोगों का भरोसा: गया के औषधि केंद्र ( gaya Jan Aushadhi Kendra) में लोगों की भीड़ दवा खरीदने के लिए उमड़ रही है. गुणवत्ता और सस्ती होने के कारण इन केंद्रों पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. पहले लोगों के बीच प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की जानकारी नहीं थी इसलिए उतनी भीड़ देखने को नहीं मिलती थी. लेकिन जैसे-जैसे इसका प्रचार प्रसार होता गया वैसे-वैसे लोगों की भीड़ बढ़ती चली गयी. जानकारी के अभाव और गुणवत्ता को लेकर बने संशय को अब दूर कर दिया गया है. जिसका असर केंद्रों में साफ दिख रहा है.

1000 से अधिक तरह की दवाएं उपलब्ध: प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर 1000 से अधिक तरह की दवाएं वर्तमान में उपलब्ध हैं. विभिन्न गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, बीपी, मानसिक बीमारी, कैंसर समेत अन्य सामान्य और गंभीर बीमारी की दवाइयां उपलब्ध हैं. बाजारों में एक सौ रुपए तक के मूल्य में मिलने वाले सेनेटरी पैड यहां सिर्फ 10 रुपए में ही उपलब्ध है. फिलहाल गया जिले में 16 स्थानों पर इसके केंद्र खुले हैं, जिसमें 3 प्रमुख अस्पतालों मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जयप्रकाश नारायण अस्पताल और प्रभावती अस्पताल के अलावा शहर के 13 स्थानों पर यह दुकान खुली हैं.

सालाना बिक रही 7 करोड़ की दवा: इससे जुड़े पदाधिकारी के अनुसार पहले के सालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर कम ही खरीदार आते थे. लेकिन अब गया के 16 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों से प्रत्येक साल तकरीबन 7 करोड़ की दवाओं की खपत हो रही है. राज्य भर में गया में सबसे ज्यादा लोगों के बीच जागरूकता आया है. यही वजह है कि उनका रुझान प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की ओर बढ़ा है. अभी गया में तीन और केंद्र खोले जाने की योजना है.

ग्राहक बोले-सरकार की यह शानदार पहल: वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर पहुंचे ग्राहकों का कहना है कि काफी सस्ते मूल्य में यह दवाइयां मिलती हैं. साथ ही उसकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी है. जिस दवा की कीमत बाजार में 30 रुपये है वही दवा इस केंद्र में महज 5 रुपये में मिलती है. यह मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के लिए सरकार की ओर से शानदार पहल है. साथ ही बीमारों के लिए यह एक तरह से वरदान है.

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गया: इन दिनों महंगाई की मार से हर कोई त्रस्त है. ऐसे में बीमारों की क्या स्थिति होगी, यह समझा जा सकता है. खासकर मध्यम व निम्न वर्गीय लोगों को तो बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ती है. इन सबके बीच प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (Pradhan Mantri Jan Aushadhi Yojana) गरीब और बीमार लाचारों के लिए आज वरदान बन गई है. यहां बाजारों में बिकने वाली दवाइयों के मुकाबले 90 प्रतिशत सस्ती दवाइयां उपलब्ध हैं.

पढ़ें- भभुआ सदर अस्पताल का जन औषधि केंद्र ETV भारत की पड़ताल में फेल

जन औषधि केंद्र पर बढ़ा लोगों का भरोसा: गया के औषधि केंद्र ( gaya Jan Aushadhi Kendra) में लोगों की भीड़ दवा खरीदने के लिए उमड़ रही है. गुणवत्ता और सस्ती होने के कारण इन केंद्रों पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. पहले लोगों के बीच प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की जानकारी नहीं थी इसलिए उतनी भीड़ देखने को नहीं मिलती थी. लेकिन जैसे-जैसे इसका प्रचार प्रसार होता गया वैसे-वैसे लोगों की भीड़ बढ़ती चली गयी. जानकारी के अभाव और गुणवत्ता को लेकर बने संशय को अब दूर कर दिया गया है. जिसका असर केंद्रों में साफ दिख रहा है.

1000 से अधिक तरह की दवाएं उपलब्ध: प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर 1000 से अधिक तरह की दवाएं वर्तमान में उपलब्ध हैं. विभिन्न गंभीर बीमारियों जैसे डायबिटीज, बीपी, मानसिक बीमारी, कैंसर समेत अन्य सामान्य और गंभीर बीमारी की दवाइयां उपलब्ध हैं. बाजारों में एक सौ रुपए तक के मूल्य में मिलने वाले सेनेटरी पैड यहां सिर्फ 10 रुपए में ही उपलब्ध है. फिलहाल गया जिले में 16 स्थानों पर इसके केंद्र खुले हैं, जिसमें 3 प्रमुख अस्पतालों मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जयप्रकाश नारायण अस्पताल और प्रभावती अस्पताल के अलावा शहर के 13 स्थानों पर यह दुकान खुली हैं.

सालाना बिक रही 7 करोड़ की दवा: इससे जुड़े पदाधिकारी के अनुसार पहले के सालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर कम ही खरीदार आते थे. लेकिन अब गया के 16 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों से प्रत्येक साल तकरीबन 7 करोड़ की दवाओं की खपत हो रही है. राज्य भर में गया में सबसे ज्यादा लोगों के बीच जागरूकता आया है. यही वजह है कि उनका रुझान प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की ओर बढ़ा है. अभी गया में तीन और केंद्र खोले जाने की योजना है.

ग्राहक बोले-सरकार की यह शानदार पहल: वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर पहुंचे ग्राहकों का कहना है कि काफी सस्ते मूल्य में यह दवाइयां मिलती हैं. साथ ही उसकी गुणवत्ता भी काफी अच्छी है. जिस दवा की कीमत बाजार में 30 रुपये है वही दवा इस केंद्र में महज 5 रुपये में मिलती है. यह मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के लिए सरकार की ओर से शानदार पहल है. साथ ही बीमारों के लिए यह एक तरह से वरदान है.

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