पटनाः बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ (Bihar Institute of Law) की पंचम वर्ष की छात्रा शुभांगी पांडे का रिजल्ट पंद्रह दिनों के भीतर प्रकाशित करने निर्देश पटना हाईकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय प्रशासन को दिया है. जस्टिस संजीव कुमार शर्मा ने याचिकाकर्ता शुभांगी पांडे की रिट याचिका पर सुनवाई (Hearing In Patna HC On Magadh University Pending Result) की. कोर्ट ने इस मामलें पर कड़ा रुख अपनाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि इसके बाद भी रिजल्ट नहीं प्रकाशित हुआ, तो विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रत्येक छात्र को प्रति दिन विलम्ब होने पर दस हजार रुपया क्षतिपूर्ति के रूप में देना होगा.
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परीक्षा खत्म होने के साठ दिनों भीतर रिजल्ट का प्रावधानः याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रावधानों के अनुसार किसी भी परीक्षा का रिजल्ट परीक्षा खत्म होने के साठ दिनों भीतर प्रकाशित हो जाना चाहिए, लेकिन अब तक परिणाम प्रकाशित नहीं किया गया है. इससे उसके आगे के परीक्षाओं पर असर पड़ेगा.
सरकार को विश्वविद्यालय में हस्तक्षेप करना चाहिएः कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि परीक्षा होने व रिजल्ट प्रकाशित करने के लिए रिट दायर करने का काम छात्रों का नहीं है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को स्वयं तत्पर होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार देख रही है कि विश्वविद्यालय का प्रशासन वीसी या शिक्षाविदों द्वारा सही ढंग से नहीं चलाया जा रहा है, तो सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है. ऐसी स्थिति में सरकार को ऐसे विश्वविद्यालय का प्रशासन खुद चलाना चाहिए, जब तक एडमिशन और परीक्षा संचालन सही ढंग से नहीं चलने लगे. इसके आदेश के साथ ही कोर्ट ने इस मामलें को निष्पादित कर दिया.
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