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Gaya Scorching Heat: यहां भगवान को भी लगती है गर्मी, चलता है AC, पीते हैं बेल का जूस, देखें VIDEO

भगवान को भी गर्मी लगती है, जी हां गया के इस्कॉन मंदिर में भगवान जी को गर्मी से निजात दिलाने के लिए दिन-रात एसी चलाए जाते हैं. यही नहीं एसी और पंखे के साथ साथ मटके का पानी और बेल का जूस भी पिलाया जा रहा है. इसके पीछे क्या मान्यता है जानने के लिए पढ़िए ये खबर-

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Published : Apr 22, 2023, 6:01 PM IST

भगवान को भी लगती है गर्मी, देखें वीडियो

गया : बिहार में भीषण लू चल रही है. गया में तापमान 44 डिग्री तक चला गया है. ऐसे में भगवान को भी गर्मी लग रही है. भगवान को ठंडक पहुंचाने के लिए एसी, कूलर लगाया गया है. गया के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भगवान जी को गर्मी से निजात दिलाने के लिए न सिर्फ एसी-कूलर और पंखे चलाए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें मटके का पानी और बेल का शरबत पिलाया जा रहा.

ये भी पढ़ें- Flower Bungalow In Sagar : 'भगवान' को गर्मी न लग जाए, इसलिए सागर के द्वारिकाधीश मंदिर में बनाया गया फूल बंगला

भीषण गर्मी से 'भगवान' भी परेशान: गया शहर में प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर स्थित है. यहां राधे-कृष्ण, सुभद्रा, बलराम की भी प्रतिमाएं हैं. इसके अलावे यहां चैतन्य महाप्रभु की भी प्रतिमा है. इस मंदिर में भगवान जी की प्रतिमा के पास दिन हो या रात 24 घंटे लगातार एसी और पंखे चलाए जा रहे हैं. इस तरह राधे-कृष्ण के इस मंदिर में भगवान जी को इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से निजात दिलाई जा रही है. गया का पारा 44 डिग्री जा चुका है. ऐसे में गया के इस्कॉन मंदिर में भगवान जी को गर्मी से निजात दिलाने के लिए 24 घंटे एसी चलाई जा रही है.

भगवान को मटके का ठंडा पानी और बेल का जूस: भगवान जी को गर्मी से निजात के लिए कृत्रिम ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक रूप से सेवा दिए जा रहे हैं. एक ओर एसी अनवरत चल रहा है, तो दूसरी ओर भगवान जी के लिए मटके का ठंडा पानी और बेल का जूस भी दिया जा रहा है. वहीं, इस मंदिर में माता तुलसी को जल दान भी किया जा रहा है. जल दान का अर्थ है बूंद-बूंद पानी माता तुलसी के ऊपर अर्पित करना, ताकि भीषण गर्मी के प्रकोप से राहत मिल सके.



"भगवान जी एक व्यक्ति हैं. वहीं, भगवान जी इस मंदिर के प्रमुख हैं. जिस तरह की गर्मी है, तो एसी कूलर भगवान जी के लिए चलाते हैं. भगवान जी को प्रेम स्वरूप इसका बंदोबस्त है. भगवान जी के लिए ठंडा पानी है, जो कि मटके का पानी पिलाया जाता है. वही ठंडे फल के रूप में सीजनली फल दिए जाते हैं. बेल का जूस, आम का पन्ना भी दिया जाता है.''- जगदीश श्यामदास, इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी


'पत्रं पुष्पं फलं तोयं, यो में भक्तया प्रयच्छति': जगदीश श्यामदास बताते हैं कि भगवान जी गर्मी-ठंड से ऊपर है, लेकिन भक्त जब प्रेम से देते हैं, तो भगवान स्वीकार करते हैं. भगवान भगवत गीता में कहते हैं, 'पत्रं पुष्पं फलं तोयं, यो में भक्तया प्रयच्छति' यानि कि मुझे जो प्रेम से, शुद्ध मन से कोई पुष्प, फल, जल, पत्र देता है, मैं उसे स्वीकार करता हूं. यानि भगवान सिर्फ भक्ति के भूखे होते हैं. इसी प्रकार जो भी भक्त प्रेम से देते हैं, भगवान उसे स्वीकार करते हैं. इसी प्रकार गर्मी में यह व्यवस्था की गई है. भगवान जी की कृपा से बारिश हुई है, फिर भी अभी गर्मी का मौसम है, तो भगवान जी के लिए अनवरत एसी चलाए जा रहे हैं.

भगवान जी के लिए यह अनोखी आस्था: फिलहाल गया के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भगवान जी के लिए यह अनोखी आस्था देखने को मिल रही है, जहां भीषण गर्मी से भगवान जी को निजात दिलाया जा रहा है. इस तरह अनोखी आस्था भक्तों का भगवान के लिए देखा जा रहा है.

भगवान को भी लगती है गर्मी, देखें वीडियो

गया : बिहार में भीषण लू चल रही है. गया में तापमान 44 डिग्री तक चला गया है. ऐसे में भगवान को भी गर्मी लग रही है. भगवान को ठंडक पहुंचाने के लिए एसी, कूलर लगाया गया है. गया के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भगवान जी को गर्मी से निजात दिलाने के लिए न सिर्फ एसी-कूलर और पंखे चलाए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें मटके का पानी और बेल का शरबत पिलाया जा रहा.

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भीषण गर्मी से 'भगवान' भी परेशान: गया शहर में प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर स्थित है. यहां राधे-कृष्ण, सुभद्रा, बलराम की भी प्रतिमाएं हैं. इसके अलावे यहां चैतन्य महाप्रभु की भी प्रतिमा है. इस मंदिर में भगवान जी की प्रतिमा के पास दिन हो या रात 24 घंटे लगातार एसी और पंखे चलाए जा रहे हैं. इस तरह राधे-कृष्ण के इस मंदिर में भगवान जी को इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से निजात दिलाई जा रही है. गया का पारा 44 डिग्री जा चुका है. ऐसे में गया के इस्कॉन मंदिर में भगवान जी को गर्मी से निजात दिलाने के लिए 24 घंटे एसी चलाई जा रही है.

भगवान को मटके का ठंडा पानी और बेल का जूस: भगवान जी को गर्मी से निजात के लिए कृत्रिम ही नहीं, बल्कि प्राकृतिक रूप से सेवा दिए जा रहे हैं. एक ओर एसी अनवरत चल रहा है, तो दूसरी ओर भगवान जी के लिए मटके का ठंडा पानी और बेल का जूस भी दिया जा रहा है. वहीं, इस मंदिर में माता तुलसी को जल दान भी किया जा रहा है. जल दान का अर्थ है बूंद-बूंद पानी माता तुलसी के ऊपर अर्पित करना, ताकि भीषण गर्मी के प्रकोप से राहत मिल सके.



"भगवान जी एक व्यक्ति हैं. वहीं, भगवान जी इस मंदिर के प्रमुख हैं. जिस तरह की गर्मी है, तो एसी कूलर भगवान जी के लिए चलाते हैं. भगवान जी को प्रेम स्वरूप इसका बंदोबस्त है. भगवान जी के लिए ठंडा पानी है, जो कि मटके का पानी पिलाया जाता है. वही ठंडे फल के रूप में सीजनली फल दिए जाते हैं. बेल का जूस, आम का पन्ना भी दिया जाता है.''- जगदीश श्यामदास, इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष सह मुख्य पुजारी


'पत्रं पुष्पं फलं तोयं, यो में भक्तया प्रयच्छति': जगदीश श्यामदास बताते हैं कि भगवान जी गर्मी-ठंड से ऊपर है, लेकिन भक्त जब प्रेम से देते हैं, तो भगवान स्वीकार करते हैं. भगवान भगवत गीता में कहते हैं, 'पत्रं पुष्पं फलं तोयं, यो में भक्तया प्रयच्छति' यानि कि मुझे जो प्रेम से, शुद्ध मन से कोई पुष्प, फल, जल, पत्र देता है, मैं उसे स्वीकार करता हूं. यानि भगवान सिर्फ भक्ति के भूखे होते हैं. इसी प्रकार जो भी भक्त प्रेम से देते हैं, भगवान उसे स्वीकार करते हैं. इसी प्रकार गर्मी में यह व्यवस्था की गई है. भगवान जी की कृपा से बारिश हुई है, फिर भी अभी गर्मी का मौसम है, तो भगवान जी के लिए अनवरत एसी चलाए जा रहे हैं.

भगवान जी के लिए यह अनोखी आस्था: फिलहाल गया के प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में भगवान जी के लिए यह अनोखी आस्था देखने को मिल रही है, जहां भीषण गर्मी से भगवान जी को निजात दिलाया जा रहा है. इस तरह अनोखी आस्था भक्तों का भगवान के लिए देखा जा रहा है.

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