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झाड़ू लेकर सड़क पर उतरे मेयर और डिप्टी मेयर, हड़ताल कर्मियों ने डंडा लेकर किया विरोध

गया नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर पितृपक्ष को देखते हुए खुद ही झाड़ू लेकर शहर की साफ-सफाई में जुट गए. जिसका हड़ताल कर रहे सफाईकर्मियों ने डंडा लेकर विरोध किया. जिसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर वहां से भाग निकले. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 15, 2021, 7:22 AM IST

गया: बिहार के गया (Gaya) जिला समेत कई नगर निकायों में सफाई कर्मचारियों का हड़ताल जारी है. कर्मचारियों के हड़ताल से गया शहर में कचड़ा उठाव न होने से शहर के चौक-चौराहा में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गया नगर-निगम (Gaya Municipal Corporation) के मेयर और डिप्टी मेयर ने पितृपक्ष को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की शुरुआत करने के लिए खुद सड़क पर उतरकर सफाई करना शुरू कर दिए. इसकी जानकारी हड़ताल कर रहे सफाईकर्मियों को मिली, तो दंडीबाग स्थित नगर-निगम स्टोर पहुंचकर घेराव किया. सफाईकर्मियों का विरोध देखकर मेयर-डिप्टी मेयर सहित अधिकारी वहां से भाग निकले.

इसे भी पढ़ें: मेयर-डिप्टी मेयर झाड़ू लेकर सफाई करने उतरे तो हड़ताल कर्मियों ने डंडा लेकर विरोध किया

दरअसल, राज्य के लगभग प्रत्येक जिले में पिछले 9 दिनों से नगर-निगम सफाईकर्मियों का हड़ताल (Cleaning Workers Strike) चल रहा है. हड़ताल की वजह से राज्य के शहरी क्षेत्रों में नरकीय स्थिति हो गई है. गया नगर निगम ने पितृपक्ष में आनेवाले पिंडदानी को सुविधा को देखते हुए सफाई के लिए निजी कर्मियों को बहाल किया है. निजी कर्मियों के साथ विष्णुपद क्षेत्र में मेयर-डिप्टी मेयर खुद झाड़ू लेकर सफाई करने लगे.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: 15 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए निगम के 6000 सफाई कर्मी

सफाईकर्मियों ने गया नगर-निगम के वैकल्पिक व्यवस्था का विरोध जताया. इसके साथ ही लाठी-डंडा लेकर दंडीबाग स्थित नगर-निगम स्टोर में मेयर और डिप्टी मेयर का विरोध जताया. हड़ताल कर्मियों का विरोध देखकर मेयर-डिप्टी मेयर भाग खड़े हुए. इसे लेकर कुछ नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है.

'पिछले सात-आठ दिनों से हड़तालकर्मी सड़क पर हैं. लेकिन इनलोगों की मांग को नहीं माना जा रहा है. राज्य में 44 हजार से अधिक सफाईकर्मी हैं. सभी सफाईकर्मी कोविड काल में बगैर पीपीई किट पहनकर कोविड मरीजों के घर से कचड़ा उठा रहे थे. वहीं, आज जब सफाईकर्मी कुछ अधिक वेतन की मांग कर रहे हैं, तो सरकार उनपर लाठीचार्ज करा रही है.' -कुमार जितेंद्र, वाम दल नेता

'गया नगर निगम ने शहर में सफाई व्यवस्था बहाल करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है. जिसका हमलोग विरोध कर रहे थे. हमलोग का विरोध देखकर मेयर-डिप्टी मेयर भाग खड़े हुए. डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने जाते-जाते उन्होंने कहा कि तुम लोगों को देख लेंगे. वे दस लोग होकर देख लेंगे और हमलोग एक हजार हैं.' -श्रवण कुमार, कर्मचारी नेता

बता दें कि गया शहर से प्रत्येक दिन 228 टन कचरा निकलता है. लेकिन 8 दिनों से कचरा का उठाव नहीं होने से शहर में करीब 2,000 टन कचरा पड़ा हुआ है. इसी बीच बारीश होने के कारण कचरा से बदबू भी आना शुरू हो गया है. अगर एक-दो दिनों में कचरे का उठाव नहीं हुआ, तो शहर में महामारी फैल सकती है.

गया: बिहार के गया (Gaya) जिला समेत कई नगर निकायों में सफाई कर्मचारियों का हड़ताल जारी है. कर्मचारियों के हड़ताल से गया शहर में कचड़ा उठाव न होने से शहर के चौक-चौराहा में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. गया नगर-निगम (Gaya Municipal Corporation) के मेयर और डिप्टी मेयर ने पितृपक्ष को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की शुरुआत करने के लिए खुद सड़क पर उतरकर सफाई करना शुरू कर दिए. इसकी जानकारी हड़ताल कर रहे सफाईकर्मियों को मिली, तो दंडीबाग स्थित नगर-निगम स्टोर पहुंचकर घेराव किया. सफाईकर्मियों का विरोध देखकर मेयर-डिप्टी मेयर सहित अधिकारी वहां से भाग निकले.

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दरअसल, राज्य के लगभग प्रत्येक जिले में पिछले 9 दिनों से नगर-निगम सफाईकर्मियों का हड़ताल (Cleaning Workers Strike) चल रहा है. हड़ताल की वजह से राज्य के शहरी क्षेत्रों में नरकीय स्थिति हो गई है. गया नगर निगम ने पितृपक्ष में आनेवाले पिंडदानी को सुविधा को देखते हुए सफाई के लिए निजी कर्मियों को बहाल किया है. निजी कर्मियों के साथ विष्णुपद क्षेत्र में मेयर-डिप्टी मेयर खुद झाड़ू लेकर सफाई करने लगे.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: 15 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए निगम के 6000 सफाई कर्मी

सफाईकर्मियों ने गया नगर-निगम के वैकल्पिक व्यवस्था का विरोध जताया. इसके साथ ही लाठी-डंडा लेकर दंडीबाग स्थित नगर-निगम स्टोर में मेयर और डिप्टी मेयर का विरोध जताया. हड़ताल कर्मियों का विरोध देखकर मेयर-डिप्टी मेयर भाग खड़े हुए. इसे लेकर कुछ नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की है.

'पिछले सात-आठ दिनों से हड़तालकर्मी सड़क पर हैं. लेकिन इनलोगों की मांग को नहीं माना जा रहा है. राज्य में 44 हजार से अधिक सफाईकर्मी हैं. सभी सफाईकर्मी कोविड काल में बगैर पीपीई किट पहनकर कोविड मरीजों के घर से कचड़ा उठा रहे थे. वहीं, आज जब सफाईकर्मी कुछ अधिक वेतन की मांग कर रहे हैं, तो सरकार उनपर लाठीचार्ज करा रही है.' -कुमार जितेंद्र, वाम दल नेता

'गया नगर निगम ने शहर में सफाई व्यवस्था बहाल करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है. जिसका हमलोग विरोध कर रहे थे. हमलोग का विरोध देखकर मेयर-डिप्टी मेयर भाग खड़े हुए. डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने जाते-जाते उन्होंने कहा कि तुम लोगों को देख लेंगे. वे दस लोग होकर देख लेंगे और हमलोग एक हजार हैं.' -श्रवण कुमार, कर्मचारी नेता

बता दें कि गया शहर से प्रत्येक दिन 228 टन कचरा निकलता है. लेकिन 8 दिनों से कचरा का उठाव नहीं होने से शहर में करीब 2,000 टन कचरा पड़ा हुआ है. इसी बीच बारीश होने के कारण कचरा से बदबू भी आना शुरू हो गया है. अगर एक-दो दिनों में कचरे का उठाव नहीं हुआ, तो शहर में महामारी फैल सकती है.

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