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गया: बेबी कॉर्न की खेती कर रहे किसान, बोले- आम के आम के साथ मिलता है गुठली का दाम - स्ट्राबेरी की खेती में सफलता

सिंघापुर गांव निवासी किसान विन्देश्वर सिंह की बेबी कॉर्न की फसल देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं. दूर दूर से लोग उनसे बेबी कॉर्न की खेती की जानकारी लेने आते हैं

baby corn in gaya
baby corn in gaya
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Published : Mar 20, 2021, 2:35 PM IST

गयाः जिले के टिकारी प्रखंड के सिंघापुर गांव में किसान पारंपरिक तरीके की खेती को छोड़कर बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं. समर्थ संस्था के सहयोग से किसान ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेबी कॉर्न की खेती शुरू की है. इससे किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. किसान ने बताया कि बेबी कॉर्न की खेती से आम के आम और गुठली के दाम भी मिल जाते हैं.

स्ट्राबेरी की खेती में सफलता
दरअसल गया जिले की आबोहवा पारंपरिक तरीके की खेती के लिए उपयुक्त नहीं माना जाती है. जिले के कई क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में फसल सूखने लगता है. ऐसे में किसानों ने पारंपरिक खेती की जगह अपनी मेहनत से पहले स्ट्राबेरी की खेती में सफलता पाई. इसके बाद अब किसान विन्देश्वर सिंह बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

"बेबीकॉर्न लोगों के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसके साथ ही जानवरों के लिए भी यह काफी फायदेमंद है. अगर इस साल इसकी अच्छी फसल होगी तो हम अगले साल भी इसकी खेती पर ध्यान देंगे."- विन्देश्वर सिंह, किसान

ये भी पढ़ेः खेती में ‘स्टेकिंग विधि’ से हो रहा डबल मुनाफा, खिले किसानों के चेहरे

जानकारी लेने आते हैं लोग
सिंघापुर गांव निवासी किसान विन्देश्वर सिंह की बेबी कॉर्न की फसल देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं. दूर दूर से लोग उनसे बेबी कॉर्न की खेती की जानकारी लेने आते हैं. किसान ने बताया कि समर्थ संस्था की मदद से उन्होंने पहले मशरूम की खेती की. मशरूम की खेती में उन्हें काफी फायदा भी हुआ. इसके बाद उन्होंने पूरे साल खेती करके पैसा कमाने वाले फसल के बारे में जानकारी ली तो उन्हें बेबी कॉर्न की खेती करने की सलाह मिली.

बेबी कॉर्न की खेती
बेबी कॉर्न की खेती

सालों भर कर सकते हैं खेती
किसान विन्देश्वर सिंह ने बताया कि उन्होंने आधे एकड़ में बेबी कॉर्न की फसल लगाई है. उन्होंने बताया कि अब फसल में से बेबी कॉर्न निकलना शुरू हो गया है. किसान ने बताया कि बेबी कॉर्न की खेती किसानों के लिए आम के आम और गुठली के दाम जैसा है.

समर्थ संस्था के संचालक प्रभात कुमार
समर्थ संस्था के संचालक प्रभात कुमार

"मेरे पास मशरूम की खेती करनेवाले हजारों लोग आकर सालो भर लगाने वाले कोई फसल की जानकारी लेने आते थे. इसके बाद हमने बेबी कॉर्न की फसल पर काम किया. यह गया के मौसम में साल में पांच बार लगाया जा सकता है औऱ यहां इसका अच्छा बाजार भी अच्छा खासा है."- प्रभात कुमार, संचालक, समर्थ संस्था

बेबी कॉर्न की खेती
समर्थ संस्था के संचालक प्रभात कुमार ने बताया कि हमने किसानों को बेबी कॉर्न की खेती करने की सलाह दी. इसके बाद सिंघापुर गांव के किसान विन्देश्वर सिंह ने गया में बेबी कॉर्न की खेती की शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि बेबी कॉर्न की खेती फसल अच्छी हुई है. कुछ दिनों में यह बाजार में पहुंच जाएगा.

किसान विन्देश्वर सिंह
किसान विन्देश्वर सिंह

ये भी पढ़ेः BPSSC 2020: स्टेनों ASI और वन रेंज अधिकारी परीक्षा के परिणाम जारी, यहां देखें रिजल्ट

'मुनाफा कमाने की कर रहे उम्मीद'
प्रभात कुमार ने बताया कि हमारी संस्था बीज देने से लेकर फसल को बाजार में बेचने तक किसान के साथ रहती है. किसान बस उसे उपजाने का काम करते हैं. इसके अलावा हमारी संस्था उनकी सभी चीजों में मदद करती है. बता दें कि किसान बेबी कॉर्न की खेती को लेकर काफी उत्साहित हैं और वे इससे साल भर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की उम्मीद कर रहे हैं.

गयाः जिले के टिकारी प्रखंड के सिंघापुर गांव में किसान पारंपरिक तरीके की खेती को छोड़कर बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं. समर्थ संस्था के सहयोग से किसान ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत बेबी कॉर्न की खेती शुरू की है. इससे किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. किसान ने बताया कि बेबी कॉर्न की खेती से आम के आम और गुठली के दाम भी मिल जाते हैं.

स्ट्राबेरी की खेती में सफलता
दरअसल गया जिले की आबोहवा पारंपरिक तरीके की खेती के लिए उपयुक्त नहीं माना जाती है. जिले के कई क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में फसल सूखने लगता है. ऐसे में किसानों ने पारंपरिक खेती की जगह अपनी मेहनत से पहले स्ट्राबेरी की खेती में सफलता पाई. इसके बाद अब किसान विन्देश्वर सिंह बेबी कॉर्न की खेती कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

"बेबीकॉर्न लोगों के लिए काफी फायदेमंद है. इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इसके साथ ही जानवरों के लिए भी यह काफी फायदेमंद है. अगर इस साल इसकी अच्छी फसल होगी तो हम अगले साल भी इसकी खेती पर ध्यान देंगे."- विन्देश्वर सिंह, किसान

ये भी पढ़ेः खेती में ‘स्टेकिंग विधि’ से हो रहा डबल मुनाफा, खिले किसानों के चेहरे

जानकारी लेने आते हैं लोग
सिंघापुर गांव निवासी किसान विन्देश्वर सिंह की बेबी कॉर्न की फसल देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरित हो रहे हैं. दूर दूर से लोग उनसे बेबी कॉर्न की खेती की जानकारी लेने आते हैं. किसान ने बताया कि समर्थ संस्था की मदद से उन्होंने पहले मशरूम की खेती की. मशरूम की खेती में उन्हें काफी फायदा भी हुआ. इसके बाद उन्होंने पूरे साल खेती करके पैसा कमाने वाले फसल के बारे में जानकारी ली तो उन्हें बेबी कॉर्न की खेती करने की सलाह मिली.

बेबी कॉर्न की खेती
बेबी कॉर्न की खेती

सालों भर कर सकते हैं खेती
किसान विन्देश्वर सिंह ने बताया कि उन्होंने आधे एकड़ में बेबी कॉर्न की फसल लगाई है. उन्होंने बताया कि अब फसल में से बेबी कॉर्न निकलना शुरू हो गया है. किसान ने बताया कि बेबी कॉर्न की खेती किसानों के लिए आम के आम और गुठली के दाम जैसा है.

समर्थ संस्था के संचालक प्रभात कुमार
समर्थ संस्था के संचालक प्रभात कुमार

"मेरे पास मशरूम की खेती करनेवाले हजारों लोग आकर सालो भर लगाने वाले कोई फसल की जानकारी लेने आते थे. इसके बाद हमने बेबी कॉर्न की फसल पर काम किया. यह गया के मौसम में साल में पांच बार लगाया जा सकता है औऱ यहां इसका अच्छा बाजार भी अच्छा खासा है."- प्रभात कुमार, संचालक, समर्थ संस्था

बेबी कॉर्न की खेती
समर्थ संस्था के संचालक प्रभात कुमार ने बताया कि हमने किसानों को बेबी कॉर्न की खेती करने की सलाह दी. इसके बाद सिंघापुर गांव के किसान विन्देश्वर सिंह ने गया में बेबी कॉर्न की खेती की शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि बेबी कॉर्न की खेती फसल अच्छी हुई है. कुछ दिनों में यह बाजार में पहुंच जाएगा.

किसान विन्देश्वर सिंह
किसान विन्देश्वर सिंह

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'मुनाफा कमाने की कर रहे उम्मीद'
प्रभात कुमार ने बताया कि हमारी संस्था बीज देने से लेकर फसल को बाजार में बेचने तक किसान के साथ रहती है. किसान बस उसे उपजाने का काम करते हैं. इसके अलावा हमारी संस्था उनकी सभी चीजों में मदद करती है. बता दें कि किसान बेबी कॉर्न की खेती को लेकर काफी उत्साहित हैं और वे इससे साल भर अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की उम्मीद कर रहे हैं.

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