गयाः बिहार के गया में एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण (Family planning of HIV positive women in Bihar) होगा. राज्य में संभवतः गया पहला ऐसा जिला है, जहां से इसकी शुरुआत होगी. इसके लिए 32 महिलाओं का चयन किया गया है, जो एचआईवी पॉजिटिव हैं. बिहार सरकार का यह यूनिक प्लान है.
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गया में एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं की फैमिली प्लानिंगः एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के बंध्याकरण की योजना सरकार द्वारा फैमिली प्लानिंग के तहत कराई जा रही है. सरकार की सपोर्ट एजेंसी इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है. बिहार में संभवतः गया पहला ऐसा जिला है, जहां से एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का फैमिली प्लानिंग के तहत बंध्याकरण कराया जाएगा. यह एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के लिए खास मकसद से सरकार द्वारा संबंधित विभाग की मदद से कराया जा रहा है. इसके कई मायने बताए जा रहे हैं.
फैमिली प्लानिंग के लिए 32 महिलाएं चयनितः एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण कराने की दिशा में यह कदम यूनिक प्लान बताया जा रहा है. इसके लिए 32 महिलाओं का चयन भी हो गया है. सरकार की सपोर्ट एजेंसी ने इसकी सूची सौंप दी है. वहीं, एचआईवी पॉजिटिव सभी 32 महिलाओं ने बंध्याकरण की सहमति भी दे दी है. सहमति मिलने के बाद अब उनकी काउंसलिंग की जाएगी और फिर बंध्याकरण कराया जाएगा.
दिसंबर में किया जाएगा महिलाओं का बंध्याकरणः एचआईवी पॉजिटिव सभी 32 महिलाओं की काउंसलिंग होते ही बंध्याकरण किया जाएगा. योजना के मुताबिक दिसंबर माह में ही इसकी पूरी तैयारी है. स्वास्थ विभाग के अधिकारी की मानें तो काउंसलिंग के बाद दिसंबर में ही निश्चित तौर पर एचआईवी पॉजिटिव इन 32 महिलाओं का बंध्याकरण किया जाएगा. यह यूनिक प्लान है, जो बिहार के गया में संभवत पहली बार शुरू हो रहा है. किसी बड़ी तकनीकी दिक्कत के ही आने पर ही इसका समय अगले महीने में हो सकता है.फिलहाल जो तैयारी है, उसके हिसाब से दिसंबर माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा.
डॉक्टर के लिए होगी चुनौतीः एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण एक चुनौती के रूप में डॉक्टरों के सामने होगी. हालांकि, इसके लिए गया का स्वास्थ्य महकमा तैयार है और तैयारियों में जुटा है. स्वास्थ्य विभाग की की मानें, तो एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन और डिलीवरी होता है, तो डॉक्टर ही करते हैं. ऐसे में उनके बंध्याकरण को भी डॉक्टर सजगता के साथ करेंगे. गौरतलब हो कि ठंड का मौसम बंध्याकरण के लिए उपयुक्त माना जाता है.
दिसंबर में पूरा कर लिया जाएग ऑपरेशनः इस संबंध में डीपीएम स्वास्थ्य निलेश कुमार ने बताया कि बिहार में पहली दफा गया में एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण किया जाएगा. इसके लिए 32 महिलाओं का चयन किया गया है. सरकार की सपोर्ट एजेंसी द्वारा इसकी सूची तैयार की गई है. सभी 32 महिलाओं की सहमति भी मिल गई है. काउंसलिंग के साथ ही दिसंबर माह में ही बंध्याकरण कराने की तैयारी है. कुछ अड़चनें आई, तो ही समय आगे बढ़ सकता है. हालांकि पूरी संभावना है, कि दिसंबर माह में ही एचआईवी पॉजिटिव 32 महिलाओं का बंध्याकरण गया में कराया जाएगा.
गया जोन में कम नहीं हो रहे एचआईवी पॉजिटिव के मरीजः आंकड़ों पर गौर करें तो सरकार द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बावजूद एचआईवी पॉजिटिव के मामले कम नहीं हो रहे हैं. गया जोन में गया के अलावा जहानाबाद, नवादा, अरवल, आते हैं. यह क्षेत्र मगध प्रमंडल के अंतर्गत भी है आते हैं. इन पांचों जिलों में सबसे अधिक गया में एचआईवी पॉजिटिव के मरीज मिल रहे हैं.
इस साल मिले 555 मरीजः वर्ष 2022 के आंकड़े को देखें तो गया जोन के इन 5 जिलों में 555 मरीज नवंबर माह तक मिले हैं. जबकि वर्ष 2021 में गया जोन के इन पांच जिलों में 559 मरीज मिले थे. इस तरह गौर करें तो एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या घटने के बजाए पूर्ववत ही बनी हुई है या फिर उससे थोड़ी आगे भी जा सकती है.
"बिहार में पहली दफा गया में एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण किया जाएगा. इसके लिए 32 महिलाओं का चयन किया गया है. सरकार की सपोर्ट एजेंसी द्वारा इसकी सूची तैयार की गई है. सभी 32 महिलाओं की सहमति भी मिल गई है. काउंसलिंग के साथ ही दिसंबर माह में ही बंध्याकरण कराने की तैयारी है"- निलेश कुमार, डीपीएम स्वास्थ्य, गया
वर्ष 2021 में मिले मरीज
गया- 289
जहानाबाद - 79
नवादा - 117
अरवल - 24
औरंगाबाद- 50
कुल- 559
2022 में मिले मरीज ( 26 नवंबर तक)
गया- 246
जहानाबाद - 105
अरवल- 125
नवादा - 44
औरंगाबाद- 35
कुल- 555