गया: बिहार के गया में स्थित फल्गु नदी धार्मिक लिहाज से काफी पवित्र मानी जाती है. फल्गु में पानी लाने के लिए देवघाट के तट पर देश के सबसे लंबे गया जी डैम का निर्माण पिछले साल हुआ है. करीब 400 करोड़ की लागत से यह रबड़ डैम बना है. किन्तु मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट में एक गयाजी डैम महीनों से सूखा है. इसमें सालों भर पानी रखे जाने की बात कही गई थी. अब यहां देश के कोने-कोने से पहुंचने वाले पिंडदानियों को अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पानी खरीदना (people Buying water for Pind Daan in gaya) पड़ रहा है. जब गयाजी डैम बना था, तो शुरुआत में इसमें इतना पानी था, कि बोट चलते थे, लेकिन अब सूखे का नजारा महीनों से बना हुआ है.
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फल्गु रूठी, गया जी डैम सूखा: सदियों से फल्गु रूठी है. मान्यता के अनुसार जिस फल्गु को कभी न सूखने वाला माना गया है. उस फल्गु में पानी सालों भर रखने के लिए विष्णुपद देवघाट के तट पर गयाजी डैम का निर्माण कराया गया था. किंतु महीनों से गयाजी डैम सूखी हुई है. प्रशासन का दावा है, कि इसके सफाई का काम चल रहा है. पूरी तरह से सफाई किए जाने के बाद ही इसमें पानी स्टोर किया जाएगा. हालांकि जैसे-जैसे महीनों की संख्या बढ़ रही है. वैसे-वैसे तरह-तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं. गौरतलब हो, कि गयाजी डैम में पानी लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भागीरथ कहा गया था, लेकिन वर्तमान स्थिति कुछ और ही कहानी कह रही है.
पिंडदानियों को पानी खरीदने की नौबत: यहां हालात किस कदर खराब है, इसका अंदाजा तीर्थयात्रियों को होने वाली असुविधा से लगाया जा सकता है. गया जी डैम में पिछले कई महीने से पानी नहीं है और सूखी हुई है. ऐसे में फल्गु नदी या कहें कि इसमें बने गया जी डैम में पानी नहीं है और इस बीच भीषण गर्मी के बीच पिंडदानी पानी की खरीदारी कर रहे हैं और खरीदारी किए गए पानी से पितरों को मोक्ष दिला रहे. एक लोटा पानी पिंडदानियों को रुपया देकर खरीदना पड़ रहा है. तीर्थयात्री साधन शत्रुघ्न, बांग्लादेश के जुुमटू, सिलीगुड़ी के सागर ने बताया कि वे पिंडदान के लिए आए हैं, लेकिन पानी के लिए काफी मुश्किलें हो रही है. यहां और सुविधाएं तो ठीक हैं, लेकिन पानी की काफी दिक्कतें हो रही है. पानी खरीदना पड़ रहा है. पिंडदान के लिए भी पानी खरीद रहे हैं.
"पिंडदान के लिए आए हैं, लेकिन पानी के लिए काफी मुश्किलें हो रही है. यहां और सुविधाएं तो ठीक हैं, लेकिन पानी की काफी दिक्कतें हो रही है. पानी खरीदना पड़ रहा है. पिंडदान के लिए भी पानी खरीद रहे हैं "- सागर, पिंडदानी, सिलीगुड़ी
सालोभर पिंडदान करने गयाजी आते हैं तीर्थयात्री: जानकारी हो कि गयाजी में पिंडदान सालों भर होता है. इसे लेकर हर महीने काफी संख्या में पिंडदानी पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए पहुंचते हैं. औसतन रोजाना 4 से 5 हजार यात्री सामान्य दिनों में गया जी धाम को पहुंचते हैं और पिंडदान तर्पण का कर्मकांड करते हैं. इस भीषण गर्मी में भी रोजाना बड़ी तादाद में पिंंडदानियों का आना जारी है. महाराष्ट्र और त्रिपुरा से आए पिंडदानियों ने बताया कि यहां फल्गु सुखी हुई है और पानी के लिए काफी दिक्कतें हो रही है. बताया कि पिंडदान के लिए उन्हें पानी खरीदना पड़ रहा है. कई पिंडदानी ने बताया कि पिंडदान के लिए फल्गु का पानी खरीदना पड़ रहा है. अंत: सलिला फल्गु में खोदे गए गड्ढे का पानी खरीदने के लिए उन्हें रुपए देने पड़ रहे हैं.
सीएम ने किया था गयाजी डैम का उद्घाटन: बीते वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गयाजी डैम का उद्घाटन किया था. करीब 400 करोड़ की लागत से गया जी डैम का निर्माण कराया गया था और इसमें सालों भर पानी रखे जाने की बात कही गई थी, लेकिन पिछले कई महीनों से गयाजी डैम में पानी नहीं है. सीएम द्वारा गयाजी डैम का उद्घाटन किए जाने के बाद देवघाट के तट पर पानी लबालब भर गया था. पिंडदानी लबालब पानी देख काफी खुश थे, लेकिन कुछ माह में ही गया जी डैम की रूपरेखा बदली नजर आई.
गंदा हो गया था गयाजी डैम का पानीः गयाजी डैम का पानी गंदा हो गया था. इसमें स्नान करने से कई तरह की स्किन की बीमारियां होनी शुरू हो गई थी. हालांकि इसके बीच फल्गु में बना गया जी डैम सूखने भी लगा था हालांकि प्रशासन का दावा है कि सफाई के लिए पानी को निकाला गया है और आने वाले महीनों में गया जी डैम फिर से पानी से लबालब भरा होगा. इससे पिंंडदानियों को काफी सहूलियत होगी. बता दें कि फल्गु नदी माता सीता की श्रापित नदी है, जिसके कारण यह अंत: सलिला है. इस पर डैम बनाकर भागीरथ होने का तमगा सीएम ने लिया था. किंतु फल्गु में वर्तमान में वही पुरानी स्थिति का नजारा देखने को मिल रहा है.
डीएम से मिल समस्या के निदान की मांग: विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल ने पहले ही गयाजी डैम के सूखा होने से तीर्थ यात्रियों को होने वाली दिक्कतों के निष्पादन के लिए डीएम से मांग की है. शंभूलाल विट्ठल ने फल्गु नदी या गया जी डैम में पानी की व्यवस्था किए जाने की बात कही है. शंभूलाल विट्ठल ने बताया है कि प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री मोक्ष धाम गयाजी में पिंडदान करने को आते हैं, लेकिन उन्हें पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. गया में प्रतिदिन औसतन 5000 से अधिक श्रद्धालु गया जी को आते हैं. ऐसे में हजारों की तादाद में पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं.
"प्रतिदिन हजारों तीर्थयात्री मोक्ष धाम गयाजी में पिंडदान करने को आते हैं, लेकिन उन्हें पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. डीएम से मिलकर गयाजी डैम के सूखा होने से तीर्थ यात्रियों को होने वाली दिक्कतों के निष्पादन के लिए बात की है" - शंभूलाल विट्ठल, अध्यक्ष, विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति