ETV Bharat / state

मिलिए 60 साल के शिवकुमार गुप्ता से... पेशे से हैं कुली और बोलते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी - english speaking Coolie in gaya

गया जंक्शन पर 121 कुलियों में से सबसे उम्रदराज 60 साल से अधिक आयु के शिवकुमार गुप्ता फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. उनकी इंग्लिश स्पीकिंग का हर कोई मुरीद है.

शिवदास गुप्ता
शिवदास गुप्ता
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 1:12 PM IST

Updated : Aug 27, 2021, 2:09 PM IST

गयाः हाथों में अंग्रेजी अखबार.. जुबां पर फर्राटेदार अंग्रेजी और काम कुली का. चौंकिए नहीं ये हैं (Shivdas Gupta) गया के शिवकुमार गुप्ता. उम्र 60 साल. पेशे से कुली. शरीर अब धीरे-धीरे साथ देना छोड़ रहा है लेकिन बुढ़ापे के साथ ही ये और भी दृढ़ होते जा रहे हैं. शिवकुमार गुप्ता कहते हैं कि काम तो वे कुली का करते हैं लेकिन लेकिन सबसे पहले वे इंसान हैं. लोगों के काम आ सकें, जिंदगी में इससे बड़ी कोई चीज नहीं है.

इसे भी पढे़ं- वीडियो वायरल: जिन हाथों में होनी थी किताबें, उन हाथों में थमा दिया जाम

कहते हैं कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है. जब ललक कुछ सीखने का हो और हौसला बुलंद हो तब इंसान हर वो चीज हासिल कर सकता है, जिसे वह चाहता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार के गया जंक्शन पर कुली का काम करने वाले 60 साल के शिव गुप्ता ने. शिवगुप्ता हैं तो आम कुली ही लेकिन इनका कुछ अलग ही खासियत है. जहां आम कुलियों को हिंदी भी ठीक से समझ नहीं आती है, वहीं, शिवगुप्ता धड़ल्ले से अंग्रेजी बोलते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शिवगुप्ता पिछले 40 सालों से गया जंक्शन पर कुली का काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे पहले बच्चों को पढ़ाया करते थे. इसी क्रम में वो खुद भी अंग्रेजी सीखते गए. शिवगुप्ता जी न केवल अंग्रेजी बोलते हैं, बल्कि इंसानियत और कर्तव्य का भी उन्हें अच्छे से मर्म है. क्या शुरुआत और क्या अंजाम. उन्होंने बताया कि किसी भी चीज को सीखने की चाहत इंसान के सोच से उत्पन्न होती है.

इसे भी पढे़ं- इनकी प्रतिभा के अमिताभ भी हुए कायल, लोग इन्हें कहते हैं 'फुनसुक वांगडू'

जाहिर है जहां आम कुलियों को ठीक से हिंदी की भी समझ नहीं हो और शिवदास जी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हों. इस स्थिति में गया जैसे ऐतिहासिक स्टेशन पर उनके साथ अन्य 121 कुलियों को भी खूब लाभ मिलता है. जब भी कोई विदेशी बाबू यहां पहुंचते हैं और जो हिंदी नहीं समझते हैं, उनके लिए शिवकुमार गुप्ता मददगार बनते हैं. उनके सामानों को पहुंचाने के साथ ही उनकी सहूलियत के हिसाब से गाइड करना शिवदास गुप्ता अपना धर्म समझते हैं.

शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि उनकी कोशिश होती है कि जिनके लिए वे काम कर रहे हैं..वे खुश रहें. न दाम-साट न मोल-जोल. गुप्ताजी के व्यवहार के कारण उन्हें लोग खूब पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि इसी वजह के कारण बिना मांगे उन्हें अक्सर लोग तोहफे दे जाते हैं.

इसे भी पढे़ं- मिलिए इस अद्भुत बच्ची से जो तारीख सुनकर बता देती है दिन का नाम

गया जंक्शन पर ही काम कर रहे कुली अशोक पासवान सहित अन्य लोग शिवकुमार गुप्ता को बाबा कहते हैं. उन्होंने बताया कि बाबा के रहने से उन्हें काफी मदद मिलती है. जब हमें कुछ समझ नहीं आता है तो हम भागे-भागे शिवकुमार बाबा के पास जाते हैं.

गयाः हाथों में अंग्रेजी अखबार.. जुबां पर फर्राटेदार अंग्रेजी और काम कुली का. चौंकिए नहीं ये हैं (Shivdas Gupta) गया के शिवकुमार गुप्ता. उम्र 60 साल. पेशे से कुली. शरीर अब धीरे-धीरे साथ देना छोड़ रहा है लेकिन बुढ़ापे के साथ ही ये और भी दृढ़ होते जा रहे हैं. शिवकुमार गुप्ता कहते हैं कि काम तो वे कुली का करते हैं लेकिन लेकिन सबसे पहले वे इंसान हैं. लोगों के काम आ सकें, जिंदगी में इससे बड़ी कोई चीज नहीं है.

इसे भी पढे़ं- वीडियो वायरल: जिन हाथों में होनी थी किताबें, उन हाथों में थमा दिया जाम

कहते हैं कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती है. जब ललक कुछ सीखने का हो और हौसला बुलंद हो तब इंसान हर वो चीज हासिल कर सकता है, जिसे वह चाहता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बिहार के गया जंक्शन पर कुली का काम करने वाले 60 साल के शिव गुप्ता ने. शिवगुप्ता हैं तो आम कुली ही लेकिन इनका कुछ अलग ही खासियत है. जहां आम कुलियों को हिंदी भी ठीक से समझ नहीं आती है, वहीं, शिवगुप्ता धड़ल्ले से अंग्रेजी बोलते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

शिवगुप्ता पिछले 40 सालों से गया जंक्शन पर कुली का काम करते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे पहले बच्चों को पढ़ाया करते थे. इसी क्रम में वो खुद भी अंग्रेजी सीखते गए. शिवगुप्ता जी न केवल अंग्रेजी बोलते हैं, बल्कि इंसानियत और कर्तव्य का भी उन्हें अच्छे से मर्म है. क्या शुरुआत और क्या अंजाम. उन्होंने बताया कि किसी भी चीज को सीखने की चाहत इंसान के सोच से उत्पन्न होती है.

इसे भी पढे़ं- इनकी प्रतिभा के अमिताभ भी हुए कायल, लोग इन्हें कहते हैं 'फुनसुक वांगडू'

जाहिर है जहां आम कुलियों को ठीक से हिंदी की भी समझ नहीं हो और शिवदास जी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हों. इस स्थिति में गया जैसे ऐतिहासिक स्टेशन पर उनके साथ अन्य 121 कुलियों को भी खूब लाभ मिलता है. जब भी कोई विदेशी बाबू यहां पहुंचते हैं और जो हिंदी नहीं समझते हैं, उनके लिए शिवकुमार गुप्ता मददगार बनते हैं. उनके सामानों को पहुंचाने के साथ ही उनकी सहूलियत के हिसाब से गाइड करना शिवदास गुप्ता अपना धर्म समझते हैं.

शिवकुमार गुप्ता ने बताया कि उनकी कोशिश होती है कि जिनके लिए वे काम कर रहे हैं..वे खुश रहें. न दाम-साट न मोल-जोल. गुप्ताजी के व्यवहार के कारण उन्हें लोग खूब पसंद करते हैं. उन्होंने बताया कि इसी वजह के कारण बिना मांगे उन्हें अक्सर लोग तोहफे दे जाते हैं.

इसे भी पढे़ं- मिलिए इस अद्भुत बच्ची से जो तारीख सुनकर बता देती है दिन का नाम

गया जंक्शन पर ही काम कर रहे कुली अशोक पासवान सहित अन्य लोग शिवकुमार गुप्ता को बाबा कहते हैं. उन्होंने बताया कि बाबा के रहने से उन्हें काफी मदद मिलती है. जब हमें कुछ समझ नहीं आता है तो हम भागे-भागे शिवकुमार बाबा के पास जाते हैं.

Last Updated : Aug 27, 2021, 2:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.