गयाः बिहार के गया में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर इलाज के नाम पर अच्छी खासी रकम लेते हैं. अगर दाम नहीं दिया जाता है, तो मरीज को रेफर कर दिया जाता है. इतना ही नहीं अगर मरीज रुपये नहीं दे तो चढ़ती सलाइन भी खोल दी जाती है. रुपये वसूलने का काम अरसे से चल रहा है. मरीज से रुपये ऐठने का ऐसे ही एक मामला इमामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है. रुपये मांगते हुए डॉक्टर का ऑडियो भी वायरल हो रहा है.
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सीएचसी में मरीज से वसूली जाती है रकमः बताया जाता है, कि गया के इमामगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर गुलजार अहमद ने एक मरीज से अच्छी खासी रकम लेकर इलाज किया. उनके कबूलनामे का एक ऑडियो क्लिप भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं, पीड़ित मरीज ने भी इस संबंध में अपना बयान दिया है और रुपये देने की बात कही है. आरोप यह भी लगाया है, कि इस सरकारी अस्पताल में रुपये नहीं देने पर मरीज की डॉक्टर ने सलाइन तक खोल दी.
डॉक्टर पर रुपये मांगने का आरोपः इस संबंध में पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि उनके घर के एक बुजुर्ग बीमार थे. उन्हें लेकर वे लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इमामगंज गए थे. इमामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाने के बाद इलाज के लिए पैसे मांगे गए. डॉक्टर ने कहा कि रुपये नहीं दोगे तो गया रेफर कर देंगे. उन्होंने 104 पर कंप्लेन भी किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. फिर रुपये देकर इलाज कराना पड़ा.
"पहले 500 दिए फिर 400 दिए. डॉक्टर 1000 मांग रहे थे, लेकिन हमारे द्वारा 900 रुपया दिया गया. पैसे नहीं देने से इनकार करने पर गया रेफर करने की धमकी मिली, तो हमलोगों ने सोचा कि यदि गया रेफर कर देंगे, तो मरीज को कुछ हो जाएगा. इस डर से रुपए दे दिए. इस सरकारी अस्पताल में निशुल्क इलाज होता है फिर भी पैसे लिए गए. उन्होंने भर्ती मरीज का स्लाइन भी बंद कर दिया था"- मरीज के परिजन
1400 नहीं लिए 900 ही मरीज ने दिए- डॉक्टर: मामले में नया मोड़ तब आता है, जब एक प्रतिनिधि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर गुलजार अहमद को फोन करते हैं और रुपये लेने की बात कहते हैं. मोबाइल फोन पर डॉक्टर को जरा भी भय नहीं होता और रुपये लेने की बात स्वीकारते भी हैं. फोन पर डॉक्टर कहते हैं 1400 रुपये नहीं लिए, बल्कि 900 रुपये ही मरीज ने दिए. इसका कारण पूछा जाता है, तो डॉक्टर द्वारा बड़े ही शान से कहा जाता है कि यदि रुपये नहीं देंगे तो उसको रेफर कर देंगे ना, तो इलाज कैसे होगा.
सरकार के निशुल्क इलाज के दावे की खुली पोलः अब ऐसे में समझा जा सकता है कि इमामगंज जैसे पिछड़े इलाके में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में क्या स्थिति है. मरीजों का किस तरह से दोहन किया जाता है. वैसे यह भी बताया जा रहा है कि यह पहली दफा नहीं है, बल्कि ऐसा दर्जनों बार इस सरकारी अस्पताल में किया जा चुका है. जहां सरकार एक और सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की बात कहती है तो दूसरी ओर इस तरह के मामले सरकार के दावे पर प्रश्न खड़ा करते हैं.
मामले की जांच में जुटे सिविल सर्जनः वहीं, मामला सामने आने के बाद गया के सिविल सर्जन और शेरघाटी एसडीओ ने मामले की जांच शुरू कर दी है. सिविल सर्जन रंजन कुमार सिंह और शेरघाटी एसडीओ मामले की जांच करने को इमामगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे. उधर इस संबंध में जांच टीम के अस्पताल में आने के बाद आरोपी डॉक्टर गुलजार अहमद काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने कहा कि मुझे फंसाया गया है. हमने सब कुछ पहले ही बता दिया था. आरोप सरासर गलत है.
"मेरे उपर लगाए गए आरोप गलत हैं, मैं तो उस मरीज को जानता तक नहीं हूं. यह सब मुझे फंसाने के लिए किया जा रहा है"- डॉक्टर गुलजार अहमद, चिकित्सक, पीएचसी
"मामले की जांच हो रही है. सब कुछ प्रक्रिया में है. डॉक्टर पर जांच चल रही है. साक्ष्य और शिकायत के अनुसार कार्रवाई की जाएगी"- डॉ रंजन कुमार सिंह, सिविल सर्जन, गया