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'घर-घर जाकर की जा रही है कोरोना के लक्षणों की जांच, बढ़ाई गई है डाॅक्टरों और नर्सों की संख्या'

गया में पांच कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे. पांचों मरीज रिकवर कर लिए गए और पांचों की जांच रिपोर्ट नेगिटिव आ चुकी है. अब शासन-प्रशासन ने जिले को ग्रीन जोन में तब्दील करने की कवायद तेज कर दी है.

कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने की समीक्षा बैठक
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने की समीक्षा बैठक
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Published : Apr 22, 2020, 7:29 PM IST

गया: कृषि, पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने परिसदन में कोरोना संक्रमण रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान कोरोना महामारी में जारी लाॅकडाउन-2 में जिले के विभिन्न अस्पतालों में मरीजों को उपलब्ध स्वास्थ्य संबंधी-सुविधाओं की भी जानकारी ली. मंत्री के साथ सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह और अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण सह वरीय प्रभारी अस्पताल प्रबंधन मौजूद रहे.

हर घर कराया जा रहा सर्वे
सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना महामारी रोकथाम के लिए और संक्रमित व्यक्तियों को पहचानने के लिये जिले के हर घर में सर्वे का कार्य कराया जा रहा है. इसमें घर के हर सदस्य में कोरोना के चार लक्षणों खांसी, नाक बहना, बुखार एवं सांस फूलना के बारे में पूछताछ की जा रही है. यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण होते हैं. तो उनसे नमूना एकत्र किया जाता है और उनको घर पर ही अन्य लोगों से दूरी बनाकर क्वारेंनटाइन में रखते हैं. स्वास्थ्य कर्मी उनकी दिन प्रतिदिन की स्वास्थ्य की जांच करते हैं. इस काम में डब्लयूएचओ केयर और यूनिसेफ का सहयोग मिल रहा है.

gaya
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने की समीक्षा बैठक

डाॅक्टरों और नर्सों की संख्या बढ़ाई गई
साथ ही उन्होंने मगध मेडिकल को कोविड अस्पताल घोषित किये जाने के बाद जेपीएन, प्रभावति अस्पताल में ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित रुप से उपलब्ध होने की बात बताई. प्रभावति अस्पताल में महिलाओं और बच्चों का ईलाज हो रहा है. मंगलवार को 30 डिलिवरी हुई. यहां बेड की संख्या 50 से बढ़ाकरण 130 कर दी गई है. नवजात शिशुओं को रखने के लिये 15 अत्याधुनिक इंटेशिव केयर युनिट चालू है. जेपीएन अस्पताल में मंगलवार को 210 ओपीडी, 100 इमरजेंसी केस आये. वहीं, 8 मरीजों का प्लास्टर किया गया और 30 मरीजों को भर्ती किया गया. मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके इसके लिये डाॅक्टरों और नर्सो की संख्या बढ़ाई गई है.

जल्द ग्रीन जोन में आ जायेगा गया
अपर समाहर्ता ने बताया कि जिले में अभी तक 871 संदिग्ध लोग मिले हैं. जिसमें से 727 की जांच के नमूने लेकर जांच कराई गई है. 625 जांच रिपोर्ट आ गई है जिसमें से 5 पाजिटिव केस मिले थे. पांचों का ईलाज किया गया है और सभी की रिपोर्ट निगेटिव हो गई है. चार पाजिटिव को छुट्टी दे दी गई है. 678 को क्वाईरनटाईन में और 248 को आइसोलेशन में रखा गया है. पिछले 15 दिनों से गया में कोई पाजिटिव केस नहीं मिला है. यदि यही स्थिति 2 मई तक बनी रहती है तो गया जिला ग्रीन जोन में आ जायेगा.

स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यों की प्रशंसा की
मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टरों एवं नर्सो और सभी स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से इस वैश्विक संकट के समय किये जा रहें कार्यो की प्रशंसा की. उन्होने कहा कि अभी लगातार विजिलेन्ट रहना है. अस्पतालों में साफ-सफाई की नियमित जांच कराते रहें. साथ ही उन्होने इंडियन मेडिकल ऐसोसिएसन के अध्यक्ष डा. राम सेवक सिंह से अपील की कि वे गया जिले के सभी पंजीकृत नर्सिंग होम और पैथोलाॅजी सेन्टर को खोलवाने का काम करें. उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिये जिले में पर्याप्त पीपीई किट और अन्य सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध हैं. यदि इन सामग्रियों के मिलने में किसी भी तरह की समस्या हो तो वे ड्रग कन्ट्रोलर से सम्पर्क कर सकते हैं.

गया: कृषि, पशुपालन और मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री प्रेम कुमार ने परिसदन में कोरोना संक्रमण रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान कोरोना महामारी में जारी लाॅकडाउन-2 में जिले के विभिन्न अस्पतालों में मरीजों को उपलब्ध स्वास्थ्य संबंधी-सुविधाओं की भी जानकारी ली. मंत्री के साथ सिविल सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह और अपर समाहर्ता, लोक शिकायत निवारण सह वरीय प्रभारी अस्पताल प्रबंधन मौजूद रहे.

हर घर कराया जा रहा सर्वे
सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना महामारी रोकथाम के लिए और संक्रमित व्यक्तियों को पहचानने के लिये जिले के हर घर में सर्वे का कार्य कराया जा रहा है. इसमें घर के हर सदस्य में कोरोना के चार लक्षणों खांसी, नाक बहना, बुखार एवं सांस फूलना के बारे में पूछताछ की जा रही है. यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण होते हैं. तो उनसे नमूना एकत्र किया जाता है और उनको घर पर ही अन्य लोगों से दूरी बनाकर क्वारेंनटाइन में रखते हैं. स्वास्थ्य कर्मी उनकी दिन प्रतिदिन की स्वास्थ्य की जांच करते हैं. इस काम में डब्लयूएचओ केयर और यूनिसेफ का सहयोग मिल रहा है.

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कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने की समीक्षा बैठक

डाॅक्टरों और नर्सों की संख्या बढ़ाई गई
साथ ही उन्होंने मगध मेडिकल को कोविड अस्पताल घोषित किये जाने के बाद जेपीएन, प्रभावति अस्पताल में ओपीडी और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित रुप से उपलब्ध होने की बात बताई. प्रभावति अस्पताल में महिलाओं और बच्चों का ईलाज हो रहा है. मंगलवार को 30 डिलिवरी हुई. यहां बेड की संख्या 50 से बढ़ाकरण 130 कर दी गई है. नवजात शिशुओं को रखने के लिये 15 अत्याधुनिक इंटेशिव केयर युनिट चालू है. जेपीएन अस्पताल में मंगलवार को 210 ओपीडी, 100 इमरजेंसी केस आये. वहीं, 8 मरीजों का प्लास्टर किया गया और 30 मरीजों को भर्ती किया गया. मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके इसके लिये डाॅक्टरों और नर्सो की संख्या बढ़ाई गई है.

जल्द ग्रीन जोन में आ जायेगा गया
अपर समाहर्ता ने बताया कि जिले में अभी तक 871 संदिग्ध लोग मिले हैं. जिसमें से 727 की जांच के नमूने लेकर जांच कराई गई है. 625 जांच रिपोर्ट आ गई है जिसमें से 5 पाजिटिव केस मिले थे. पांचों का ईलाज किया गया है और सभी की रिपोर्ट निगेटिव हो गई है. चार पाजिटिव को छुट्टी दे दी गई है. 678 को क्वाईरनटाईन में और 248 को आइसोलेशन में रखा गया है. पिछले 15 दिनों से गया में कोई पाजिटिव केस नहीं मिला है. यदि यही स्थिति 2 मई तक बनी रहती है तो गया जिला ग्रीन जोन में आ जायेगा.

स्वास्थ्य कर्मियों के कार्यों की प्रशंसा की
मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टरों एवं नर्सो और सभी स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से इस वैश्विक संकट के समय किये जा रहें कार्यो की प्रशंसा की. उन्होने कहा कि अभी लगातार विजिलेन्ट रहना है. अस्पतालों में साफ-सफाई की नियमित जांच कराते रहें. साथ ही उन्होने इंडियन मेडिकल ऐसोसिएसन के अध्यक्ष डा. राम सेवक सिंह से अपील की कि वे गया जिले के सभी पंजीकृत नर्सिंग होम और पैथोलाॅजी सेन्टर को खोलवाने का काम करें. उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिये जिले में पर्याप्त पीपीई किट और अन्य सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध हैं. यदि इन सामग्रियों के मिलने में किसी भी तरह की समस्या हो तो वे ड्रग कन्ट्रोलर से सम्पर्क कर सकते हैं.

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