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गया: डॉक्टरों ने मरीज के हाइड्रोसील के बजाए किया पैर का ऑपरेशन, जांच टीम गठित - गया

अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने एक मरीज के हाइड्रोसील बजाए किया पैर का ऑपरेशन कर दिया. इस मामले में एक जांच टीम की गठन किया गया है.

गया
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Published : Sep 8, 2019, 9:08 PM IST

गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक मरीज ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने उसके हाइड्रोसील के बजाए पैर का ऑपरेशन कर दिया. इस मामले की सुर्खियों के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक जांच टीम का गठन किया है.

मामला मगध क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज का है. यहां हाइड्रोसील का इलाज कराने आए मरीज भुवनेश्वर यादव ने बताया कि दो सितंबर को हाइड्रोसील के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था. सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर में हाइड्रोसील के बजाए डॉक्टरों ने दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया.

मरीज और अस्पताल अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद का बयान

'कैसे चलेगा जीविकोपार्जन'
भुवनेश्वर यादव ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को मना भी किया. उन्हें बताया भी कि पैर में कोई समस्या नहीं है. यहां हाइड्रोसील के ऑपरेशन कराने के लिए आया हूं. लेकिन डॉक्टरों ने बात को अनसुना कर दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया. राजमिस्त्री का काम कर जीविकोपार्जन चलाता था. इस हालत में अब कैसे काम करूंगा?

गया
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज

जांच के लिए बनाया गया कमेटी
वहीं, इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया इस मामले के लिए जांच कमेटी बनाई गई है. प्रथम दृष्टया में डॉक्टर ने बताया मरीज के पैर में फाइलेरिया था. हाइड्रोसील के ऑपरेशन से पहले इसका ऑपरेशन करना जरूरी था. इसका ऑपरेशन नहीं होने पर इंफेक्शन का डर था. लेकिन कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही मामले की सत्यता का पता चल सकेगा.

गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां एक मरीज ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने उसके हाइड्रोसील के बजाए पैर का ऑपरेशन कर दिया. इस मामले की सुर्खियों के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक जांच टीम का गठन किया है.

मामला मगध क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज का है. यहां हाइड्रोसील का इलाज कराने आए मरीज भुवनेश्वर यादव ने बताया कि दो सितंबर को हाइड्रोसील के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था. सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर में हाइड्रोसील के बजाए डॉक्टरों ने दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया.

मरीज और अस्पताल अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद का बयान

'कैसे चलेगा जीविकोपार्जन'
भुवनेश्वर यादव ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों को मना भी किया. उन्हें बताया भी कि पैर में कोई समस्या नहीं है. यहां हाइड्रोसील के ऑपरेशन कराने के लिए आया हूं. लेकिन डॉक्टरों ने बात को अनसुना कर दायें पैर का ऑपरेशन कर दिया. राजमिस्त्री का काम कर जीविकोपार्जन चलाता था. इस हालत में अब कैसे काम करूंगा?

गया
अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज

जांच के लिए बनाया गया कमेटी
वहीं, इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया इस मामले के लिए जांच कमेटी बनाई गई है. प्रथम दृष्टया में डॉक्टर ने बताया मरीज के पैर में फाइलेरिया था. हाइड्रोसील के ऑपरेशन से पहले इसका ऑपरेशन करना जरूरी था. इसका ऑपरेशन नहीं होने पर इंफेक्शन का डर था. लेकिन कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही मामले की सत्यता का पता चल सकेगा.

Intro:मगध क्षेत्र के सबसे बड़ा अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजो के साथ खिलवाड़ किया जाता है। इसका जीता जागता उदाहरण है मरीज भुवनेश्वर यादव के साथ घटित घटना है। भुवनेश्वर यादव हाइड्रोसील का इलाज करवाने आये थे लेकिन अस्पताल के चिकित्सक पैर का ऑपरेशन कर दिया। इस पूरे मामले को अस्पताल प्रशासन लीपापोती करने में लगा है। वही मरीज बेबसी का आंसू बहा रहा है।


Body:गया के परैया प्रखंड के पुनाकल गांव निवासी राजमिस्त्री का काम करनेवाला भुवनेश्वर यादव इन दिनों मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर गलती का खमियाजा भुगत रहे हैं। अस्पताल के बेड पर सोए अपने गरीबी और बेबसी का आंसू बहा रहे हैं। पैर के ऑपरेशन का दर्द और हाइड्रोसील के दर्द से तड़प रहे हैं। इस तरह के वाक्या होने के बाद अस्पताल के स्टाफ इलाज में सिर्फ खाना पूर्ति कर रहा है। हालांकि इस मामले कुछ नही होते देख मरीज के परिजन ने मगध मेडिकल कालेज अस्पताल के सर्जरी विभाग के डॉक्टर एस. के.रंजन पर मेडिकल थाना में प्राथमिक दर्ज करवाया है।

2 सितंबर को हाइड्रोसील का ऑपरेशन के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भुनेश्वर यादव भर्ती हुआ था ,सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद मंगलवार को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर हाइड्रोसील ऑपरेशन के लिए बेहोश किया गया और जब होश आया तो हाइड्रोसील के जगह दायां पैर में पट्टी लगी थी ,जबकि उसके पैर में कोई समस्या नहीं था ।

मरीज भुवनेश्वर यादव ने बताया मुझे हाइड्रोसील से बहुत परेशानी हैं। मैं हाइड्रोसील के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था। लेकिन डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर पैर का ऑपरेशन कर दिया। मैं बार बार माना कर रहा था तब भी नही सुना कर दिया। आज हालत ऐसा है बेड से उठा नही जा रहा है। मेरे पैर में कोई दिक्कत नही था मैं साईकील चलाकर राजमिस्त्री का काम करने जाता था।

अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने बताया इस मामले जांच कमिटी बनाया गया है। प्रथम दृष्टया में पता लगाया उसमे डॉक्टर ने बताया चिकित्सक ने देखा पैर में फाइलेरिया हैं। अगर हाइड्रोसील का पहले ऑपरेशन होता इंफेक्शन फैलने का डर होता, इसलिए डॉक्टर ने पहले पैर का ऑपरेशन कर दिया। इसके बारे में मरीज के परिजन को जानकारी दिया गया था।



Conclusion:अधीक्षक का बयान मरीज को ही दोषी बना रहा है। मरीज को पहले सब जानकारी दिया गया था। यहाँ मरीज के पत्नी सुनीता देवी बता रहे हैं हमलोग पैर में ऑपरेशन देखे तो हमलोग अड़ गए हाइड्रोसील का ऑपरेशन कीजिये। तब मरीज को ऑपरेशन थियेटर से ले जाये गए। पत्नी ने बताया ऑपरेशन के पहले हाइड्रोसील का ऑपरेशन करने का तैयारी किया गया। बिना बताए पैर का कैसे कर देगा।

सूत्रों के अनुसार अस्पताल प्रशासन पर चिकित्सक यूनियन दबाव बना रहा है। इस मामले को लीपापोती किया जाए। अस्पताल कर्मचारी ऑफ कैमरा बताते हैं ये गलती यहां के डॉक्टरों से हुआ है। अस्पताल के बदनामी के लिए इसे चिकित्सयी ढंग दिया जा रहा है।
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