ETV Bharat / state

गया: मक्के की अच्छी पैदावार के बावजूद किसानों में निराशा, नहीं मिल रहे खरीदार

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण बाजार में बाहर के व्यापारी नहीं आने से किसानों को मक्के का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. इससे फसल उगाने में लगी पूंजी पर भी आफत आ गयी है.

author img

By

Published : Jul 16, 2020, 5:03 PM IST

Gaya
Gaya

गया(बाराचट्टी): जिले के बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र में मक्के का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों में मायूसी है. मक्के की पैदावार अच्छी होने से प्रखंड के किसानों को इस फसल से काफी उम्मीदें थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से खरीदार नहीं मिलने से किसानों की कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया है.

बाराचट्टी प्रखंड के बांक गांव निवासी किसान महेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस वर्ष मक्के की खेती भगवान की कृपा से समय पर हो गई. लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण बाजार में बाहर के व्यापारी नहीं आने से मक्के का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. इससे फसल उगाने में लगी पूंजी पर भी आफत आ गयी है.

खरीदार नहीं मिलने से किसानों में निराशा
खरीदार नहीं मिलने से किसानों में निराशा

काफी खराब है मक्के का बाजार भाव
वहीं कजराटाड गांव निवासी रामकिशुन यादव ने बताया कि इस साल मक्के की उपज काफी अच्छी हुई. फसल देखकर हम लोगों को काफी उम्मीदें जगी थी. लेकिन बाजार में इसे खरीदार कम होने के कारण इसे औने पौने भाव में बेचना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मक्के की खेती इस साल इतनी अच्छी हुई थी कि हम लोगों को धान रोपनी के लिए पूंजी की चिंता नहीं थी. लेकिन मक्के का बाजार भाव काफी खराब है. जिसके कारण हमारे सभी मंसूबे पर पानी फिर गया है.

मक्के के साथ हरी सब्जी का भी हाल बुरा
वहीं कलौवा गांव के किसान रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से बाहरी व्यापारी मंडी में नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण मक्के ही नहीं हरी सब्जी का भी बहुत बुरा हाल है. बाजार में किसान मक्का बहुत कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं. इससे इस फसल की लागत राशि भी निकालना मुश्किल हो गया है.

गया(बाराचट्टी): जिले के बाराचट्टी प्रखंड क्षेत्र में मक्के का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों में मायूसी है. मक्के की पैदावार अच्छी होने से प्रखंड के किसानों को इस फसल से काफी उम्मीदें थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से खरीदार नहीं मिलने से किसानों की कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया है.

बाराचट्टी प्रखंड के बांक गांव निवासी किसान महेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस वर्ष मक्के की खेती भगवान की कृपा से समय पर हो गई. लेकिन कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण बाजार में बाहर के व्यापारी नहीं आने से मक्के का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. इससे फसल उगाने में लगी पूंजी पर भी आफत आ गयी है.

खरीदार नहीं मिलने से किसानों में निराशा
खरीदार नहीं मिलने से किसानों में निराशा

काफी खराब है मक्के का बाजार भाव
वहीं कजराटाड गांव निवासी रामकिशुन यादव ने बताया कि इस साल मक्के की उपज काफी अच्छी हुई. फसल देखकर हम लोगों को काफी उम्मीदें जगी थी. लेकिन बाजार में इसे खरीदार कम होने के कारण इसे औने पौने भाव में बेचना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मक्के की खेती इस साल इतनी अच्छी हुई थी कि हम लोगों को धान रोपनी के लिए पूंजी की चिंता नहीं थी. लेकिन मक्के का बाजार भाव काफी खराब है. जिसके कारण हमारे सभी मंसूबे पर पानी फिर गया है.

मक्के के साथ हरी सब्जी का भी हाल बुरा
वहीं कलौवा गांव के किसान रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से बाहरी व्यापारी मंडी में नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण मक्के ही नहीं हरी सब्जी का भी बहुत बुरा हाल है. बाजार में किसान मक्का बहुत कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं. इससे इस फसल की लागत राशि भी निकालना मुश्किल हो गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.