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गया में गंदगी का अंबार, हर दिन यहां हजारों की संख्या में पहुंचते हैं टूरिस्ट

गौरतलब है कि टूरिज्म के नजरिए से गया शहर काफी महत्वपूर्ण है. जिस कारण यहां नगर निगम का बजट कुछ सालों में लाखों से करोड़ों तक पहुंच गया. लेकिन, व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई.

गया में गंदगी का अंबार
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Published : Oct 13, 2019, 2:36 PM IST

गया: मोक्षनगरी गया बिहार का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है. जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में सैलानी रोज पहुंचते हैं. ऐसे में शहरी के मुख्य चौक-चौराहों पर तो बेहतरीन साफ-सफाई दिखती है. लेकिन, शहर के भीतर गली-कस्बों में हालात बदतर हैं. गलियों के हर मोड़ पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

गौरतलब है कि टूरिज्म के नजरिए से गया शहर काफी महत्वपूर्ण है. जिस कारण यहां नगर निगम का बजट कुछ सालों में लाखों से करोड़ों तक पहुंच गया. लेकिन, व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई. नतीजतन अत्याधुनिक मशीनें होने के बावजूद कूड़ा सड़क पर फैला दिखता है.

gaya
नगर निगम के पास मौजूद हैं मशीनें

नगर निगम प्रस्ताव को सरकार ने दी मंजूरी
दरअसल, बिहार के अति महत्वपूर्ण शहर गया में साफ सफाई के लिए सरकार ने सारी आधुनिक मशीन गया नगर निगम को दीं थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 फीट की सड़क गंदगी के कारण 5 फीट ही इस्तेमाल हो पाती है. सफाई नहीं होने के कारण सारा कचड़ा सड़क पर फैला हुआ है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कई बीमारियों को दे रहा न्योता
आसपास रह रहे लोगों का कहना है कि हालात इतने खराब है कि उन्हें खिड़कियां बंद रखनी पड़ती है. बावजूद इसके दुर्गंध घरों में घुसती है. बच्चे आए दिन बीमार पड़ते रहते हैं. शिकायत के बावजूद नगर निगम बेसुध है. शिकायत करने के बाद एक-दो दिन कर्मी आते हैं और फिर वापस हालात वही हो जाते हैं. कोई छिड़काव भी नहीं किया जाता है.

gaya
गणेश पासवान, मेयर

हालात से विपरीत बयान दे रहे मेयर
पूरे मामले पर गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान का कहना है कि शहर में साफ सफाई का मुकम्मल व्यवस्था है. आधुनिक मशीनों के प्रयोग से साफ-सफाई करवाई जा रही है. अगर जरूरत पड़ी तो और मशीनों की खरीदारी की जाएगी.

गया: मोक्षनगरी गया बिहार का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है. जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में सैलानी रोज पहुंचते हैं. ऐसे में शहरी के मुख्य चौक-चौराहों पर तो बेहतरीन साफ-सफाई दिखती है. लेकिन, शहर के भीतर गली-कस्बों में हालात बदतर हैं. गलियों के हर मोड़ पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

गौरतलब है कि टूरिज्म के नजरिए से गया शहर काफी महत्वपूर्ण है. जिस कारण यहां नगर निगम का बजट कुछ सालों में लाखों से करोड़ों तक पहुंच गया. लेकिन, व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई. नतीजतन अत्याधुनिक मशीनें होने के बावजूद कूड़ा सड़क पर फैला दिखता है.

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नगर निगम के पास मौजूद हैं मशीनें

नगर निगम प्रस्ताव को सरकार ने दी मंजूरी
दरअसल, बिहार के अति महत्वपूर्ण शहर गया में साफ सफाई के लिए सरकार ने सारी आधुनिक मशीन गया नगर निगम को दीं थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि 15 फीट की सड़क गंदगी के कारण 5 फीट ही इस्तेमाल हो पाती है. सफाई नहीं होने के कारण सारा कचड़ा सड़क पर फैला हुआ है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कई बीमारियों को दे रहा न्योता
आसपास रह रहे लोगों का कहना है कि हालात इतने खराब है कि उन्हें खिड़कियां बंद रखनी पड़ती है. बावजूद इसके दुर्गंध घरों में घुसती है. बच्चे आए दिन बीमार पड़ते रहते हैं. शिकायत के बावजूद नगर निगम बेसुध है. शिकायत करने के बाद एक-दो दिन कर्मी आते हैं और फिर वापस हालात वही हो जाते हैं. कोई छिड़काव भी नहीं किया जाता है.

gaya
गणेश पासवान, मेयर

हालात से विपरीत बयान दे रहे मेयर
पूरे मामले पर गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान का कहना है कि शहर में साफ सफाई का मुकम्मल व्यवस्था है. आधुनिक मशीनों के प्रयोग से साफ-सफाई करवाई जा रही है. अगर जरूरत पड़ी तो और मशीनों की खरीदारी की जाएगी.

Intro:बिहार के राजधानी पटना के बाद सबसे महत्वपूर्ण शहर गया में गंदगी अंबार लगा हुआ है। शहर के मुख्य चौक चौराहे पर साफ सफाई दिखता है लेकिन शहर के अंदर के सड़को पर कचरा का अंबार लगा है। गया नगर निगम के पास करोड़ों रुपये का साफ करने वाला आधुनिक मशीन है फिर भी शहर में गन्दगी ही गंदगी है।


Body:देश- विदेश के पर्यटक बिहार में सबसे ज्यादा गया शहर में आते हैं। बिहार के अति महत्वपूर्ण शहर गया में साफ सफाई के लिए सरकार ने सारी आधुनिक मशीन गया नगर निगम के प्रस्ताव पर दिया है लेकिन करोड़ो के आधुनिक मशीन, मजदूरों के फौज , अधिकारियों की बड़ी लिस्ट और जनप्रतिनिधियों के आंकड़ों में बहुमत होने पर भी गया नगर निगम शहर को क्लीन नही कर सका।

शहर के नाला रोड के दुकानदार मुमताज ने बताया ये सड़क 15 फिट की है लेकिन कचरा के डंपिग से मुख्य सड़क मार्ग पांच फीट का हो गया। सड़क पर कचरा कभी कभी उठाया जाता है। गया नगर निगम के पास कई मशीनें है लेकिन सभी हाथी के दांत जैसा है।

प्रो.डॉ. मोहम्मद अंसारी ने बताया कई कॉलोनियों का कचरा यहां सड़क पर फेंका जाता है। कचरा पूरे सड़क पर फैल जाता है। मेरे दुकान के बिल्कुल इसके सामने है। मेरे यहाँ कारगीर इस कचड़े के दुर्गंध से बीमार पड़ जा रहा है। आसपास के लोग घर के खिड़की बन्द करके रखते हैं। समस्या कचरा रहता तब ही रहती है कचरा उठने के बाद भी समस्या बनी रहती है। क्योंकि सप्ताह कभी एक बार आकर कचरा ले जाते हैं उसके बाद वहां कोई छिड़काव नही करते हैं।

समाजसेवी लालजी प्रसाद ने बताया 2017 में करोड़ो के लागत से सुपर शकर मशीन खरीदारी किया गया था। जब उसका टेस्टिंग हुआ तो वो काम नही कर सका। विवादों के वजह से दो वर्षों से धूल फांक रहा है। दूसरा मशीन स्वीपर मशीन है जो करोड़ो के लागत से खरीदी गई थी शहर के सड़को को साफ करेगा लेकिन इसके रखरखाव में हर माह एक लाख तीस हजार देना पड़ता है। करोड़ो के मशीन पर लाखों का खर्च हो रहा है और इस मशीन मुश्किल से शहर के 5 किलोमीटर सड़क को साफ करता होगा।

गया नगर निगम में बरसात के पहले सफाई लाखो में होता था लेकिन इधर तीन सालों में करोड़ो रुपया में नाले का सफाई करवाया गया लेकिन समस्या जस के तस बना रहा है। इस बार पुनः पिछले राशि के अनुसार पांच लाख में सफाई करवाया गया है।


Conclusion:गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान ने बताया पितृपक्ष मेला साफ सफाई के व्यवस्था को सभी सराहना किया है। शहर में साफ सफाई का मुकम्मल व्यवस्था है। आधुनिक मशीनों का साफ सफाई करवाया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ा तो और मशीनों की खरीदारी की जाएगी। एक मशीन पर विवाद चल रहा है इसलिए उसका उपयोग नही हो रहा है। जहां से भी गन्दगी या कचरा ठहराव की बात आती है नगर निगम तुरन्त वहां सफाई करवाता है।
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