गया: बिहार के गया में डेंगू के मरीजों की संख्या (Dengue in Gaya) धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. पहले 10 दिन तक सिर्फ 2 डेंगू के मरीज थे, जो अब बढ़कर 50 के पास पहुंच गए हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गया जिले में फिलहाल 44 डेंगू के मरीज मिले हैं. जिसमें 1 दिन का आंकड़ा आना शेष है. वहीं निजी क्लीनिकों में काफी संख्या में डेंगू के मरीज अपना इलाज करवा रहे हैं.
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तेजी से बढ़ रही है मरीजों की संख्या: गया जिले में तेजी से बढ़ते मरीजों के बीच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि गंभीर रूप से कोई बीमार नहीं है. सभी की स्थिति नॉर्मल है. अब सिर्फ इक्के-दुक्के मरीज ही अस्पताल में रहकर इलाज करवा रहे हैं. अधिकांश मरीज अपने घर पर ही इलाज की सुविधा ले रहे हैं. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल हो या जयप्रकाश नारायण अस्पताल, यहां डेंगू के मरीज नहीं के बराबर ही भर्ती है.
निजी अस्पतालों में ज्यादा हो रहे हैं भर्तीः डेंगू के मरीज सरकारी आंकड़ों में भले ही कम हैं और अपवाद स्वरूप ही भर्ती होकर इलाज करवा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर निजी क्लिनिको में डेंगू के मरीजों की बाढ़ है. निजी क्लिनिको में मरीजों पर गौर करें तो गया जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 से भी ज्यादा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इसे मानते हैं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं.
शहर में 2 बार की गई फॉगिंग: मगध मेडिकल में अब सिर्फ 2 डेंगू के मरीज भर्ती हैं और सभी की हालत नॉर्मल हैं. डेंगू से बचने के लिए अधिकारियों के द्वारा आम लोगों को भी खुद जागरूक रहने की बात कही जा रही है. आसपास अपने घरों के क्षेत्रों में गंदे पानी का ठहराव नहीं करने को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. डेंगू को लेकर गया के अलावा अनुमंडल के अस्पतालों में भी 5-5 बेड की व्यवस्था की गई है. मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. वहीं, गया के जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 10 बेड की व्यवस्था डेंगू मरीजों के लिए की गई है. सभी में मच्छरदानी की भी व्यवस्था की गई है.
क्या कहते हैं डॉक्टर: डेंगू संबंध में जिला वेटनर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर एमई हक का कहना है कि 16 डिग्री का तापमान आने के बाद डेंगू के खुद से खत्म हो जाने की संभावना होती है. गया में डेंगू के मरीजों की स्थिति बुरी नहीं है, वह इसे लेकर परेशान नहीं हैं क्योंकि हम लोगों ने दो महीने पहले ही पितृपक्ष मेले पर छिड़काव किया था. वहीं नगर निगम के द्वारा लगातार शहरी क्षेत्रों में दो टाइम फॉगिंग की जा रही है, ताकि डेंगू का फैलाव करने वाले मच्छर मर सकें.
"गया में डेंगू के मरीजों की स्थिति बुरी नहीं है, वह परेशान नहीं हैं क्योंकि हम लोगों ने दो महीने पहले ही पितृपक्ष मेले को लेकर छिड़काव किया था, जिससे डेंगू मच्छर के अंडों का फैलाव नहीं हो सका और स्थिति नियंत्रण में है. 16 डिग्री सेल्सियस तापमान होते ही स्वत: डेंगू के मच्छर समाप्त हो जाने की पूरी संभावना होती है."-डॉ.एमई हक, रोग नियंत्रण पदाधिकारी
"डेंगू के लिए हमलोग अलर्ट पर है, अभी तक 44 केस आए हैं. वहीं मगध मेडिकल में मात्र 2 मरीज भर्ती हैं. सभी की हालत नॉर्मल है. रूरल एरिया में 24 मामले हैं, जबकि अर्बन में 20 मामले हैं."-रंजन कुमार सिंह, सिविल सर्जन
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