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गया: अनजान बीमारी से आधा दर्जन पशुओं की हुई मौत, जांच में जुटा पशुपालन विभाग - animals death from unknown disease in gaya

गया में अनजान बीमारी से आधा दर्जन से अधिक पशुओं की मौत हो गई है. पशुपालन विभाग के चिकित्सक इसकी जांच में जुटी है.

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Published : Apr 30, 2020, 11:51 PM IST

गया: जिले के टिकारी प्रखण्ड क्षेत्र के इगुना गांव में आधा दर्जन से अधिक गाय-भैंस की मौत हो गई है. ग्रामीणों के अनुसार यह ब्लैक क्वाटर बीमारी के लक्ष्ण हैं. जबकि पशुपालन विभाग के चिकित्सक का कहना है कि ब्लैक क्वाटर बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं. कोरोना वायरस का असर जानवरों पर तो नहीं होता है. लेकिन गया के छठवां पंचायत के इगुना गांव में आधा दर्जन से अधिक जानवरों की मौत होने पर पशुपालकों में दहशत है.

ब्लैक क्वाटर के नहीं हैं लक्ष्ण
पशुपालकों ने बताया कि बीते चार दिनों में पशुओं के पिछले पैर में अचानक से सूजन हो जाना, पेट का फूलना और काला पेशाब होना शुरू हो गया था. साथ ही पशुओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. जिसके कारण पशुओं की मौत हो गई. इस मामले में जिला पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ. उपेंद्र ने बताया कि टिकारी प्रखंड के पशुपालन चिकित्सक के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई है. ये जो लक्ष्ण बताया जा रहा है, वो ब्लैक क्वाटर का है या नहीं इसके लिए जिला स्तरीय तीन लोगों की टीम गांव भेजी गई है.

जांच में जुटी पशुपालन विभाग
डॉ. उपेंद्र ने कहा कि जांच के बाद ही इसका कारण पता चल पाएगा. जिस तरह के लक्ष्ण दिख रहे हैं, वो कोई गंभीर बीमारी नहीं है. यह दूसरे जानवरों में नहीं फैलेगा. पशुपालकों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. बता दें जिला में खुरहा और मुहपक्का बीमारी से कई पशुओं की मौत हो चुकी है. इसके लिए जिला पशुपालन विभाग टीकाकरण भी चलाती है. फिलहाल पशुपालन विभाग के चिकित्सक इसकी जांच में जुट गई है.

गया: जिले के टिकारी प्रखण्ड क्षेत्र के इगुना गांव में आधा दर्जन से अधिक गाय-भैंस की मौत हो गई है. ग्रामीणों के अनुसार यह ब्लैक क्वाटर बीमारी के लक्ष्ण हैं. जबकि पशुपालन विभाग के चिकित्सक का कहना है कि ब्लैक क्वाटर बीमारी के लक्षण नहीं दिख रहे हैं. कोरोना वायरस का असर जानवरों पर तो नहीं होता है. लेकिन गया के छठवां पंचायत के इगुना गांव में आधा दर्जन से अधिक जानवरों की मौत होने पर पशुपालकों में दहशत है.

ब्लैक क्वाटर के नहीं हैं लक्ष्ण
पशुपालकों ने बताया कि बीते चार दिनों में पशुओं के पिछले पैर में अचानक से सूजन हो जाना, पेट का फूलना और काला पेशाब होना शुरू हो गया था. साथ ही पशुओं की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी. जिसके कारण पशुओं की मौत हो गई. इस मामले में जिला पशुपालन विभाग के चिकित्सक डॉ. उपेंद्र ने बताया कि टिकारी प्रखंड के पशुपालन चिकित्सक के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई है. ये जो लक्ष्ण बताया जा रहा है, वो ब्लैक क्वाटर का है या नहीं इसके लिए जिला स्तरीय तीन लोगों की टीम गांव भेजी गई है.

जांच में जुटी पशुपालन विभाग
डॉ. उपेंद्र ने कहा कि जांच के बाद ही इसका कारण पता चल पाएगा. जिस तरह के लक्ष्ण दिख रहे हैं, वो कोई गंभीर बीमारी नहीं है. यह दूसरे जानवरों में नहीं फैलेगा. पशुपालकों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है. बता दें जिला में खुरहा और मुहपक्का बीमारी से कई पशुओं की मौत हो चुकी है. इसके लिए जिला पशुपालन विभाग टीकाकरण भी चलाती है. फिलहाल पशुपालन विभाग के चिकित्सक इसकी जांच में जुट गई है.

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