गया: जिला के पंचानपुर स्थित दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह को रिसर्च एसोसिएशन ऑफ ओडिशा के माध्यम से विशिष्ट शिक्षक सम्मान से नवाजा गया है. अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक प्रभात कुमार सिंह को 'Meet the Teacher' कार्यक्रम के लिए सम्मानित किया गया.
रिसर्च एसोसिएशन ऑफ ओडिशा के माध्यम से आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में प्रो. प्रभात कुमार सिंह को सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई. सम्मान मिलने पर विवि के कुलपति प्रो हरिश्चंद्र राठौर, कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सहित अन्य लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाईयां दी.
'डिस्टीनगुइश्ड टीचर ऑफ इंगलिश इन दी कंट्री' का मिला सम्मान
राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान दर्ज कराने वाला दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय एक बार पुनः राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना है. विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक ने रिसर्च एसोसिएशन ऑफ ओडिशा के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम 'Meet the Teacher में भाग लिया और अपने आलेख का सम्बोधन कर 'डिस्टीनगुइश्ड टीचर ऑफ इंगलिश इन दी कंट्री' का सम्मान पाया.
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'My Romance with Teaching as a profession' पर किया था संबोधन
नेशनल वेबिनार में प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह को भुबनेश्वर के एसओए के प्रोफेसर अशोक कुमार मोहंती ने अतिथियों और प्रतिभागियों से परिचय करवाया और अंग्रेजी विषय में उनके माध्यम से दिए गए योगदान को साझा किया. प्रोफेसर प्रभात कुमार सिंह ने 'माई रोमांस विद टीचिंग ऐज ए प्रोफेशन' विषय पर विशेष तौर पर तैयार किए गए 29 पृष्ठ के संबोधन से अपने विचारों को साझा किया. इसके साथ ही साथ अपने संबोधन में प्रोफेसर सिंह ने अंग्रेजी शिक्षक के रूप में 40 वर्षीय सफर के अनुभव को साझा किया. उन्होंने कहा कि एक सफल शिक्षक बनने के लिए आपको ईमानदारी से अपने विषय का सही आंकलन करके शैक्षिक गतिविधियों को समयनिष्ठा के साथ संचालित करना चाहिए. तभी आप अपने शिक्षण से संतुष्ट होते हैं और आपको सम्मान भी मिलता है.
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देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक हुए शामिल
वेबिनार में देश के कई विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों क्रमशः प्रोफेसर बीके दास (अध्यक्ष, रिसर्चस एसोसिएशन), प्रोफेसर आरडब्लू देसाई (दिल्ली विश्वविद्यालय), प्रोफेसर सीआरवी राव (विएस यूनिवर्सिटी, आंध्र प्रदेश), प्रोफेसर राजनाथ (इलाहबाद यूनिवर्सिटी), प्रोफेसर मोहन (उस्मानिया यूनिवर्सिटी ), प्रोफेसर प्रशांत सिन्हा (पुणे यूनिवर्सिटी), प्रोफेसर बी पार्वती (विशाखापत्तनम यूनिवर्सिटी) आदि के साथ विभिन्न कॉलेजों के प्राध्यापकों, अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ-साथ शोद्यार्थी शामिल हुए.