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गया: डॉन बनने की ख्वाहिश रखता है पैक्स अध्यक्ष को मारने वाला सुपारी किलर, दाउद का है फैन - PACS President

बीते 6 सितंबर को गया में हुई पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव की हत्या मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया किया है. हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है. पुलिस ने सुपारी किलर के फेसबुक लोकेशन से उसे धर दबोचा.

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Published : Oct 26, 2021, 8:04 PM IST

गया: बिहार के गया शहर अंतर्गत मगध मेडिकल थाना (Magadh Medical Police Station) क्षेत्र के हवाई अड्‌डे के पास पैक्स अध्यक्ष (PACS President) सत्येंद्र यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में शामिल सुपारी किलर मुकेश रमानी और उसके सहयोगी जितेंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है. हत्या कराने वाले 2 लोगों का नाम सामने आया है. दो में से एक संजय यादव जेल में बंद है. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

ये भी पढ़ेंः गयाः पैक्स अध्यक्ष की हत्या का गरमाया मुद्दा, समर्थकों ने सड़क पर उतकर काटा बवाल

एसएसपी आदित्य कुमार ने बताया कि पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव हत्या मामले में मुकेश रमानी का नाम सामने आया था. मुकेश रमानी हत्या करने के बाद बेलागंज होते हुए मुंगेर चला गया था. इस बात की जानकारी फेसबुक लोकेशन से हुई थी. जिस स्थान पर मर्डर हुआ था, वहां से लेकर बेलागंज तक के मोबाइल टावर डम्प कराए गए तो मुकेश रमानी का लोकेशन फेसबुक लोकेशन से मैच होने लगा. इसके बाद पुलिस उसके पीछे लग गई.

करीब डेढ़ महीने की कड़ी मेहनत के बाद सफलता हाथ लगी. मुकेश रमानी को इस वारदात को अंजाम तक पहुंचाने में मदद करने वाला बोधगया के धनावा गांव का जितेंद्र यादव भी पकड़ा गया है. मुकेश के पास से ऑटोमेटिक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. साथ ही अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम पर लिखित किताब 'डोंगरी से दुबई तक' भी मिली. यह किताब हिंदी में है. पुलिस का कहना है कि मुकेश को डॉन बनने का बहुत शौक है.

पुलिस ने बताया कि मुकेश रमानी के विरुद्ध 17 मुकदमे दर्ज हैं. वह औरंगाबाद बाल सुधार गृह से अब तक फरार था. इसी ने बक्सर से 2 शूटर अमित कुमार सिंह और मोनू सिंह को बुलाया था. अमित पर 50 हजार रुपये का इनाम भी है. बोधगया धनावा के जितेंद्र यादव के खिलाफ भी कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि जेल में बंद संजय यादव व मारे गए पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव किसी जमाने में एक साथ प्रापर्टी का धंधा करते थे. विवाद होने के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए.

बीते वर्ष सत्येंद्र यादव ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन की खरीदी. उस जमीन पर मल्लू यादव और संजय यादव की भी नजर थी. लेकिन उनकी बात नहीं बन सकी तो उन्होंने सत्येंद्र यादव से ढाई करोड़ रुपये की डिमांड की. लेकिन सत्येंद्र यादव ने ढाई करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया. यह बात मल्लू व संजय को नागवार गुजरी. मल्लू यादव खुद एक बड़ा अपराधी है.

यह भी पढ़ें - पंचायत चुनाव से पहले बिहार में खूनी खेल, रोहतास में उपसरपंच की गोली मारकर हत्या

प्रापर्टी के कारोबार में आने के बाद उसने सत्येंद्र को डायरेक्ट नुकसान न पहुंचाने के ख्याल से संजय यादव से बातचीत कर सुपारी किलर हायर करने की योजना बनाई. उसी योजना के तहत जितेंद्र यादव ने मुकेश रमानी से संपर्क साधा और मुकेश ने बक्सर से अपने दो साथियों को बुलाया. साढ़े 3 लाख में डील फाइनल कर रुपये उठा लिए. यही नहीं, जितेंद्र यादव ने न केवल डील फाइनल कराई बल्कि हथियार मुहैया कराने के साथ ही सत्येंद्र यादव के बाबत मुकेश रमानी को पल-पल की जानकारी भी मुहैया कराई. फिर 6 सितंबर को मुकेश रमानी और उसके साथियों ने सत्येंद्र यादव को गोलियों से भून डाला.


गया: बिहार के गया शहर अंतर्गत मगध मेडिकल थाना (Magadh Medical Police Station) क्षेत्र के हवाई अड्‌डे के पास पैक्स अध्यक्ष (PACS President) सत्येंद्र यादव की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में शामिल सुपारी किलर मुकेश रमानी और उसके सहयोगी जितेंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हत्या के पीछे प्रॉपर्टी विवाद सामने आया है. हत्या कराने वाले 2 लोगों का नाम सामने आया है. दो में से एक संजय यादव जेल में बंद है. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है.

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एसएसपी आदित्य कुमार ने बताया कि पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव हत्या मामले में मुकेश रमानी का नाम सामने आया था. मुकेश रमानी हत्या करने के बाद बेलागंज होते हुए मुंगेर चला गया था. इस बात की जानकारी फेसबुक लोकेशन से हुई थी. जिस स्थान पर मर्डर हुआ था, वहां से लेकर बेलागंज तक के मोबाइल टावर डम्प कराए गए तो मुकेश रमानी का लोकेशन फेसबुक लोकेशन से मैच होने लगा. इसके बाद पुलिस उसके पीछे लग गई.

करीब डेढ़ महीने की कड़ी मेहनत के बाद सफलता हाथ लगी. मुकेश रमानी को इस वारदात को अंजाम तक पहुंचाने में मदद करने वाला बोधगया के धनावा गांव का जितेंद्र यादव भी पकड़ा गया है. मुकेश के पास से ऑटोमेटिक पिस्टल व 3 जिंदा कारतूस बरामद हुआ है. साथ ही अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम पर लिखित किताब 'डोंगरी से दुबई तक' भी मिली. यह किताब हिंदी में है. पुलिस का कहना है कि मुकेश को डॉन बनने का बहुत शौक है.

पुलिस ने बताया कि मुकेश रमानी के विरुद्ध 17 मुकदमे दर्ज हैं. वह औरंगाबाद बाल सुधार गृह से अब तक फरार था. इसी ने बक्सर से 2 शूटर अमित कुमार सिंह और मोनू सिंह को बुलाया था. अमित पर 50 हजार रुपये का इनाम भी है. बोधगया धनावा के जितेंद्र यादव के खिलाफ भी कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि जेल में बंद संजय यादव व मारे गए पैक्स अध्यक्ष सत्येंद्र यादव किसी जमाने में एक साथ प्रापर्टी का धंधा करते थे. विवाद होने के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए.

बीते वर्ष सत्येंद्र यादव ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की जमीन की खरीदी. उस जमीन पर मल्लू यादव और संजय यादव की भी नजर थी. लेकिन उनकी बात नहीं बन सकी तो उन्होंने सत्येंद्र यादव से ढाई करोड़ रुपये की डिमांड की. लेकिन सत्येंद्र यादव ने ढाई करोड़ रुपये देने से इनकार कर दिया. यह बात मल्लू व संजय को नागवार गुजरी. मल्लू यादव खुद एक बड़ा अपराधी है.

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प्रापर्टी के कारोबार में आने के बाद उसने सत्येंद्र को डायरेक्ट नुकसान न पहुंचाने के ख्याल से संजय यादव से बातचीत कर सुपारी किलर हायर करने की योजना बनाई. उसी योजना के तहत जितेंद्र यादव ने मुकेश रमानी से संपर्क साधा और मुकेश ने बक्सर से अपने दो साथियों को बुलाया. साढ़े 3 लाख में डील फाइनल कर रुपये उठा लिए. यही नहीं, जितेंद्र यादव ने न केवल डील फाइनल कराई बल्कि हथियार मुहैया कराने के साथ ही सत्येंद्र यादव के बाबत मुकेश रमानी को पल-पल की जानकारी भी मुहैया कराई. फिर 6 सितंबर को मुकेश रमानी और उसके साथियों ने सत्येंद्र यादव को गोलियों से भून डाला.


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