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अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर घर लौटे गया के दोनों बच्चे, चाकलेट का लालच देकर उठा ले गये थे बदमाश - etv bihar news

गया के विष्णुपद थाना क्षेत्र से दो दिन पहले दो बच्चे खेलने के दौरान गायब हो गये थे. उन्हें टॉफी का लालच देकर अज्ञात बदमाश उठा ले गये थे. परिजनों ने काफी खोजबीन की लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा. गायब बच्चे आज बदमाशों के चंगुल से निकलकर किसी तरह घर (Children escaped from clutches of miscreants in Gaya) पहुंचे. पढ़ें पूरी खबर.

Two children missing from Gaya
गया के विष्णुपद से गायब बच्चे दो दिन बाद लौटे
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Published : Apr 16, 2022, 12:56 PM IST

गया: गया के विष्णुपद थाना क्षेत्र के चांद चौरा दक्षिण दरवाजा से गुरुवार को दो बच्चे गायब (Two children missing from Gaya) हुए थे. दो दिन बाद शनिवार को दोनों बच्चे किसी तरह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर घर लौट आये. इससे परिजनों ने राहत की सांस ली. घर लौटने के बाद दोनों बच्चे डरे-सहमे हैं. हालांकि इस मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही (Gaya Police Negligence) भी देखने को मिली. बच्चों के गायब होने के बाद पुलिस उन्हें खोजने का कोई प्रयास करती नजर नहीं आयी. इतना ही नहीं, परिजनों के कई बार थाने का चक्कर लगाने के बावजूद कोई मामला भी नहीं दर्ज किया. इससे पुलिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस विषय में पूछे जाने पर पुलिस कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है.

ये भी पढ़ें- कॉलेज पढ़ने गई बेटी 20 दिन से लापता, जनता दरबार के बाहर मां ने सीएम से लगाई मदद की गुहार

टॉफी का लालच देकर उठा ले गये थे बदमाश: जानकारी के मुताबिक, चांद चौरा दक्षिण दरवाजा की अनामिका शर्मा का पुत्र पीयूष राज और एक अन्य बच्चा सुंदर कुमार (10 साल) है. दो दिन पहले दोनों घर से थोड़ी दूर पर खेल रहे थे. जहां से दोनों बच्चों को टॉफी का लालच देकर अज्ञात बदमाश उन्हें उठा ले गये. बच्चे काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. काफी खोजबीन करने के बाद भी उनका सुराग नहीं लगा. इसके बाद चिंतित परिजन थाने पहुंचे और बच्चों की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस से गुहार लगायी. आरोप है कि पुलिस ने न तो बच्चों की बरामदगी को लेकर प्रयास किया और न ही कोई केस रजिस्टर्ड किया. इससे पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा हो रहा है.

देखें वीडियो

छत से कूदकर भागे बच्चे: वहीं, दो दिन बाद अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर घर लौटे पीयूष राज और सुंदर कुमार नाम ने बताया कि उन्हें कोई जबरदस्ती टॉफी खिलाने के नाम पर बुलाया. इसके बाद उनके मुंह में कपड़ा बांधकर जबरन लेकर चला गया. वे दो लोग काला कपड़ा पहने थे और बड़ी-बड़ी दाढ़ी थी. दोनों को कमरे में ले जाकर बंद कर दिया गया. खिड़की खुली थी और नीचे बालू था. वे छत से बालू पर कूदकर किसी तरह से भागकर आये. वे उन्हें कहीं ले जाने के फिराक में थे. बच्चों की बातें सुनकर मोहल्ले के लोगों में दहशत है.

पुलिस ने रजिस्टर्ड नहीं किया केस: इस पूरे मामले को लेकर समाज सेवी संदीप मिश्रा ने बताया कि बच्चों को खेलने के दौरान बदमाश जबरन उठा ले गये थे. जहां से वे उन्हें कहीं लेकर जाने वाले थे, लेकिन वे किसी तरह से भागकर घर लौटे हैं. वे काफी डरे हुए हैं. बच्चों के गायब होने पर परिजन कई बार थाने गये. वहां उनसे आवेदन ले लिया गया, लेकिन अभी तक कोई केस रजिस्टर्ड नहीं हुआ. यह पुलिस की बड़ी लापरवाही है.

ये भी पढ़ें- अररिया में कब्र से गायब हुए नर कंकाल, ग्रामीणों ने जादू टोना की जताई आशंका

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गया: गया के विष्णुपद थाना क्षेत्र के चांद चौरा दक्षिण दरवाजा से गुरुवार को दो बच्चे गायब (Two children missing from Gaya) हुए थे. दो दिन बाद शनिवार को दोनों बच्चे किसी तरह अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर घर लौट आये. इससे परिजनों ने राहत की सांस ली. घर लौटने के बाद दोनों बच्चे डरे-सहमे हैं. हालांकि इस मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही (Gaya Police Negligence) भी देखने को मिली. बच्चों के गायब होने के बाद पुलिस उन्हें खोजने का कोई प्रयास करती नजर नहीं आयी. इतना ही नहीं, परिजनों के कई बार थाने का चक्कर लगाने के बावजूद कोई मामला भी नहीं दर्ज किया. इससे पुलिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इस विषय में पूछे जाने पर पुलिस कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है.

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टॉफी का लालच देकर उठा ले गये थे बदमाश: जानकारी के मुताबिक, चांद चौरा दक्षिण दरवाजा की अनामिका शर्मा का पुत्र पीयूष राज और एक अन्य बच्चा सुंदर कुमार (10 साल) है. दो दिन पहले दोनों घर से थोड़ी दूर पर खेल रहे थे. जहां से दोनों बच्चों को टॉफी का लालच देकर अज्ञात बदमाश उन्हें उठा ले गये. बच्चे काफी देर तक घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. काफी खोजबीन करने के बाद भी उनका सुराग नहीं लगा. इसके बाद चिंतित परिजन थाने पहुंचे और बच्चों की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस से गुहार लगायी. आरोप है कि पुलिस ने न तो बच्चों की बरामदगी को लेकर प्रयास किया और न ही कोई केस रजिस्टर्ड किया. इससे पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न खड़ा हो रहा है.

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छत से कूदकर भागे बच्चे: वहीं, दो दिन बाद अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर घर लौटे पीयूष राज और सुंदर कुमार नाम ने बताया कि उन्हें कोई जबरदस्ती टॉफी खिलाने के नाम पर बुलाया. इसके बाद उनके मुंह में कपड़ा बांधकर जबरन लेकर चला गया. वे दो लोग काला कपड़ा पहने थे और बड़ी-बड़ी दाढ़ी थी. दोनों को कमरे में ले जाकर बंद कर दिया गया. खिड़की खुली थी और नीचे बालू था. वे छत से बालू पर कूदकर किसी तरह से भागकर आये. वे उन्हें कहीं ले जाने के फिराक में थे. बच्चों की बातें सुनकर मोहल्ले के लोगों में दहशत है.

पुलिस ने रजिस्टर्ड नहीं किया केस: इस पूरे मामले को लेकर समाज सेवी संदीप मिश्रा ने बताया कि बच्चों को खेलने के दौरान बदमाश जबरन उठा ले गये थे. जहां से वे उन्हें कहीं लेकर जाने वाले थे, लेकिन वे किसी तरह से भागकर घर लौटे हैं. वे काफी डरे हुए हैं. बच्चों के गायब होने पर परिजन कई बार थाने गये. वहां उनसे आवेदन ले लिया गया, लेकिन अभी तक कोई केस रजिस्टर्ड नहीं हुआ. यह पुलिस की बड़ी लापरवाही है.

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