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अपने गांव तक पानी पहुंचाने के मिशन में जुटे पहाड़ काटकर नहर बनाने वाले लौंगी भुईयां

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Published : Oct 7, 2021, 8:48 PM IST

बिहार के 'द कैनाल मैन', के नाम से प्रसिद्ध लौंगी भुईयां ने 30 साल में पहाड़ काटकर नहर बना दिया था. अब वह अपने गांव तक पानी ले जाने के मिशन में जुट गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

laungi bhuiyan
लौंगी भुईयां

गया: बिहार के गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांके बाजार प्रखंड (Banke Bazar Block) के लुटुआ पंचायत के जटही गांव के लौंगी भुईयां (Laungi Bhuiyan) ने 30 साल की कड़ी मेहनत से अकेले पहाड़ काटकर नहर बना दिया था. उन्होंने नहर बनाकर गांव के तलाब में सिंचाई के लिए पानी पहुंचा दिया था. लौंगी भुईयां के काम की तारीफ पूरे देश में हुई थी.

यह भी पढ़ें- 'The Canal Man' को मिला पहला सम्मान, जल जीवन हरियाली मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाने की मांग

अब लौंगी भुईयां एक नए मिशन में जुट गए हैं. उनका लक्ष्य है कि तालाब से पानी जटही गांव तक पहुंचे. लौंगी भुईयां जटही गांव में पानी पहुंचाने के लिए लगभग 5 किलोमीटर लंबे नहर की खुदाई कर रहे हैं. पहाड़ की तलहटी से गांव तक पथरीली जमीन है. उस जमीन में दिन- रात मेहनत कर लौंगी गांव तक पानी पहुंचाने में लगे हैं.

देखें रिपोर्ट

लौंगी भुईयां ने कहा, 'तालाब तक नहर बनाने की शुरुआत मैंने पहाड़ की तलहटी से की थी. पहले पूरे जंगल में कई बार घुमा और मन में नक्शा बनाया. नहर की खुदाई की तो निचले स्तर तक ही पानी पहुंचा. दोबारा नक्शा मन में रखकर निचले स्तर से पानी ऊंचाई तक पहुंचाया. पहाड़ की तलहटी से पानी ऊंचाई तक पहुंच जाए इसलिए नहर में छोटा-छोटा बांध बनाया. उस बांध से पानी एक-एक करके अन्य बांध में जाने लगा. इसके बाद मुख्य तालाब तक पानी पहुंचा.'

"अब मैं अपने गांव में पानी लाने के लिए काम कर रहा हूं. गांव में पानी लाने के लिए कोई स्वार्थ नहीं है. बस गांव में खेती हो और लोग मुझे जो मेहनताना दें वह मेरे लिए काफी है. मैंने बड़े-बड़े पहाड़ नहीं तोड़े हैं, लेकिन तीन किलोमीटर तक नहर बनाने में जितने पत्थर तोड़े हैं वे पहाड़ से कम नहीं थे. दो तालाब में पानी आ गया है. जिस इलाके में पहले जंगल था वहां आज धान की खेती हो रही है."- लौंगी भुईयां, बिहार के कैनाल मैन

"लौंगी भुइयां के काम को मैंने बचपन से देखा है. अब उनकी काम को पहचान मिली है. आज भी लुटुआ में पानी लाने के लिए वह दिन-रात लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने वादा किया था कि गांव में सड़क, स्कूल और अस्पताल बनाया जाएगा. एक साल में आज तक गांव में सड़क तक नहीं बना है."- मुकेश कुमार, लुटुआ पंचायत निवासी

बता दें कि शेरघाटी इमामगंज रोड से लूटुआ तक जाने के लिए पक्का रास्ता है. लूटुआ से जटही गांव तक जाने के लिए कच्ची सड़क है. जटही गांव के महादलित टोला में लौंगी भुईयां का कच्चा घर है. अभी तक इन्हें सरकारी योजना से पक्का घर नहीं मिला है. एक स्टील कंपनी ने घर बनाने की शुरुआत की थी, लेकिन अब काम बंद है. लौंगी भुईयां के काम की तारीफ आनंद महिंद्रा से लेकर हर तबके के लोगों ने की थी. आनंद महिंद्रा ने एक ट्रैक्टर दिया था. लौंगी भुईयां ने सरकार से नहर का पक्कीकरण कराने और ट्रैक्टर का ट्रेलर देने की मांग की है.

यह भी पढ़ें- RJD के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से तेजप्रताप और मीसा भारती बाहर

गया: बिहार के गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बांके बाजार प्रखंड (Banke Bazar Block) के लुटुआ पंचायत के जटही गांव के लौंगी भुईयां (Laungi Bhuiyan) ने 30 साल की कड़ी मेहनत से अकेले पहाड़ काटकर नहर बना दिया था. उन्होंने नहर बनाकर गांव के तलाब में सिंचाई के लिए पानी पहुंचा दिया था. लौंगी भुईयां के काम की तारीफ पूरे देश में हुई थी.

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अब लौंगी भुईयां एक नए मिशन में जुट गए हैं. उनका लक्ष्य है कि तालाब से पानी जटही गांव तक पहुंचे. लौंगी भुईयां जटही गांव में पानी पहुंचाने के लिए लगभग 5 किलोमीटर लंबे नहर की खुदाई कर रहे हैं. पहाड़ की तलहटी से गांव तक पथरीली जमीन है. उस जमीन में दिन- रात मेहनत कर लौंगी गांव तक पानी पहुंचाने में लगे हैं.

देखें रिपोर्ट

लौंगी भुईयां ने कहा, 'तालाब तक नहर बनाने की शुरुआत मैंने पहाड़ की तलहटी से की थी. पहले पूरे जंगल में कई बार घुमा और मन में नक्शा बनाया. नहर की खुदाई की तो निचले स्तर तक ही पानी पहुंचा. दोबारा नक्शा मन में रखकर निचले स्तर से पानी ऊंचाई तक पहुंचाया. पहाड़ की तलहटी से पानी ऊंचाई तक पहुंच जाए इसलिए नहर में छोटा-छोटा बांध बनाया. उस बांध से पानी एक-एक करके अन्य बांध में जाने लगा. इसके बाद मुख्य तालाब तक पानी पहुंचा.'

"अब मैं अपने गांव में पानी लाने के लिए काम कर रहा हूं. गांव में पानी लाने के लिए कोई स्वार्थ नहीं है. बस गांव में खेती हो और लोग मुझे जो मेहनताना दें वह मेरे लिए काफी है. मैंने बड़े-बड़े पहाड़ नहीं तोड़े हैं, लेकिन तीन किलोमीटर तक नहर बनाने में जितने पत्थर तोड़े हैं वे पहाड़ से कम नहीं थे. दो तालाब में पानी आ गया है. जिस इलाके में पहले जंगल था वहां आज धान की खेती हो रही है."- लौंगी भुईयां, बिहार के कैनाल मैन

"लौंगी भुइयां के काम को मैंने बचपन से देखा है. अब उनकी काम को पहचान मिली है. आज भी लुटुआ में पानी लाने के लिए वह दिन-रात लगे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने वादा किया था कि गांव में सड़क, स्कूल और अस्पताल बनाया जाएगा. एक साल में आज तक गांव में सड़क तक नहीं बना है."- मुकेश कुमार, लुटुआ पंचायत निवासी

बता दें कि शेरघाटी इमामगंज रोड से लूटुआ तक जाने के लिए पक्का रास्ता है. लूटुआ से जटही गांव तक जाने के लिए कच्ची सड़क है. जटही गांव के महादलित टोला में लौंगी भुईयां का कच्चा घर है. अभी तक इन्हें सरकारी योजना से पक्का घर नहीं मिला है. एक स्टील कंपनी ने घर बनाने की शुरुआत की थी, लेकिन अब काम बंद है. लौंगी भुईयां के काम की तारीफ आनंद महिंद्रा से लेकर हर तबके के लोगों ने की थी. आनंद महिंद्रा ने एक ट्रैक्टर दिया था. लौंगी भुईयां ने सरकार से नहर का पक्कीकरण कराने और ट्रैक्टर का ट्रेलर देने की मांग की है.

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