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बौद्ध भिक्षुओं ने राम मंदिर पर फैसले को लेकर भगवान बुद्ध से की शांति के लिए प्रार्थना

प्रिय पाल भंते ने कहा कि कोर्ट ने प्रमाण और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाया है. फैसला से देश में शांति बना रहेगा. शांति और भाईचारा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.

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Published : Nov 9, 2019, 12:55 PM IST

गया

गया: पूरे देश की नजर राम जन्मभूमि के फैसले पर टिकी हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसका फैसला तथ्यों के आधार पर राम लला के पक्ष में सुनाया है. इसको लेकर लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी है. चकमा बुद्ध मठ के मुख्य पुजारी प्रिय पाल भंते ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर हम पूरा भरोसा है.

प्रिय पाल भंते ने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित था, कोर्ट पर पूरा भरोसा है, कोर्ट ने प्रमाण और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाया है. फैसला से देश में शांति बनी रहेगी. शांति और भाईचारा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. यह देश के हित में फैसला सुनाया गया है. लोगों को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए.

बौद्ध पुजारी प्रिय पाल भंते का बयान

1950 से लंबित था मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या का रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद काफी जटिल था. 1950 में अदालत की चौखट पर पहुंचा ये मामला, अब तक देश की सर्वोच्च अदालत में लंबित था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की खंडपीठ ने साल 2010 में इस टाइटल सूट विवाद पर फैसला सुनाया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 40 दिनों में रोजाना सुनवाई कर फैसला सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने राम लला के पक्ष में फैसला सुनाया है.

गया: पूरे देश की नजर राम जन्मभूमि के फैसले पर टिकी हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसका फैसला तथ्यों के आधार पर राम लला के पक्ष में सुनाया है. इसको लेकर लोगों की प्रतिक्रिया आने लगी है. चकमा बुद्ध मठ के मुख्य पुजारी प्रिय पाल भंते ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर हम पूरा भरोसा है.

प्रिय पाल भंते ने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित था, कोर्ट पर पूरा भरोसा है, कोर्ट ने प्रमाण और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाया है. फैसला से देश में शांति बनी रहेगी. शांति और भाईचारा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. यह देश के हित में फैसला सुनाया गया है. लोगों को इस फैसले का सम्मान करना चाहिए.

बौद्ध पुजारी प्रिय पाल भंते का बयान

1950 से लंबित था मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या का रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद काफी जटिल था. 1950 में अदालत की चौखट पर पहुंचा ये मामला, अब तक देश की सर्वोच्च अदालत में लंबित था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की खंडपीठ ने साल 2010 में इस टाइटल सूट विवाद पर फैसला सुनाया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 40 दिनों में रोजाना सुनवाई कर फैसला सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने राम लला के पक्ष में फैसला सुनाया है.

Intro:Body:रामजन्म भूमि की फैसला आज सुनाया जाएगा इसी को लेकर विश्व धरोहर बोधगया में सैकडों बौद्ध भिक्षुओं ने शांति के लिये भगवान बुद्ध से प्राथना कर रहे हैं
बोधगया के चकमा बुद्ध मंदिर में विश्व शांति के लिए पूजा अर्चना किया जा रहा है । मुख्य रूप से राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद पर न्यायालय का फैसला आने से देश दुनिया में शांति आपसी भाईचारा सद्भावना बनाये रखने के लिए विशेष प्रार्थना की जा रही है
चकमा बुद्ध मठ के मुख्य पुजारी प्रिय पाल भंते ने कहा कि विभिन्न न्यायालय में वर्षों से राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद की मामला चल रहा था ।
जिसका फैसला आज सुनाया जायेगा इसके लिए मैं भगवान बुद्ध से यह प्रार्थना करता हूं । कि पूरे भारत में शांति भाईचारा सद्भावना बना रहे और देश-दुनिया में भी इसकी संदेश पहुंचे
और अहिंसा कि कोई कदम नहीं उठाया जाये । आपसी भाईचारे सद्भावना के साथ वर्षों से हम लोग भारत में रह रहे हैं। और उसी आपसी भाईचारे के लिए बनाए रखने के लिए आज अपील भगवान बुद्ध के सामने करते हैं कि भारत में शांति कायम रहे न्यायालय का जो फैसला है यह सर्वोपरि है फैसला को लेकर देश की जनता को सम्मान करना चाहिए । और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की Conclusion:
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