गया: बोधगया में कोरोना को लेकर इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है. ठंड के मौसम मे विश्व के विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षु और धर्म गुरुओं की ओर से विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती थी. यहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते थे. लेकिन इन दिनों कोरोना के कारण सन्नाटा पसरा है. ऐसे में बोधगया के विभिन्न बौद्ध मॉनेस्ट्रियो में रहने वाले बौद्ध भिक्षु सादगी तरीके से जीवन यापन कर रहे हैं और कोरोना के वायरस को खत्म करने को लेकर मेडिटेशन कर रहे है.
महाराष्ट्र से आये बौद्ध भिक्षु भंतेआनंद बोधि ने कहा कि कोरोना को खत्म करने को लेकर हम लोग मोनेस्ट्री और बौद्ध मंदिरों में मेडिटेशन कर रहे हैं. सभी व्यक्तियों को मेडिटेशन करना चाहिए. इससे शरीर के अंदर की गंदगी बाहर जाती है और बाहर की ताजा चीजें सांसों के द्वारा अंदर आती है. उनका मानना है कि मेडिटेशन से उत्पन्न हुई तरंगे कोरोना वायरस को खत्म कर सकती हैं.
कोरोना को खत्म करने को लेकर पूजा-पाठ
वहीं, लाओस देश के बौद्ध भिक्षु भंते साईं साना ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना वायरस से प्रभावित हैं. वे स्वयं कोरोना के कारण विगत कई महीनों से अपने देश लाओस वापस नहीं जा सके हैं. ऐसे में मॉनेस्ट्री में रहकर ही कोरोना को खत्म करने को लेकर पूजा पाठ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि बोधगया में रह रहे है. यह बहुत ही पवित्र भूमि है. यहीं से भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त कर पूरी दुनिया को मार्ग दिखाया था.