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तिब्बती शरणार्थी के सवाल पर बोले BJP सांसद- सही निर्णय लिया जायेगा - NRC and CAA

बीजेपी सांसद सुशील सिंह ने कहा कि तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल नहीं करना, ये केंद्र सरकार के संज्ञान में है

गया
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Published : Dec 28, 2019, 10:51 PM IST

गया: पूरे देश में विपक्षी पार्टी एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिले में इसको लेकर तिब्बती शरणार्थी भी चिंतित हैं. इस संबंध में ईटीवी भारत की खबर दिखाए जाने के बाद बीजेपी सांसद सुशील सिंह ने कहा कि यह मामला भारत सरकार के संज्ञान में है.

सुशील सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार जो लोगों से वादा की थी, उसे पूरा कर रही है. सीएए कानून पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंग्लादेश में प्रताड़ित अल्पसंख्यक को नागरिकता देता है. एनआरसी और सीएए पर लोग भ्रमित होकर निजी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. यह उचित कदम नहीं है.

सांसद सुशील सिंह का बयान

ये भी पढ़ें: राहुल गांधी पर बोले संजय जायसवाल, कहा- 'विदेशी मां की संतान की सोच भी विदेशी'

'सही समय पर निर्णय लिया जएगा'
तिब्बती शरणार्थियों के संबंध में सवाल पर सुशील सिंह ने कहा कि तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल नहीं करना, ये केंद्र सरकार के संज्ञान में है, सही समय आने पर सही निर्णय लिया जायेगा. वर्तमान में ये कानून पड़ोसी तीन देशों के लिए लागू है. वहीं, तिब्बती शरणार्थियों का कहना है कि हम भारत के मेहमान हैं, हम विरोध नहीं कर सकते हैं. लेकिन हमारी तीसरी पीढ़ी भारत में हैं. भारत में एनआरसी लागू हो, तो उससे पहले तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल किया जाए.

गया: पूरे देश में विपक्षी पार्टी एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिले में इसको लेकर तिब्बती शरणार्थी भी चिंतित हैं. इस संबंध में ईटीवी भारत की खबर दिखाए जाने के बाद बीजेपी सांसद सुशील सिंह ने कहा कि यह मामला भारत सरकार के संज्ञान में है.

सुशील सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार जो लोगों से वादा की थी, उसे पूरा कर रही है. सीएए कानून पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंग्लादेश में प्रताड़ित अल्पसंख्यक को नागरिकता देता है. एनआरसी और सीएए पर लोग भ्रमित होकर निजी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. यह उचित कदम नहीं है.

सांसद सुशील सिंह का बयान

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'सही समय पर निर्णय लिया जएगा'
तिब्बती शरणार्थियों के संबंध में सवाल पर सुशील सिंह ने कहा कि तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल नहीं करना, ये केंद्र सरकार के संज्ञान में है, सही समय आने पर सही निर्णय लिया जायेगा. वर्तमान में ये कानून पड़ोसी तीन देशों के लिए लागू है. वहीं, तिब्बती शरणार्थियों का कहना है कि हम भारत के मेहमान हैं, हम विरोध नहीं कर सकते हैं. लेकिन हमारी तीसरी पीढ़ी भारत में हैं. भारत में एनआरसी लागू हो, तो उससे पहले तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल किया जाए.

Intro:ईटीवी भारत के मुहिम का असर दिखने लगा, सीएए में तिब्बती शरणार्थियों को शामिल नही करना केंद्र सरकार के संज्ञान में है। ये जानकारी भाजपा सांसद सुशील सिंह ने दिया उन्होंने कहा सीएए में तिब्बती शरणार्थियों को शामिल नही करना भारत सरकार के संज्ञान में है सही समय पर सही निर्णय लिया जाएगा।


Body:आपको बता दे सिर्फ ईटीवी भारत ने ये खबर को प्रसारित किया था एनआरसी और सीएए में तिब्बती शरणार्थी को शामिल नही होने से वो खौफ में है। इस खबर के बाद चर्चा होने लगी सीएए में तिब्बती को क्यों शामिल नही किया गया। इस चर्चा को लेकर ईटीवी भारत ने सुशील सिंह से बात की।

vo:1 भाजपा के वरीय नेता सह सांसद सुशील सिंह गया स्थित सर्किट हाउस में एनआरसी और सीएए के समर्थन में कार्यक्रम को लेकर प्रेसवार्ता आयोजित की थी,उन्होंने में प्रेस वार्ता के दौरान कहा सीएए कानून यह कहता है हिंदुस्तान के पड़ोसी देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बंग्लादेश में प्रताड़ना से तंग होकर भारत आये उनको भारतीय नागरिकता दी जाएगी। एनआरसी और सीएए पर लोग दिग्भ्रमित होकर लोग निजी व सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचा रहे हैं यह उचित कदम नही है।

vo:2 सीएए में तिब्बती शरणार्थियों को शामिल नही करने पर ईटीवी भारत के सवाल पर कहा तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल नही करना ये केंद्र सरकार के संज्ञान में है सही समय आने पर सही निर्णय लिया जायेगा। वर्तमान में ये कानून पड़ोसी तीन देशों के लिए लागू है।


Conclusion:बहरहाल हजारो तिब्बती भले सीएए के खिलाफ सड़क पर नही उतरे है पर उनका कहना है कि हम भारत के मेहमान हैं हम विरोध नही कर सकते हैं, लेकिन हमारी तीसरी पीढ़ी भारत मे हैं। उनको नागरिकता लेने के लिए ,पासपोर्ट बनाने के लिए न्यायालय के शरण मे जाना पड़ता है। तिब्बत शरणार्थियों के मांग हैं भारत मे एनआरसी लागू हो तो उससे पहले तिब्बती शरणार्थियों को सीएए में शामिल की जाये।
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