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गया के दयावान 'बर्ड मैन' से मिलिए, गर्मियों में पशु-पक्षियों को देते हैं दाना-पानी

भयंकर तपिश में ताल-तलैया सूख गए हैं. ऐसे में पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने का बीड़ा 'बर्ड मैन' के नाम से मशहूर रंजन कुमार और उनके साथियों ने उठाया.

पक्षियों को देते हैं दाना-पानी
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Published : May 1, 2019, 2:18 AM IST

Updated : May 1, 2019, 3:31 AM IST

गया: भीषण गर्मी से जहां आम आदमी परेशान है. वहीं पशु-पक्षियों को भी खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. भयंकर तपिश में ताल-तलैया सूख गए हैं. ऐसे में पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने का बीड़ा 'बर्ड मैन' के नाम से मशहूर रंजन कुमार और उनके साथियों ने उठाया.

रंजन कुमार ने 'दाना-पानी लगाओ, पक्षियों को बचाओ' अभियान के तहत पेड़ों और पहाड़ों पर मिट्टी या प्लास्टिक के बर्तनों में दाना-पानी रखा, ताकि पशु-पक्षी आसानी से अपनी भूख-प्यास मिटा सकें. यह वह कई सालों से करते आ रहे हैं.

gaya
पक्षियों को देते हैं दाना-पानी

तीन पेड़ों पर दाना-पानी रख की थी शुरुआत

रंजन कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले तीन पेड़ों पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रख कर इस अभियान की शुरुआत की थी. तब से हर साल गर्मियों में वो इसी तरह आपस में चंदा कर बर्तन खरीदते हैं और फिर पक्षियों को गर्मी से बचाने की कोशिशों में जुट जाते हैं. पेड़ों के अलावा रंजन और उसके साथियों ने रामशिला पहाड़ पर भी दाना और पानी रखा. जिससे वहां बैठने वाले पक्षी भी अपनी प्यास आसानी से बुझा सकें.

पक्षियों को देते हैं दाना-पानी

गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा भी दे रही टोली

रंजन और उनकी टोली दाना-पानी अभियान के अलावा गरीब बच्चों में शिक्षा की भी अलख जगा रही हैं. रंजन और उनके साथी गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं. इसके अलावा कभी कैंसर पीड़ित को आर्थिक मदद करते हैं तो कभी गरीब लड़कियों की शादी में सहयोग करते हैं. रंजन बताते हैं कि दाना और पानी रखने की प्रेरणा उन्हें टीवी चैनल पर एक शो देखने से मिली. उन्होंने कहा कि शुरू में वो अकेले ही ये काम करते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए. उन्होंने लोगों से घरों के बाहर पशु-पक्षियों के लिए पानी रखने की अपील भी की.

गया: भीषण गर्मी से जहां आम आदमी परेशान है. वहीं पशु-पक्षियों को भी खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. भयंकर तपिश में ताल-तलैया सूख गए हैं. ऐसे में पशु-पक्षियों को दाना-पानी देने का बीड़ा 'बर्ड मैन' के नाम से मशहूर रंजन कुमार और उनके साथियों ने उठाया.

रंजन कुमार ने 'दाना-पानी लगाओ, पक्षियों को बचाओ' अभियान के तहत पेड़ों और पहाड़ों पर मिट्टी या प्लास्टिक के बर्तनों में दाना-पानी रखा, ताकि पशु-पक्षी आसानी से अपनी भूख-प्यास मिटा सकें. यह वह कई सालों से करते आ रहे हैं.

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पक्षियों को देते हैं दाना-पानी

तीन पेड़ों पर दाना-पानी रख की थी शुरुआत

रंजन कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले तीन पेड़ों पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रख कर इस अभियान की शुरुआत की थी. तब से हर साल गर्मियों में वो इसी तरह आपस में चंदा कर बर्तन खरीदते हैं और फिर पक्षियों को गर्मी से बचाने की कोशिशों में जुट जाते हैं. पेड़ों के अलावा रंजन और उसके साथियों ने रामशिला पहाड़ पर भी दाना और पानी रखा. जिससे वहां बैठने वाले पक्षी भी अपनी प्यास आसानी से बुझा सकें.

पक्षियों को देते हैं दाना-पानी

गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा भी दे रही टोली

रंजन और उनकी टोली दाना-पानी अभियान के अलावा गरीब बच्चों में शिक्षा की भी अलख जगा रही हैं. रंजन और उनके साथी गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं. इसके अलावा कभी कैंसर पीड़ित को आर्थिक मदद करते हैं तो कभी गरीब लड़कियों की शादी में सहयोग करते हैं. रंजन बताते हैं कि दाना और पानी रखने की प्रेरणा उन्हें टीवी चैनल पर एक शो देखने से मिली. उन्होंने कहा कि शुरू में वो अकेले ही ये काम करते थे, लेकिन धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए. उन्होंने लोगों से घरों के बाहर पशु-पक्षियों के लिए पानी रखने की अपील भी की.

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गया भूगोलिक परिस्थितियों से सबसे गर्म जिला है ऊंची ऊंची पहाड़े और सूखी नदियां यहां की गर्मी बढ़ा देती है। ऐसे में बेजुबान पक्षियों को पीने के पानी का समस्या अधिक होता है। गया के रंजन कुमार पक्षियों के लिए विगत दो वर्षों से पेड़ो और पहाड़ो पर दाना-पानी रखता है। रंजन के इस नेक कार्य को देखकर आसपास के लोग बर्ड मैन के नाम से पुकारते हैं।


Body:लोग कहते हैं गया में बिना पेड़ के पहाड़ और बिना पानी की नदी मिलता हैं। सोचिये इस गर्मी में गया में दर्जनों नदिया हैं पर उस नदी में एक बूंद पानी नही है। इंसान तो आधुनिक युग तरह तरह व्यवस्था करके जीवन यापन के लिए पानी उपलब्ध कर लेते हैं। लेकिन बेजुबान पक्षी और जानवर क्या करेगे। गया के वागेश्वरी इलाके का रहनेवाला युवक रंजन कुमार बेजुबान पक्षियों के लिए गर्मी के दिन में दाना और पानी का व्यवस्था करता है।

दिन के बारह बज रहे थे रंजन और उसके साथी रामशिला पहाड़ पर दाना और पानी लेकर चढ़ने लगे। गगनचुंबी रामशिला पहाड़ पर रंजन के सीमेंट से सपोरा बनाया है। नीचे से ऊपर तक जगह जगह सपोरा बनाया गया हैं। सभी सपोरा में दाना और पानी भरते हुए पहाड़ के चोटी तक पहुँच जाते है। पहाड़ से उतरते समय पेड़ो पर रखे सपोरा में दाना और पानी देते आते हैं। रंजन और उसके साथियों का ये रोज का काम है।

रंजन खुद गरीब परिवार से आते हैं। रामशिला पहाड़ पर ही छोटा घर है। उसी घर मे सुबह और शाम निःशुल्क बच्चों को पढ़ाते है। समाजसेवा का जज्बा कूट कूट कर के भरा हुआ है। कभी कैंसर पीड़ित को आर्थिक मदद करते हैं तो कभी गरीब लड़की के शादी में सामग्री जाकर देते हैं। पहले ये सभी कार्य खुद करते थे अब भीमराव अंबेडकर शिक्षण संस्था बनाकर युवा को जोड़ते हैं।

रंजन बताते हैं सुबह और शाम गरीब बच्चों को पढ़ता हूँ दोपहर में रामशिला पहाड़ पर जाकर पक्षियों के लिए दाना और पानी रखता हूं। दाना और पानी रखने का प्रेरणा टीवी चैनल पर एक शो देखने से मिला। विगत दो सालों से पक्षियों के लिए दाना-पानी रखते आ रहा हूं। पहले पेड़ो पर रखता था अब पहाड़ो पर, मन्दिर और मस्जिद पर सपोरा बनाकर रखता हूँ। शुरू में अकेले ही लगा था अब पांच से छः लोग इसमें साथ देते हैं। मैं लोगो से अपील करता हूँ आप भी अपने घर और आसपास कम से कम पानी जरूर रखिये। ये बेजुबान जानवर दाना और पानी के वजह पलायन कर रहे हैं या विलुप्त हो रहे हैं।


Conclusion:
Last Updated : May 1, 2019, 3:31 AM IST
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